Cycle Ka Avishkar Kisne Kiya? Cycle का अविष्कार किसने किया?

आधुनिक युग की सबसे बड़ी व दुर्लभ खोज का श्रेय अगर किसी को जाता हैं तो उसमें सबसे पहले cycle का नाम आता हैं। जी है पहिये की खोज के बाद सबसे पहले यातायात के साधनों में अंकित होने वाला एकमात्र साधन साईकल हैं। क्या अपने कभी यह सोचने की कोशिश की हैं, कि साईकल का अविष्कार किसने किया और कब किया।

आज के इस आर्टिक्ल के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि साईकल की खोज किसके द्वारा की गई हैं। आज के डिजिटल युग मे एक जहाँ साईकल का उपयोग मात्र एक व्यायाम का हिस्सा बन गया हैं वही किसी समय मे साईकल का होना एक बहुत बड़ी उपलब्धि माना जाता था। तो चलिए शरू करते हैं आज के इस आर्टिकल को जिसमे हम आपको साईकल से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी देने की पूरी कोशिश करेंगे। 

Cycle Ka Avishkar Kisne Kiya?

आज के इस नवीन दौर में एक जहाँ ज्यादातर लोग बाइक व कार के उपयोग को ज्यादा महत्व देते हैं। वही साईकल की अपनी एक भूमिका हैं। पर्यावरण को नियंत्रित करने व मानव समाज मे हेल्थ की प्रीति जागरूकता को ध्यान में रखते हैं नित्य ही साईकल के उपयोग की सलाह दी जाती हैं। परंतु कुछ ही लोग इस पर अमल कर पा रहे हैं। साईकल एक ऐसा यातायात का अमोग साधन हैं जो न केवल कोई तेल इत्यादि की खपत करता हैं। बल्कि 20-25 किलोमीटर तक की दूरी बड़ी सरलता से तय कर सकता हैं। 

Cycle का अविष्कार किसने किया?

साईकल जिसे अंग्रेज़ी भाषा मे बाइसिकल के नाम से भी जाना जाता हैं। इसका निर्माण सर्वप्रथम जर्मनी के एक वैज्ञानिक Karl Drais ने वर्ष 1817 में किया था। सबसे पहले इसके आकार को दूसरा रूप दिया गया था, परंतु धीरे धीरे समय की मांग को देखते हुए इसको पूरी तरह से नया रूप दिया गया। साईकल के आविष्कार को अन्य खोज की स्तरों में सबसे अलग माना जाता हैं। क्योंकि मोटरसाइकिल के आविष्कार की नींव साईकल से ही शरू होती हैं। अगर आप साईकल चलाने में सक्षम नही हैं तो मोटरसाइकिल की सवारी करना आपके लिए असंभव हैं। ठीक उसी तरह साईकल की उत्पत्ति को विश्वभर में अलग स्थान दिया गया हैं। 

साइकिल के परिवहन का व्यावहारिक रूप बनने से बहुत पहले एक पहिएदार, मानव-चालित वाहन का पहला ज्ञात पुनरावृत्तियों का निर्माण किया गया था। 1418 में, एक इतालवी इंजीनियर, जियोवानी फोंटाना (या डे ला फोंटाना) ने एक मानव-संचालित उपकरण का निर्माण किया जिसमें चार पहियों और गियर से जुड़ी रस्सी का एक लूप, इंटरनेशनल साइकिल फंड -आईबीएफ के अनुसार हुआ।

ड्रैस के शौक के घोड़े वायुगतिकीय गति मशीनों से बहुत दूर थे जो आज की साइकिल हैं। 50 एलबीएस में वजन। (, इस साइकिल पूर्वज में लकड़ी के फ्रेम से जुड़े दो लकड़ी के पहिये थे। राइडर्स एक असबाबवाला चमड़े की काठी पर बैठ गए, जो फ्रेम से सटी हुई थी और लकड़ी के हैंडलबार्स के मूल सेट के साथ वाहन को चलाती थी। कोई गियर और कोई पैडल नहीं थे, क्योंकि सवारों ने बस अपने पैरों से डिवाइस को आगे बढ़ाया।

साईकल के कितने प्रकार होते हैं?

आमतौर पर हम अपने दैनिक जीवन मे एक ही सामान्य रूप की साईकल देखते हैं। परंतु साईकल को मुख्यतः तीन वर्गो में विभाजित किया गया हैं जो इस प्रकार से हैं;

  1. एमटीवी
  2. हाइब्रिड
  3. सड़क या शहर

एमटीवी साईकल की बात करे तो इसे दूसरे रूप में रेंजर के नाम से भी जाना जाता हैं। यह cycle मुख्य रूप से मोटे व भारी वजन की होती हैं जो वास्तुतः पहाड़ो पर उपयोग की जाती हैं। इसकी कीमत 5000₹ से लेकर 20,000₹ तक की होती हैं। वर्तमान समय मे इसका प्रचलन अधिक देखा जा रहा हैं।

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हाइब्रिड साईकल वजन में थोड़ी हल्की होती हैं व इसे ज्यादातर शहरो में इस्तमाल किया जाता हैं। अत्यधिक उबड़ खाबड़ रास्तो में इसके प्रयोग से हानि हो सकती हैं। इसकी कीमत एमटीवी साईकल की तुलना में अधिक होती हैं।

इसके अलावा सड़क या शहर नामक साईकल की उत्पत्ति खुदरे धरातल के लिए होती हैं। इस साईकल में डिस्क ब्रेक की सुविधा होती हैं जो महज शहर में अधिक उपयोग होते हैं। 

साईकल के जितने फायदे हैं उतने अन्य किसी साधन के शायद ही होंगे। परंतु विडंबना यह हैं कि इसका इस्तेमाल दिन प्रितिदिन कम होता जा रहा हैं। आज ज्यादातर शरीर विशेषज्ञ स्वास्थ को सही रखने के लिए व्यायाम के साथ साथ साईकल चलाने की सलाह देते हैं। ऐसे में साईकल के फायदों को ध्यान में रखते हो उसकी महत्ता को समझा जा सकता हैं। आशा करते हैं आज की इस पोस्ट की मदद से आपको साईकल के आविष्कारक व इसकी उत्पत्ति कब हुई के विषय मे सम्पूर्ण जानकारी हासिल हुई होगी।