आज पूरा विश्व कोविड-19 ओमिकरों जैसी भयानक महामारी से जूझ रहा है। इन्हीं सब परेशानियों को देखते हुए सभी देश विदेश की सरकार ने अलग-अलग प्रकार की इस बीमारी से बचाव के लिए वैक्सीन के निर्माण का कार्य कर रही है और लोगों को सुरक्षित भी कर रही है। ऐसा ही हमारे देश ने भी कुछ काम करके दिखाया और जिन बच्चों ने आज 18 वर्ष की आयु को पूरा कर लिया है। और कोविड-19 जैसी बीमारी को हराने के लिए वैक्सीन लगवा रहे हैं। उस वैक्सीन का नाम कोवैक्सीन है। यह वैक्सीन पूरी तरह भारत में ही बनकर तैयार की गई थी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसको वैक्सीन को बनाने के लिए जिस आदमी ने अपना पूरा समय दिया था आज हम इस आर्टिकल में उसी के बारे में आपको जानकारी वाले हैं। उस महान व्यक्ति का नाम है डॉक्टर कृष्णमूर्ति इला। यह भारत के बायोटेक के फाउंडर और चेयरमैन हैं। इनकी कंपनी के द्वारा ही कोविड-19 के लिए को वैक्सीन का निर्माण किया गया है।
आज हम आपको डॉक्टर कृष्ण एला के जीवन के बारे में बताने जा रहे हैं। डॉक्टर कृष्णमूर्ति इला का प्रारंभिक जीवन कैसा था और क्यों उन्होंने विदेश में से वापस भारत में आकर अपनी खुद की कंपनी की स्थापना की। जिससे आज इस भयानक बीमारी कोरोना के बचाव के लिए एक वैक्सीन का निर्माण भी हुआ तो चलिए जानते हैं krishna ella biography in hindi के बारे में…
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कृष्णमूर्ति एला का प्रारंभिक जीवन
डॉ कृष्णा एला का जन्म भारत के एक तमिलनाडु राज्य में किसान के परिवार में हुआ था। इनका परिवार एक किसान परिवार था। इसीलिए डॉक्टर कृष्णा एला का शुरुआत से ही खेती-बाड़ी में बहुत रुचि देखने को मिलती थी क्योंकि इनके परिवार में से ना तो इनके जन्म के पहले कई पीढ़ियों तक कोई भी व्यक्ति नौकरी करने के लिए या कोई व्यापार करने के लिए आगे नहीं बढ़ा। ये सभी लोग एक किसान परिवार को बिलॉन्ग करते हैं। इसीलिए डॉक्टर कृष्णा एला में खेती-बाड़ी से जुड़े होने के कारण अपना ग्रेजुएशन भी एग्रीकल्चर से ही पूरा किया था ।
किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था। इनके पिता नहीं चाहते थे कि डॉक्टर कृष्णा एला भी खेती बाड़ी का काम संभाले। उन्होंने कृष्णा एला कों गांव छोड़कर बाहर नौकरी करने के लिए प्रेरित किया। Also Read: Vijay Sethupathi Kaun Hai- Income, Age and Many More.
