बिच्छू के काटने के लक्षण और घरेलु उपचार Bichchhu ke katne ka gharelu upchar?

आज हम आपको बताएंगे बिच्छू के डंक का इलाज कैसे करना है? बिच्छू के डंक का इलाज और बिच्छू के डंक मारने के मामले ज्यादातर गाँव में सुनने को मिलता है लेकिन शहर में भी काफी बिच्छू के डंक मारने के मामले देखने को मिल जाता है बिच्छू ज्यादातर बारिश के मौसम में घरों में निकल जाते हैं इनकी एक डंक मे भी बहुत ज्यादा जहर होता है जिसे यह डंक मारता है उस ब्यक्ति को बहुत अधिक पीड़ा होती है इसके डंक मारे हुए मरिज चैन से नहीं रह पाता है.

बिच्छू के काटने के लक्षण और घरेलु उपचार Bichchhu ke katne ka gharelu upchar?

इसके साथ ही शरीर में बिच्छू का जहर फैलने का डर बना रहता है अगर किसी ब्यक्ति को बिच्छू डंक मार देता है और उसके आस पास कोई होस्पिटल नहीं है तो ऐसे में आप कुछ घरेलू चीजों से ही बिच्छू के डंक का उपचार कर सकते हैं और आप मरीज की पीड़ा को कम कर सकते हैं आज हम आपको कुछ घरेलू इलाज बताने वाले है जो आप सभी के लिए जानना बहुत जरूरी है इससे आप बिच्छू का जहर घर पर ही उतार सकते हैं.

सबसे पहले आपके जिस जगह पर बिच्छू ने डंक मारा है उस जगह से थोड़ी ऊपर आपको एक कपड़े से पट्टी बाँधना है जिससे बिच्छू का जहर ऊपर की ओर ना जा सके इसके बाद आपको यह उपाय करना है.

  1. फिटकरी = फिटकरी को आप किसी साफ पत्थर पर थोड़ा सा पानी डालकर पिस कर लेप बना लेना है उसके बाद बिच्छू के द्वारा डंक मारे गये स्थान पर इस लेप को लगाना है इसके बाद इस जगह को आग से सेकना है इसके अलावा आप फिटकरी को पहले गर्म कर ले जब थोड़ा सा फिटकरी गर्म होने के कारण पिघलने लगे तो उसे बिच्छू के डंक वाले जगह पर लगा दे ऐसा करने से फिटकरी बिच्छू के डंक का सारे जहर को उतार देगा और भंयकर पीड़ा से राहत देगा.
  2. माचिस की तीली = माचिस की तीली से भी बिच्छू के डंक को उतारा जा सकता है इसके लिए आपको माचिस की 4-5 तीली से मसाला निकालना है और पानी डालकर पेस्ट बना लेना है इसके बाद बिच्छू के डंक वाले जगह पर इस पेस्ट को लगाना है इससे बिच्छू का जहर कम हो जाता है.
  3. सेंधा नमक = इसमें आपको 15 ग्राम सेंधा नमक और 75 ग्राम पानी दोनों को एक बोतल में डालकर अच्छी तरह मिलाना है ये उपाय तब काम आता है जब बिच्छू के डंक मारने का जगह समझ नही आता है तो इस स्थिति में आप ऑखो में इसकी एक एक बूंद डालकर बिच्छू के डंक का इलाज कर सकते हैं इसे आप बाकी उपाय जैसे फिटकरी, माचिस का मसाला और इमली के बीज के साथ भी कर सकते हैं.
  4. इमली के बीज = इसमें आपको इमली के बीज को पानी की मदद से घिसना है और इसका सफेद भाग निकलता है फिर जो सफेद भाग होता है उसे बिच्छू के डंक मारे गए जगह पर लगाया जाता है जब एक बीज गिर जाए तो इसी प्रकार से दूसरा बीज लगाना है इससे भी बिच्छू का जहर खत्म हो जाता है इन उपायों को करने के बाद भी आपको डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए अगर आप सुरक्षित तरिके से बिच्छू को पकड़ सकते हैं तो आप बिच्छू को किसी काच की बोतल जो थोड़ी बड़ी जिसमें बिच्छू को बंद करते समय आपको कोई नुकसान ना हो सके ऐसा करने के बाद बिच्छू की प्रजाति की पहचान करके आप जान जाते हैं कि आपको किस उपचार की जरूरत है अगर जहरीला बिच्छू है तो तुरंत आप मरीज को लेकर चिकित्सक के पास ले जाए. Also Read: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन हिंदी ? artificial intelligence in hindi ?

लाल बिच्छू के डंक के लक्षण

लाल बिच्छू का डंक काफी दर्दनाक होता है इससे इतनी अधिक पीड़ा होती है कि मनुष्य की जान भी जा सकती है इसके डंक मारने से बहुत ज्यादा सूजन के साथ दिल के कमजोर पडने के कारण फेफड़ों में रकतस्त्राव हो जाता है इस प्रकार के लक्षण होते हैं मरीज को उल्टी आने लगती है, पसीने का आना और खाँसी के साथ खून का आना शुरू हो जाता है यह सब लक्षण लाल बिच्छू के डंक मारने के चंद मिनटों बाद होने लगता है.

लक्षण

डंक लगने के निम्नलिखित व इनके अलावा और भी कई लक्षण हो सकते हैं :

  • पूरे शरीर में सुनापन
  • साँस लेने में कठिनार्इ
  • निगलने में कठिनार्इ
  • जीभ में सूजन होना और मुख में अत्यधिक लार आना
  • जी मचलाना और उल्टी होना
  • वाणी का अस्पष्ट होना
  • बेचैनी होना
  • दौरे पड़ना
  • धुंधला दिखाई देना
  • मांसपेशियों का अचानक फड़कना
  • आँखों का फिरना
  • अल्प रक्तचाप
  • हृदय की धड़कन का असामान्य रूप से धीमा पड़ना
  • अनियंत्रित मल त्याग या मूत्र होना
  • घबराहट होना

जहरीलापन

जहर निम्न पर निर्भर हो सकता है:

  • डंक लगने का स्थान- सर या धड़ के समीप, तेज़ी से विष फैलना
  • डंकों की संख्या
  • शरीर के प्रभावित स्थान पर बिच्छू के डंक की गहरार्इ
  • पीड़ित की आयु
  • पीड़ित का वजन
  • संबन्धित रोगों की उपस्थिति

आपातकालीन कक्ष

  • बर्फ की सिकाई
  • प्रभावित हिस्से (हिस्सों) को हिलाए डुलाएं नहीं
  • डंक प्रभावित स्थान को हार्ट लेवल से नीचे बनाए रखें
  • पीड़ित को आश्वस्त करें और उसे शान्त बनाए रखें
  • ऊपर वर्णित तरीके से उस स्थान के घाव की देखभाल करें
  • टेटनस प्रोफिलैक्सिस दें
  • प्रणालीगत एंटीबायोटिक्स दें
  • आईवी द्वारा क्रिस्टलॉयड्स दें
  • यदि उपलब्ध हो तो विष-निरोधी दवा दें