वेद शास्त्र के द्वारा ही हिंदू संगठन बनती है वेद में भारत की आत्मा का निवास है वेदों में ही जो ज्ञान है वह सरकार की किसी भी लेखक के द्वारा लिखी पुस्तक में नहीं होता है वेदों को ज्ञान का भंडार कहा गया है क्योंकि वेदों की रचना भगवान श्री ब्रह्मा जी के द्वारा की गई थी वेद की भाषा और मर्म को पुराणों के बिना समझना बहुत मुश्किल है.
पुराण भारतीय संस्कृति में ज्ञान विज्ञान परंपरा संस्कृति के सबसे महत्वपूर्ण स्त्रोत माने जाते हैं महर्षि वेदव्यास ने सभी लोगों के कल्याण के लिए और ब्रह्मा के द्वारा मौखिक रूप से रचित पुराणों का हुनर लेखन संपादन किया है लगभग इन लोगों की संख्या 100 करोड़ से हटाकर 400000 कर दी थी महर्षि वेदव्यास जी के द्वारा अट्ठारह महापुराण लिखे गए हैं, उनमें से एक पुराण भविष्य पुराण भी है।
भविष्य पुराण का अर्थ मतलब आने कल में क्या होगा इसके लिए हर कोई मनुष्य आज के समय में जानना चाहता है और उस सच्चाई को बदलना चाहता है जो कि मनुष्य जीवन में ना कभी घटित हो आज के समय में इंसान की वर्तमान में रहकर भविष्य जानने की जिज्ञासा बहुत अधिक बढ़ रही है एक तरह से तो भविष्यवाणियों में विश्वास नहीं करता लेकिन भविष्य पुराण के अनुसार हर इंसान को भविष्य के बारे में जानकारी होनी जरूर चाहिए आइए जानते हैं भविष्य पुराण के बारे में
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आखिर होता क्या है भविष्य पुराण
हिंदू सनातन धर्म में सभी विद्वानों का मानना है कि भविष्य पुराण के अंदर पहले 5000 लोक हुआ करते थे,लेकिन जैसे समय बदलता गया वैसे वैसे आश्रम,गुरुकुल शिक्षा और सनातन सभ्यता का भी पतन होता गया ऐसे में सभी पुराने ग्रंथ वेद और पुराणों में लिखी हुई सारी बातें भी बदल गई अर्थात सभी बातें धूमिल हो गयी है। पुराणों के अधिकतर अंशु विलुप्त हो चुके थे।
आज वर्तमान समय में भविष्य पुराण के अंदर 129 अध्याय और 18000 किलो की बाकी रह गए हैं। बहुत ही घटनाएं जो घट चुकी है, भविष्य में घटने वाली है उन सभी से आज भी इंसान पूरी तरह अनभिज्ञ हो चुका है। भविष्य पुराण के अंदर भारत के आधुनिक इतिहास का भी वर्णन किया गया है। इसके अलावा भारत के तीर्थ स्थान, धार्मिक उपदेश, व्रत वृतांत, नित्य कर्म, सनातन संस्कृति, संस्कार आदि सब को भी परिभाषित किया है।
भविष्य पुराण में जीसस व मोहम्मद
भविष्य पुराण को महाभारत काल के समय में लिखा गया था तब संसार में कोई और दूसरा धर्म पंथ संस्कृति का कोई अस्तित्व नहीं था। फिर भी भविष्य पुराण के अंदर ईशा मसीह, अल्लाह मोहम्मद के साथ दुनिया में इस्लाम और ईसाई में सब की शुरुआत के बारे में भी विस्तृत वर्णन किया गया है।
भविष्य पुराण में ही ईसा मसीह के बारे में बताया गया है। यह बात भविष्य पुराण के प्रति वर्ग वर्ग के तीसरे खंड के दूसरे अध्याय में एक इस श्लोक में कही गई है –
म्लेच्छदेश मशीहोअहम समागतः
ईसा मसीह इति च ममनाम प्रतिष्ठितम