शायद भगवान को भी यह ही मंजूर था इसलिए कृष्णा इला के जीवन में एक बहुत बड़ा परिवर्तन उस समय आया। जब एक फिलोसोफी ने इनको आगे की पढ़ाई के लिए कहा, उनकी बातें इनके मन में इस तरह से उतर गई, कि कृष्णा एला आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए। वहां डॉक्टर कृष्णा एला में यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई से अपना पोस्ट ग्रेजुएशन कंप्लीट किया। उसके बाद अपनी पीएचडी की पढ़ाई को भी विदेश में रहकर पूरा किया।
उन्होंने मॉलिक्यूलर बायोलॉजी में अपनी दक्षता को पूर्ण किया। यह वही विदेश में ही नौकरी करके बस गए थे। लेकिन इनकी मां और पत्नी के बार बार आग्रह पर उन्होंने अपना निर्णय भारत आने के लिए बना लिया। उनका यह सही निर्णय आज आप सभी के सामने है कि भारत को खुद की उन्हीं के द्वारा निर्मित वैक्सीन मिल गई है।अब भारत भी पूरे हक इस बात को कह सकता है कि उसके पास खुद की अपनी वैक्सीन है। डॉक्टर कृष्णमूर्ति इला का विवाह डॉ सुचित्रा के साथ में हुआ। इनके दो पुत्र रेचस और वीरेंद्र देव हैं और यह अपने पूरे परिवार के साथ में बेंगलुरु में रहते हैं।
कृष्णा एला की भारत बायोटेक कम्पनी
कृष्णा एला जब विदेश में थे तो नौकरी वहीं पर करते थे लेकिन जब भारत वापस आए तो उन्होंने देखा कि उस समय में भारत में हेपेटाइटिस वैक्सीन ₹5000 की कीमत की हुआ करती थी। उसी समय डॉक्टर कृष्णा ने अपना मन पूरी तरह बना लिया था। और उन्होंने खुद हेपेटाइटिस बी वैक्सीन को बनाया। जिसकी कीमत ₹10 थी। इन सब के लिए ही डॉक्टर कृष्ण एला ने हैदराबाद में भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड नाम की कंपनी के शुरुआत की थी।
भारत में कोविड-19 के लिए कोवैक्सीन का निर्माण
जब इस कोरोना महामारी का प्रभाव संपूर्ण विश्व पर पूरी तरह छा गया था, तो इस बीमारी से लड़ने की वैक्सीन की खोज कभी देश कर रहे थे। अधिकतर विदेशी कंपनियों ने वैक्सीन निर्माण के कार्यों पर बड़ा जोर दिया था। लेकिन भारत भी इस बीमारी से लड़ने की वैक्सीन की खोज के लिए दिन-रात एक करने में लगा हुआ था।
इन्हीं सब को देखते हुए डॉक्टर कृष्णा एला में भी कोविड-19 वैक्सीन के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च जिसको आईसीआरएम के नाम से भी जानते हैं। उन्हीं के साथ उन्होंने अपना ज्वाइंट वेंचर बनाया और रात दिन इस वैक्सीन को बनाने मे अपना पूरा समय लगा दिया और इनकी मेहनत रंग लाई और इन्होंने कोवैक्सीन का निर्माण किया। भारत की खुद की वैक्सीन कोवैक्सीन का निर्माण भारत बायोटेक कंपनी के द्वारा ही किया गया।
बायोवेट कम्पनी व इनोवा फूड पार्क
डॉक्टर कृष्णमूर्ति इला वैक्सीन के निर्माण में अधिकारी रहे हैं। इसके अलावा उनकी दो बड़ी कंपनियां और है, जिसका नाम बायोवेट और इनोवा फूड पार्क है। इन दोनों कंपनियों के अंतर्गत बायोवेट में किसानों के साथ में मिलकर जानवरों की वैक्सीन का निर्माण कार्य किया जा रहा है और इनोवा फूड पार्क में कृषि तकनीक को मजबूत बनाने का कार्य किया जा रहा है।
डॉक्टर कृष्णमूर्ति ella के अवार्ड
डॉक्टर कृष्ण एला को भारत में ही नहीं बल्कि उनके द्वारा विदेशों में किए गए कार्य के लिए भी सम्मानित किया।
1.आईआरटी टाटा बेस्ट आंत्रप्रेन्योर ऑफ द ईयर का अवार्ड भी दिया गया।
2. यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैलिफोर्निया एशिया पेसिफिक लीडरशिप अवार्ड दिया गया।
3. मैरिको इनोवेशन का अवार्ड।
4. स्पेशल हेल्थ केयर अवार्ड।
Conclusion
आज हमने आपको कृष्णा एला बायोग्राफी इन हिंदी के बारे में जानकारी इस आर्टिकल के द्वारा प्रदान की है। अगर आपको यह जानकारी पसंद आए तो आप इसको कमेंट करके जरूर बताएं और इसी तरह की अगर आप जानकारियों से जुड़े रहना चाहते हो तो आप कंटिन्यू हमारी वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।