bharat ka sabse bada gawn – आर्मी वाले इस गवँ की खास बाते

गांव सभी के जीवन का एक अहम हिस्सा होता है आजकल ज्यादातर पीढ़ी शहर में जन्म ले रही है और वहीं रह जा रही है। मगर किसी जमाने में गांव जिंदगी की शुरुआत हुआ करती थी, गांव रिश्ते और दोस्ती की मिसाल हुआ करती थी। आज भी गांव शब्द को बड़े अदब से लिया जाता है क्योंकि यहीं से हमारे बाप दादा ने अपनी जिंदगी की शुरुआत की थी आज हम आपको भारत के प्रसिद्ध गांव के बारे में बताने जा रहे है जो bharat ka sabse bada gawn है। 

अगर आप भी bharat ka sabse bada gawn कौन सा है यह सर्च कर रहे है तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं हम यहां आपको भारत के प्रसिद्ध गांव के बारे में बताने जा रहे हैं। 

bharat ka sabse bada gawn

bharat ka sabse bada gawn

bharat ka sabse bada gawn गहमर है। गहमर गाजीपुर जिले का एक प्रसिद्ध गांव है। गहमर केवल भारत का ही नहीं वह एशिया का सबसे बड़ा गांव है। गहमर पटना और मुगलसराय स्टेशन के बीच स्थित है। गम हर गांव को कामाख्या माई के मंदिर के वजह से भी जाना जाता है इस गांव के दक्षिणी भाग पर कामाख्या माई का एक प्रसिद्ध मंदिर है। 

यह गांव आबादी और क्षेत्रफल दोनों तरीकों से एशिया का सबसे बड़ा गांव है। इस गांव को आर्मी का गांव भी कहा जाता है क्योंकि इस गांव की अधिकांश आबादी आर्मी में नौकरी है। 

गमहर गांव की कुछ खास बातें

जैसा कि आपने अब तक जाना कि गम हर गांव को कामाख्या मंदिर की वजह से जाना जाता है और साथ ही इसकी आबादी और क्षेत्रफल की वजह से भी यह काफी प्रचलित है मगर इसके अलावा इस गांव के विभिन्न खास बातें है जिनके बारे में विस्तारपूर्वक नीचे बताया गया है। 

  • इस वक्त गम हर गांव में 10000 से ज्यादा लोग इंडियन आर्मी में काम कर रहे है। इस गांव में इस वक्त तक 14000 से ज्यादा लोग इंडियन आर्मी से रिटायर्ड है। 
  • गमहर गांव हाजीपुर से 50 किलोमीटर दूर स्थित है यह गांव एक रेलवे स्टेशन भी है जो पटना और मुगलसराय के बीच स्थित है। 
  • इतिहासकारों के मुताबिक 1530 में कुसुम देव राव नाम के एक आदमी ने इस गांव को सकरा डी नाम के एक स्थान पर बसाया था। 
  • गम हर ऐसा गांव है जो 22 टोलो में बटा हुआ है और इस गांव के हर टोला का नाम एक प्रसिद्ध सैनिक के नाम पर है। 
  • बात प्रथम विश्वयुद्ध की करें या द्वितीय विश्वयुद्ध की साथ ही कारगिल की लड़ाई हो या भारत की 1975 की लड़ाई इस गांव के लोग हर लड़ाई में बढ़ चढ़कर भाग लिया है। 
  • प्रथम विश्वयुद्ध के वक्त गम हर गांव से 228 सैनिक अंग्रेजी सैनिकों की ओर से लड़ाई कर रहे थे जिसमें से 21 शहीद हुए थे। 
  • इस गांव के लोग सैनिक बनने के लिए बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते है इस बात से प्रभावित होकर भारतीय सरकार के वाराणसी आर्मी कैंटीन की सुविधा गांव के लोगों के लिए मुहैया करवाई थी जहां से हर साल गांव के लोगों के लिए सामान जाता था मगर यह सुविधा कुछ सालों से बंद चल रही है। 

निष्कर्ष

उम्मीद करते है इस लेख से आपको भारत के सबसे बड़े गांव के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी मिली होगी यह सवाल कई बार परीक्षाओं में पूछा जाता है इस वजह से याद रखें कि गमहर गांव भारत का ही नहीं एशिया का सबसे बड़ा गांव है। या गांव अपने आर्मी गतिविधियों की वजह से काफी चर्चा में रहा है इस लेख से अगर आपको गमहर गांव के बारे में जानकारी मिली है तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें और अपने विचार हमें कमेंट करके बताना ना भूले।