इसके अलावा मुस्लिम धर्म के मोहम्मद साहब के बारे में भी भविष्य पुराण में वर्णन किया गया है। भविष्य पुराण के अंतर्गत पिशाच का दर्जा दिया गया है और भविष्य पुराण के पुराण पर्व तीन खंड 3 अध्याय एक के श्लोक 25, 26, 27 श्लोक में इनका वर्णन हुआ है।
लिंडगच्छेदि शिखाहीनः श्मश्रुधारी सदूषकः,
उच्च लापी सर्वभक्षी भविष्यति जनों ममः।
विना कौलं च पष्वसतेशः भक्शा मतामम।।
संस्कारः कुशेरिव भविष्यति तस्मानुमुस्लवंतो हि जातियों धर्मदुष्का
इटिपिशास्जधर्मश्चय भविष्यति मया कृतः
महामद इटिख्यतः शिष्यशाखा समन्वितः
नृप च अश्र्वेव महादेवम मरुष्टलनिवासिनीम
भविष्य पुराण में इन दोनों धर्मों के बारे में ही पहले से ही इनके शुरू होने के लाखों साल पहले ही लिख दिया था।
भविष्य पुराण में कलयुग का वर्णन
भविष्य पुराण में कलयुग के बारे में लिखा हुआ है। कलयुग में कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के भेद को नहीं मानेगा विवाह को धर्म नहीं माना जाएगा, शिष्य गुरु की इज्जत नही करेगा, बेटा बाप की सेवा नहीं करेगा, और ना ही अपने पुत्र धर्म को अपनाएगा। लोग अपनी कन्या को बेचकर पैसे कमाएंगे। वेदव्यास जी बताते हैं कि कलयुग में थोड़े पैसों के लिए ही है इंसान बहुत अधिक घमंड करेगा। लोग एक से ज्यादा अधिक स्त्रियों के धनी होंगे गरीब पुरुषों का त्याग किया जाएगा, दान पुण्य नहीं होगा, बुद्धि सिर्फ और सिर्फ पैसे कमाने में लगी रहेगी।
कलयुग की आम जनता हमेशा मानसिक अवसाद से ही पीड़ित रहेगी इसके अलावा बाढ़ सूखा युद्ध के जैसे प्रजा का अधिक भयभीत होना, इस तरह की समस्याएं हमेशा बनी रहेगी। अक्सर कलयुग में धरती पर प्राकृतिक आपदाओं का भी सामना करना पड़ेगा। बहुत कम उम्र की लड़कियां मां बन जाएंगी और मनुष्य की उम्र भी धीरे-धीरे कम हो जाएगी भगवान की भक्ति का कोई भी ध्यान नहीं है भविष्य पुराण में बताया गया है कि मनुष्य के इस बदलते हुए व्यवहार से ही महाप्रलय का कारण बन जाएगा।
कलयुग के अंत का वर्णन
भविष्य पुराण में श्रीमद्भागवत गीता के अनुसार धरती का और धरती पर से गंगा नदी का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। अर्थात गंगा नदी सूख जाएगी। खेल नहीं होंगे गर्मी बहुत अधिक पड़ जाएगी लोगों के लिए पानी पीने तक नहीं बचेगा और पूरी धरती जल मग्न होकर डूब जाएगी। अभी कलयुग के केवल 5000 वर्ष ही खत्म हुए हैं। कलयुग की उम्र 4लाख वर्ष बताई गई है।
जब घोर कलयुग की शुरुआत हो जाएगी पृथ्वी पर अत्याचार अधिक बढ़ जाएंगे। उस समय भगवान कल्कि का अवतार लेकर जन्म लेंगे और बुराई को खत्म करेंगे उस समय में इंसान की उम्र केवल 10 वर्ष की होगी। इस तरह से भविष्य पुराण के अंदर मनुष्य के जीवन के और हमारे पृथ्वी के बारे में संपूर्ण बाद पहले से ही लिख दी गई हैं।
Conclusion
आज हमने इस आर्टिकल के द्वारा भविष्य पुराण के बारे में बताया है। उम्मीद है आपको हमारे द्वारा दी गई यह सभी जानकारी पसंद आई होगी। अगर आपको हमारी पोस्ट पसंद आई तो इसको लाइक शेयर जरूर कीजिए और कमेंट सेक्शन में जाकर कमेंट भी कर सकते हैं।
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