CRP test – कैसे करें अपने कोरोना का इलाज

ऐसा सब कोई को लग रहा है कोरोन अब खत्म हो चुका है मगर आपको बता दें कि अभी भी कोरोना के कुछ एक केस आ रहे हैं और कोरोना नाम की बीमारी हमारे समाज में इस वक्त भी बड़ी गंभीर रूप में मौजूद है। CRP test ही वह विकल्प है जिसका इस्तेमाल करके आप कोरोना वायरस से आपने आप को बचा सकते है। 

आज के लेख में हम आपको CRP test के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देंगे ताकि आप इस टेस्ट का इस्तेमाल करके स्वयं को कोरोना वायरस की चपेट से दूर रख पाए साथ ही अपने और अपने परिजनों की जान बचा पाए। 

CRP test

CRP test

यह एक ऐसा टेस्ट है जिसमें आपका फेफड़ा कोरोना वायरस की चपेट में किस कदर आया है इसका अंदाजा लगाया जाता है। इस टेस्ट को सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट भी कहा जाता है और जब भी आजकल किसी व्यक्ति का तबीयत खराब होता है साथ ही उसे फेफड़ों में तकलीफ होती है तो 14 दिन काफी अहम माना जाता है क्योंकि कोरोना वायरस 14 दिन तक इंसानी शरीर में रहता है। 

इन 14 दिनों में कोरोना वायरस को सबसे अहम माना जा रहा है। इस टेस्ट के जरिए बीमारी की गंभीरता का पता लगाया जाता है अगर आप सही समय पर CRP test करवाते है तो यह पता लगाया जा सकता है कि कोरोना वायरस आपके शरीर को किस हद तक तकलीफ पहुंचा चुका है और वक्त रहते इसका इलाज भी किया जा सकता है। 

CRP test का लाभ

यह एक ऐसा टेस्ट है जो आपके शरीर में वायरस के गतिविधि के बारे में बताता है केवल इतना से ही आपको इस टेस्ट किया है नियत के बारे में पता चल गया होगा अगर इस संबंध में विस्तार पूर्वक आप को बताए हैं तो। 

  • CRP test से हमें पता चलता है कि हमारे फेफड़ों को कोरोना वायरस ने किस हद तक अपनी चपेट में ले रखा है और अब इसका इलाज करवाना संभव है या नहीं। 
  • इस टेस्ट को करवाने से बिना सिटी स्कैन के यह पता चल जाता है कि बीमारी में इंफेक्शन की मात्रा कितनी है अर्थात जिस व्यक्ति को हुआ है उसे को रनटाइम में रहना चाहिए या वह अपनी इम्यून सिस्टम से ही इस बीमारी से बाहर आ सकता है या नहीं। 

कब करवाना चाहिए CRP test

लोगों के बीच इस बात को लेकर भी मतभेद होता ही रहता है कि किसी कोरोना संक्रमित इंसान को अपना सीआरपी टेस्ट कब करवाना चाहिए। आपको बता दें कि डॉक्टरों के अनुसार कोरोना पॉजिटिव आने के 4 से 5 दिन के भीतर आपको अपना सीआरपी टेस्ट करवा लेना चाहिए। 

जब भी किसी को तीन से चार देना बुखार सर्दी खांसी जैसी समस्या बनी रहती है तो उसे भी अपना सीआरपी टेस्ट करवा लेना चाहिए क्योंकि यही सारे लक्षण कोरोना वायरस संक्रमित इंसान के होते हैं। तो अगर अगर किसी व्यक्ति का कोरोना पॉजिटिव आता है तो उसे 14 दिन तक क्वॉरेंटाइन रहने का सुझाव दिया जाता है और इसी दौरान उसे अपना सीआरपी टेस्ट भी करवा लेना चाहिए ताकि इस बात का अंदाजा लगाया जा सके कि कोरोना वायरस ने उसके फेफड़े को किस हद तक परेशानी पहुंचाई है और इलाज करके उसे बचाना संभव है या नहीं। 

Frequently Asked Questions (FAQ)

CRP test का फुल फॉर्म क्या होता है?

सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट CRP test का फुल फॉर्म है। 

किसी व्यक्ति को अपना सीआरपी टेस्ट कब करवाना चाहिए?

जब किसी व्यक्ति को तीन-चार दिन से खांसी सर्दी बुखार जैसी समस्या हो या कोरोना पॉजिटिव आने के 3 से 4 दिन के भीतर उसे अपना सीआरपी टेस्ट करवा लेना चाहिए।

किस तरह के लोग अपना CRP test नहीं करवा सकते?

डॉक्टरों की मानें तो हर उम्र के लोगों को कोरोना वायरस के चपेट में आने पर अपना सीआरपी टेस्ट करवाना चाहिए मगर कम उम्र के बच्चों के ऊपर इसे हम नजरअंदाज कर सकते हैं। 

निष्कर्ष 

उम्मीद करते हैं ऊपर दी गई सभी जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़ने के बाद आप CRP test के बारे में सब कुछ अच्छे से समझ पाए होंगे इस बीमारी का क्या इलाज है और कैसे लोग अपना सीआरपी टेस्ट करवा कर अपने आप को कोरोना वायरस से बचा सकते हैं इस बारे में हमने आपको सभी बातें हैं विस्तार पूर्वक बताने का प्रयास से किया अगर इससे आपको लाभ होता है तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें साथ ही अपने सुझाव और विचार हमें कमेंट कर बताना ना भूलें।