आज हम इस आर्टिकल के द्वारा आपको “सी ओ का फुल फॉर्म इन हिंदी” के बारे में जानकारी देने वाले हैं। आपको बताएंगे कि सीओ की फुल फॉर्म और पुलिस में सीओ किस तरह से बना जाता है, इसके बारे में पूरी डिटेल इस लेख में आपको देने जा रहे हैं आइए जानते हैं सीओ का फुल फॉर्म और इससे जुड़ी हुई सभी जानकारी विस्तार पूर्वक…
सबसे पहले तो आपको बताना चाहेंगे कि सी ओ की फुल फॉर्म एक में बहुत तरह की होती है। जिनमें कुछ महत्वपूर्ण सी ओ की फुल फॉर्म होती हैं, जो कि जर्नल नॉलेज के तौर पर सभी लोगों को पता होनी चाहिए। कुछ ऐसी फुल फॉर्म भी होती हैं, जिन फुल फॉर्म का कुछ खास महत्व शायद नहीं होता है।
आज का समय बहुत कंपटीशन वाला हो चुका है। हर व्यक्ति अच्छी जॉब को करना चाहता है। ताकि वह अपनी वह अपनी फैमिली की लाइफ सिक्योर कर सके। ऐसे में सभी लोग अच्छी जॉब के साथ अच्छी तनख्वाह की भी उम्मीद रखते हैं। जिससे उनको इज्जत और पावर मिलती है। इन गिनी चुनी जॉब्स में पुलिस की एक जॉब होती है। प्राइवेट जॉब के मुकाबले पुलिस की नौकरी में भले ही आपका पद कैसा भी हो लेकिन सैलरी बहुत अच्छी मिलती है।
जब सैलरी मिलती है तो सैलरी के साथ-साथ पावर और इज्जत मिलती है। पुलिस का काम देख कर अनुशासन को बनाए रखना होता है, ताकि किसी एक व्यक्ति की लालसा की वजह से किसी और व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का हनन ना हो। आसान शब्दों में अगर कहा जाए तो पुलिस का काम लोगों को क्राइम करने से बचाना होता है।
पुलिस का काम लोगों को हर मुसीबत से निकालना होता है। तथा अपने देश समाज में हो रहे अपराधों को रोकना होता है। इसी वजह से पुलिस डिपार्टमेंट में भी अलग-अलग तरह के पुलिस के पद निर्धारित किए गए हैं। उन्हीं में से एक पद सीओ का होता है। इसीलिए आज हम आपको इस लेख के माध्यम से सी ओ का फुल फॉर्म इन हिंदी के बारे में जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं…
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सीओ क्या होता है?
सी ओ का फुल फॉर्म “सर्किल ऑफिसर” होता है। सर्किल ऑफिसर का काम स्वतंत्र पुलिस सबडिवीजन को कंट्रोल में करना या फिर यह कह सकते हैं कि उन सब को नियंत्रण में रखना होता है। स्वतंत्र पुलिस सब डिवीजन सीओ अर्थात सर्किल ऑफिसर की बात पुलिस को मानने होती है। उनके द्वारा दिए गए सभी दिशा निर्देशों को उनको फॉलो करना पड़ता है। सीईओ के पद भारत में बहुत कम राज्यों में जैसे राजस्थान, उत्तराखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश इत्यादि में बनाए गए हैं।
सीओ एक तरह से पुलिस उपाध्यक्ष(DSP) और सहायक पुलिस आयुक्त ( ACP) रैंक का ऑफिसर माना जाता है। अन्य राज्यों में आप इसको डीएसपी और जैसे बड़े-बड़े शहर मुंबई, दिल्ली इनमें पुलिस कमिश्नर के नाम से जानते हैं। यह पद या तो डायरेक्टली या फिर प्रमोशन के दौरान हासिल होते हैं अर्थात इस पद की रिक्वायरमेंट आपकी डिपार्टमेंट के अन्य पद की कुशलता के ऊपर डिपेंड करती है। इसके अलावा रिक्वायरमेंट एग्जाम में भी अव्वल आकर भी आप इस पद को हासिल कर सकते हैं।
सीओ फुल फॉर्म इन हिंदी
वैसे तो सी ओ के बहुत से फुल फॉर्म इंग्लिश में होते हैं लेकिन जो इस समय पॉपुलर हैं। सीओ का फुल फॉर्म को “सर्किल ऑफिसर” ने कहा जाता है। सीओ को हिंदी में अनुमंडल अधिकारी कहते हैं। इसके अलावा भी कुछ हिंदी में इनके फुल फॉर्म इस प्रकार से है..
