किसी भी देश व राज्य की गैरकानूनी गतिविधियों का पता करने व उन्हें सुलझाने के लिए एक विशेष जांच एजेंसी का गठन किया जाता हैं। जिससे हर एक घटना की जानकारी सही समय रहते मिल सके व उसे रोका जा सके। ऐसी एक कुछ प्रमुख एजेंसियों के बारे में आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे। जी हाँ, हम बात करेंगे CBI जैसी कुछ प्रमुख जांच एजेंसी के बारे में। तो बिना देरी किये शरू करते हैं आज की इस पोस्ट को जिसमे CBI से जुड़ी व उसका पूरा नाम क्या हैं यह सब जानेंगे।

CBI का फुल्लफॉर्म क्या हैं?
CBI का पूरा नाम Central Bureau Of Investigation हैं। जिसे हिंदी में केंद्रीय जाँच एजेंसी के नाम से जाना जाता हैं। CBI भारत की सबसे महत्वपूर्ण जाँच एजेंसीयों में से एक हैं, जिसके अंतर्गत देश मे होनी वाली हर एक गैर कानूनी गतिविधि व क्राइम रेट को नियंत्रित किया जाता हैं। CBI के अलावा अन्य जाँच एजेंसी भी हैं। जो अपने अपने कार्यो के आधार पर विभाजित की गई हैं। NIA, IB ओर CID यह सभी जाँच एजेंसी हैं जिनका अपने अपने कार्य हैं।
CBI का गठन आजादी से पहले सन 1941 में हुआ था। भ्रष्टाचार से लेकर आंतकवाद व देश की आंतरिक सुरक्षा को व्यस्थित रूप से बनाये रखने के लिए CBI का अपना एक अहम योगदान हैं।
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केंद्रीय जांच ब्यूरो भारत की प्रमुख जांच एजेंसी है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली, भारत में है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान देश में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी की जांच के लिए इसे पहली बार 1941 में विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के रूप में स्थापित किया गया था। बाद में इसे केंद्र सरकार के अधीन लाया गया और केंद्र और राज्य सरकारों में भ्रष्टाचार की जांच करने की शक्ति भी दी गई।
प्रमुख अपराध जांच (जैसे हत्या और आतंकवाद) सहित घरेलू सुरक्षा के प्रभारी होने पर एजेंसी को और अधिक अधिकार दिए गए थे, और इसका नाम 1963 में केंद्रीय जांच ब्यूरो में बदल दिया गया था। इसके अलावा CBI न केवल भारत की प्रमुख सुरक्षा एजेंसी मे से एक हैं, बल्कि अब तक के बड़े से बड़े जटिल ऑपरेशन को सुलझाने वाली एक मात्र जांच एजेंसी हैं।
CBI का मुख्य क्या काम होता हैं?
जैसा की हमने अभी ऊपर वर्णन किया हैं, कि CBI भारत सरकार द्वारा निर्धारित एक बह बड़ी जांच एजेंसी मे से एक हैं। जो हर एक गतिविधि को ध्यान मे रखते हुए कार्य करती हैं। अगर बात करे की CBI का कार्य क्या हैं। तो यह विशेष तोर पर बड़े बड़े केसेस को सॉल्वे करने के लिए चयनित की जाती हैं। जिसमे बहुत बड़े किसी घोटाले से लेकर किसी आतंकवादी संगठन पर ध्यान रखना या किसी बड़े मर्डर जैसे केसेस पर ध्यान रखना होता हैं।
उद्धरण के तोर पर हाल गई मे हुए सुशांत राजपूत केस की जिम्मेदारी CBI को ही सोपी गई थी जिसमे बड़े बड़े चेहरे सामने आए। ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण केसेस को सॉल्वे करने के लिए CBI अपना अहम योगदान निभाती हैं। ब्रिटिश सरकार मे संगठित हुई इस एजेंसी का पहले नाम सीबीआई के तोर पर नहीं रखा गया था। बाद मे इसके स्थापना करते हुए इसे सीबीआई का नाम दिया गया।
सीबीआई के कार्य को मुख्य तीन वर्गों मे विभाजित किया गया हैं, जो की इस प्रकार से हैं।
- एंटी करप्शन डिविशन
- इकनॉमिक ऑफ़नसे डिविशन
- स्पेशल क्राइम डिविशन
तीन डिवीजन विशिष्ट प्रकार के मामलों को पूरा करते हैं, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो लोक सेवकों द्वारा रिश्वत और भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों को देखता है। लोक सेवक की परिभाषा के लिए कवर किए गए विभाग में न केवल केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारी शामिल हैं, बल्कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भी शामिल हैं, जहां भारत सरकार की बहुलांश हिस्सेदारी है। यहां तक कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारी भी रिश्वत और भ्रष्टाचार के किसी भी मामले में इसके दायरे में आते हैं।
सीबीआई के कार्य करने का तरीका बहुत ही गोपनीय व असमझ होता हैं, जो हर किसी व्यक्ति के समझने के योग्य नहीं हैं। जिसके चलते बड़े से बड़े ऑपरेशन को सुलझाया जाता हैं। सीबीआई के द्वारा किसी भी केस की छानबीन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ओर हाई कोर्ट की पर्मिशन लेने बहुत ही आवश्यक होता हैं। इसके लिए इसकी कार्यविधि थोड़ी अलग होती हैं। सीबीआई का मुख्यालय भारत की राजधानी यानी नई दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम के पास सीजीओ कॉम्प्लेक्स में स्थित है। सीबीआई के वर्तमान निदेशक श्री ऋषि कुमार शुक्ला हैं।
आशा करते हैं,आज की इस पोस्ट के माध्यम से आपको सीबीआई के मे सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त हुई होगी। व सीबीआई की मुख्यतः कइस प्रकार से आकी जाती हैं। ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण पोस्ट को पढ़ने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक कर जानकारी ले सकते हैं।