कल का पंचांग Panchang- आज और कल का पंचांग देखें?

पंचांग का अति के समय से ही बहुत महत्व माना गया है ज्योतिष शास्त्रों में भी पंचागं को बहुत महत्व दिया गया है. Aaj ka panchang हिन्दू धर्म में किसी भी प्रकार का कार्य करने के लिए सबसे पहले पंचांग को देखा जाता है. तथा पंचांग देखे बिना कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है आज के समय में भी लोग आज का पंचांग क्या है यह देखकर ही अपना कार्य करते हैं.

कल का पंचांग Panchang- आज और कल का पंचांग देखें?

पंचांग का हमारे जीवन में बहुत महत्व है कयोकि पंचांग के द्वारा ही हमे पता चलता है कि आज के दिन कौन सा समय हमारे लिए शुभ है और कौन सा समय अशुभ है इसलिए हम अपना कार्य  शुभ मुहूर्त में करते हैं और अशुभ समय में अपना कार्य रोक देते हैं  इसलिए किसी भी प्रकार का अच्छे काम जैसे – शादी – विवाह, ब्यवसाय की शुरुआत, ग्रह प्रवेश, उत्सव, पूजा – पाठ ,व्रत आदि को करने के लिए शुभ मुहूर्त को देखकर ही किया जाता है.जिसके लिए आज का पंचांग को देखना बहुत जरुरी होता है.

पंचांग को हिन्दू कैलेंडर भी कहा जाता है जिसे वैदिक ज्योतिष के आधार पर बनाया गया है हिंदू धर्म मे विशेष कार्यो के लिए शुभ मुहूर्त देखकर करने की मान्यता सदियों से चली आ रही है जिसमें विभिन्न समय और तिथियों पर आकाश में खगोलीय वस्तुओं की दशा ब्यौरा दिया जाता है आज हम आपको आज का पंचांग की पूरी जानकारी देंगे.

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Aaj ka panchang 16 November – new delhi

सूर्योदय का समय = 06:44:05

सूर्यास्त का समय = 17:27:15

चंद्रोदय का समय = 15:52:59

चंद्रस्त का समय = 28:42:59

Panchang 16 November

तिथिः  = द्वादशी -08:04:13 तक

नक्षत्रः  = रेवती – 20:15:06 तक

योगः  = सिद्धी -25:45:37 तक

वारः  = मंगलवार

 पक्षः  = शुकल बालव – 08:04:13 तक

करण = कौरव -20:55:26 तक

आज का पंचांग 17 November

अभिजित मुहूर्त  =  शुभ मुहूर्त No

विजय मुहूर्त    = 01:53:  PM to 02:36 Pm तक

Aaj ka panchang

आज का पंचांग का मतलब है पांच अंग कयोंकि यह पांच अंगो से मिलकर बना है पंचांग में नक्षत्र, तिथि, योग, करण और वार पांच अंग होते हैं इसे पंचांगम् भी कहते हैं मनुष्य को अपने जीवन में किसी भी काम को करने के लिए शुभ मुहूर्त को देखना होता है इसे देखने के लिए पंचांग में पांच अंग और तीन धाराये होती है धाराये इस प्रकार है चंद्र, नक्षत्र, सूर्य!

तिथि: जब चंद्र और सूर्य के अंतरांशो के मान 12 अंशों का होता है उसे तिथि कहते हैं इसके बाद जब मान 180 अंश का होता है तो पूर्णिमा तथा 0 या 360 अंश के समय को अमावस कहते हैं एक महीने में ज्यादातर 30 दिन होतें है जिसे दो पक्षो में बाटा गया है कृष्ण पक्ष और शुकल पक्ष मास के 30 दिनों में 15 दिन कृष्ण पक्ष और बाकी के15 दिन शुकल पक्ष होतें है कृष्ण पक्ष की सबसे पहली तिथि को कृष्ण प्रतिपदा और अंतिम तिथि को आमवस्या कहते हैं इसके बाद शुकल पक्ष की पहली तिथि शुकल प्रतिपदा और अंतिम तिथि पूर्णिमा कहते हैं

वार: सूर्योदय और सूर्योदय के समय को वार कहते हैं इसे कुछ लोग दिन भी कहते हैं एक सप्ताह में सात वार होतें है.

नक्षत्र: तारो के समूह को नक्षत्र कहते हैं और ज्योतिष शास्त्रों में इनकी संख्या 27 होती है.

योग: हिंदू धर्म ज्योतिषियों के अनुसार योग की भी संख्या 27 होती है.

करण: एक तिथि में दो करण होतें है और तिथि के आधे हिस्से को  करण कहा जाता है इसलिए एक महीने में 30 दिन होतें है और प्रत्येक तिथि में दो करण होतें है और इस प्रकार एक महीने में 60 करण होतें है करण के दो भाग होतें है चरकरण और स्थिर करण

Aaj ka panchang se का महत्व

  1. आज का पंचांग से आप प्रतिदिन के शुभ और अशुभ मुहूर्त का पता घर पर ही कर सकते हैं
  2. आज का पंचांग की तालिका में आपको शुभ और अशुभ समय कब है इसकी जानकारी का  पता लगा सकते हैं
  3. आज का पंचांग को देखकर ही आपको अपने जीवन में कार्य करना चाहिए
  4. अशुभ समय में अपना काम रोक देना चाहिए आज के पंचांग के हिसाब से!

आज का पंचांग से संबंधित

सूर्योदय: सूर्य के निकलने के समय को सूर्योदय कहते हैं

सूर्योस्त: सूर्य के अस्त तथा सूर्य के छिपने के समय को सूर्योस्त कहते हैं और पंचांग में आपको इस समय की जानकारी प्राप्त की गयी है सूर्योस्त और सूर्योदय का समय ज्योतिष में बहुत महत्व है