Commanding officer
कमांडिंग ऑफिसर वह होता है जो निर्देश देता है और निरीक्षण करता है। मुख्य रूप से कमांडिंग ऑफिसर मिलिट्री की यूनिट के कमांड करने वाले ऑफिसर को कमांडिंग ऑफिसर कहते हैं। एक कमांडिंग ऑफिसर के पास में कुछ अथॉरिटी भी होती है। जिनके चलते कमांडिंग ऑफिसर का अपनी यूनिट पर अधिकार भी होता है। यूनिट को मिलिट्री लॉ में रखने के लिए कमांडिंग ऑफिसर का होना बहुत जरूरी है। कमांडिंग ऑफिसर को भी शार्ट में सीओ कहा जाता है।
Correction officer
करेक्शन ऑफिसर का काम चाहिए या फिर जेल जैसी किसी जगह पर होता है। करेक्शन ऑफिसर कैदियों की देखरेख का कार्य करते हैं। करेक्शन ऑफिसर का काम जेल में मौजूद कैदियों और मुकदमे का इंतजार कर रहे व्यक्तियों की जेल में सुरक्षा करना होता है।
सीओ इन लोगों की देखरेख का काम करते हैं। इनको कस्टडी में रखते हैं। सभी करेक्शन ऑफिस पर सरकार के द्वारा ही निर्धारित किए जाते हैं। कुछ जगह तो विशेष कामों के लिए करेक्शन ऑफिसर प्राइवेट कंपनियों के द्वारा एंप्लॉय निर्धारित होते हैं।
सेंट्रल ऑफिस
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट हो रहा है सेंट्रल अर्थात केंद्रीय ऑफिस मुख्य रूप से हेड क्वार्टर भी इनको कहा जाता है। इन को समझने के लिए आपको बता देना चाहते हैं कि दिल्ली में एक कंपनी की शुरुआत की गई थी। जो कि धीरे-धीरे पूरे भारत में पहले थी। अब उसके ऑफिस पूरे भारत में बहुत अधिक संख्या में सभी ऑफिस दिल्ली से कंट्रोल किए जाते हैं। दिल्ली का ऑफिस उस कंपनी का हेड क्वार्टर कहलाता है इसलिए इसको सेंट्रल ऑफिस भी कहते हैं। सेंट्रल ऑफिस सरकारी और प्राइवेट दोनों ही तरह के होते हैं।
सीओ( सर्किल ऑफिसर) बनने का प्रोसेस
अभी पहले आपको सीओ बनने के लिए किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन को करना होगा। उसके बाद आपको पीसीएस एग्जाम के लिए रजिस्ट्रेशन करना होता है। इसके बाद आपको प्री एग्जाम देना होगा। जो कैंडिडेट प्री एग्जाम पास कर लेते हैं तो उनको अपना मेन एग्जाम बात करना होगा। उसके बाद सबसे लास्ट में इंटरव्यू की बारी आती है। तीनों एग्जाम की एक मेरिट लिस्ट तैयार होती है। उस मेरिट के आधार पर सर्किल ऑफिसर (C-O)को चुना जाता है।
Conclusion
आज हमने आपको इस पोस्ट के माध्यम से “सीओ फुल फॉर्म इन हिंदी” के बारे में जानकारी प्रदान की है। हमें उम्मीद है कि जो भी इंफॉर्मेशन आपको सीओ के विषय में बताई है, आपको जरूर पसंद आएगी। अगर आप इसी तरह की जानकारियों से जुड़ना चाहते हैं तो हमारी वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं और हमारा लेख पसंद आया तो अधिक से अधिक लाइक शेयर कीजिए और कमेंट सेक्शन में जाकर कमेंट करके भी बता सकते हैं।