आज हमारे देश में जितने लड़के महत्वपूर्ण होते हैं, उतनी ही लड़कियां भी महत्वपूर्ण होती है,क्योंकि आज देश के हर बड़े से बड़े काम में लड़की की बहुत बड़ी भागीदारी देखी जाती है। आज भी पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या में बहुत कमी देखने को मिल रही है। इसका कारण आप सभी जानते हैं कि कन्या भ्रूण हत्या, दहेज, हत्या, बलात्कार, गरीबी, अशिक्षा भेदभाव इन सभी कारणों से महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचारों की वजह से आज महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस करती है और देश में लड़कियों की संख्या लड़कों के अनुपात में बहुत घटती ही जा रही है।
सरकार बेटियों को बचाने के लिए बहुत से जागरूकता अभियान चला रही है। ताकि कन्या भ्रूण हत्या और लैंगिक असमानता के अपराध को रोका जा सके। इसके अलावा भी सरकार बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा दे रही है। लड़कियों के जन्म से लेकर उनकी शादी का पूरा सहयोग सरकार के द्वारा सभी लड़कियों को दिया जा रहा है। सरकार ने बेटियों की सुरक्षा को लेकर बहुत कड़े इंतजाम किए हैं। आइए जानते हैं आज हम बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान क्या है। इसके द्वारा सरकार किस तरह के कार्य कर रही हैं आज हम बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान पर लिखने जा रहे है, आइये जानते है..

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प्रस्तावना
आज हमारा देश इतना आधुनिक होता जा रहा है। लेकिन फिर भी यहां पर लड़कियों को जीने का हक जैसे छीन लिया गया है। जब आप किसी लड़की को जन्म नहीं दे सकते, उसका पालन-पोषण नहीं कर सकते तो उसको मारने का हक किसने दिया है। जन्म और मृत्यु तो भगवान की देन होती है, लेकिन कुछ समझदार लोगों ने खुद को भगवान समझ कर गर्भ में पल रही लड़कियों को मार गिराया है।
इसका कारण है लिंगानुपात अर्थात लड़के लड़कियों में भेदभाव,ओर अशिक्षा। हमारे प्राचीन ग्रंथों में भी औरत को पूजनीय माना गया है और उसको मां के समान दर्जा दिया गया है। कहते हैं जहां औरतों की इज्जत नहीं होती वहां पर भगवान भी निवास नहीं करते हैं। आज इस धरती पर महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के समान अपनी हर जिम्मेदारी को निभा रही है. Also Read: Hogatogo Apk- Hogatogo Apk Kaise Download Kare?
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत में शुरू किया गया था। इस अभियान को शुरू करने पर नरेंद्र मोदी जी ने कहा था कि बेटियों के जन्म होने पर उसको एक ऐसे बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाना चाहिए ताकि लगे कि जैसे बेटे का जन्म उत्सव हुआ है अर्थात बेटियों का जन्म उत्सव भी बेटों के जन्म उत्सव के समान मनाया जाना चाहिए।
इसके अलावा जिसके घर में बेटी पैदा होती है, उस परिवार के सभी लोगों को बेटी के पैदा होने पर कम से कम पांच पेड़ लगाने का संकल्प भी लेना चाहिए। बेटी को भी बेटों के समान हक मिले, इसीलिए इस अभियान की शुरुआत की गई थी। वैसे तो हमारे देश में सभी महिलाओं को पूजनीय अर्थात देवी के समान पूज्यनीय माना जाता है। लेकिन हमारा देश एक पुरुष प्रधान देश है।
लड़के लड़कियों में भेद वाली सोच आज से ही नहीं बल्कि पुराने समय से ही चली आ रही है। वैसे जब से सरकार के द्वारा बेटियों को लेकर बहुत सी योजनाएं और अभियान चलाए हैं, तो थोड़ा हमारे समाज में बेटियों के जन्म को लेकर लोगों की सोच में बहुत अंतर देखने को मिला है। और सरकार के द्वारा आज पूरे देश मे कन्या भ्रूण हत्या और बलात्कार, औरतों की सुरक्षा के लिए बहुत सख्त कानून बना दिए गए हैं।
देश की प्रगति में भी महिलाओं की भागीदारी
आज हमारे देश में सभी बेटियां महिलाएं हर कार्य क्षेत्र में पुरुषों के समान कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है या यह कह सकते हैं कि यह पुरुषों के मुकाबले अधिक काम कर रही हैं। बाहर के काम के अलावा घर के कार्यों में भी पूरा सहयोग देती हैं।
फिर भी महिलाओं की बहुत दुर्दशा देखने को मिलती हैं। हमारे प्राचीन ग्रंथों में भी कहा गया है कि ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता” अर्थात “जहां नारियों की पूजा और सम्मान किया जाता है, वहां देवता भी निवास करते हैं।” देश की प्रगति के लिए आज हमारे समाज में सभी लोगों को एकजुट होकर अपने घर से ही लड़के और लड़की के बीच का अंतर खत्म करके एक नई पहल शुरू करनी चाहिए।
शुरुआत से ही बेटे बेटे को एक समान दर्जा देकर उनको आगे बढ़ने की प्रेरणा देनी चाहिए, क्योंकि ये बेटे बेटियां हमारे देश के उज्जवल भविष्य हो सकते हैं। आज हमारे देश की प्रगति में महिलाओं का बहुत बड़ा सहयोग रहा है। आज देश के बॉर्डर से लेकर, चिकित्सक कार्यों में, शिक्षिका के रूप में, जज के रूप में,देश की प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति के रूप,सभी राजनीतिक क्षेत्रों में आप महिलाओं को कहीं ना कहीं किसी भी बड़े पद पर देख सकते हैं। इतना ही नहीं देश में ऐसी भी सुनीता विलियम्स,कल्पना चावला जैसी महान महिलाएं हुई है जिन्होंने अंतरिक्ष में भी अपना स्थान हासिल किया है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का उद्देश्य
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को महिला व बाल विकास मंत्रालय, परिवार एवं स्वास्थ्य मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के द्वारा शुरू की गई एक पहल है। शुरू से यह तीनों कार्यालय ही एक साथ मिलकर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को सफल बनाने का कार्य कर रहे हैं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के उद्देश्य निम्न है..
1.बेटियों को लेकर हो रहे लिंग भेदभाव को समाज से खत्म करना।
2.कन्या भ्रूण हत्या जैसे अपराध को जड़ से खत्म करना।
3.बेटियों का पूर्ण रूप से सही संरक्षण प्रदान करना।
4.समाज में महिलाओं को सही शिक्षा और सम्मान मिले इस बात को भी सुनिश्चित करना है।
Conclusion
लड़कियों का आज समाज में हो रहे शोषण इसका मुख्य कारण अशिक्षा है।आज हमने आपको इस आर्टिकल के द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के बारे में जानकारी बताई है। उम्मीद है आपको हमारे द्वारा दी गई यह सभी जानकारी पसंद आई होगी। इसी तरह की अन्य किसी भी जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट से जुड़े रह सकते हैं या यह जानकारी अगर पसंद आए तो कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट करके भी बता सकते हैं।
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