Durga chalisa ki sahi vidhi or mahtav दुर्गा चालीसा की सही विधि और महत्व

दुर्गा चालीसा का पाठ हमारे हिंदू धर्म में एक प्रकार से मां दुर्गा का एक विशेष आशीर्वाद के रूप में मिलने वाले प्रसाद के रूप में होता है। हिंदू धर्म में दुर्गा मां के महत्व को सबसे शक्तिशाली माना गया है। मां दुर्गा को मां आदिशक्ति जगदंबा भवानी का स्वरूप माना जाता है। मां दुर्गा के नवरात्रि में नौ रूपों का विशेष महत्व है। जिनकी पूजा अर्चना पूरे भारतवर्ष में धूमधाम से की भी जाती है।

 हर साल हमारे हिंदू धर्म में दो नवरात्रे मुख्य रूप से मनाए जाते हैं, पहला चैत्र नवरात्रि व दूसरा शारदीय नवरात्रि के रूप में। मां की पूजा अर्चना करने का विशेष विधान माना जाता है। इसके अलावा दुर्गा चालीसा का पाठ नियमित रूप से करने से कहते हैं, घर में सुख शांति धन वैभव की कभी कमी नहीं होती है। और आशीर्वाद के रूप में यह पूरे जीवन विद्यमान भी होता है। 

शास्त्रों में बताया गया है कि नवरात्रि या किसी भी शुभ अवसर पर अगर मां दुर्गा की स्तुति सही ढंग से करने के लिए दुर्गा चालीसा का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है। हालांकि लोग रोज भी दुर्गा चालीसा का पाठ करते हैं और अपने जीवन में सभी प्रकार के कष्ट को भी दूर करते हैं। तो चलिए आज हम इस लेख के माध्यम से आप सभी को दुर्गा चालीसा के पाठ को सिद्ध करने की विधि दुर्गा चालीसा पाठ का महत्व और इससे जुड़े हुए जो भी महत्वपूर्ण तथ्य हैं। उनके बारे में विस्तार पूर्वक आपको बताने जा रहे हैं, आइए जानते हैं..

Durga chalisa ki sahi vidhi or mahtav दुर्गा चालीसा की सही विधि और महत्व

दुर्गा चालीसा की उत्पत्ति

दुर्गा चालीसा की उत्पत्ति से पहले आप सभी की जानकारी के लिए बताना चाहते हैं, कि मां दुर्गा की उत्पत्ति कैसे और क्यों हुई। उसके बारे में भी आपको जानकारी होना बहुत जरूरी है आप सभी जानते हैं कि महिषासुर नाम का जो राक्षस था। उसका वध करने के लिए एक आदि शक्ति ने जन्म लिया था। आज उसी को ही सर्वशक्तिमान मा दुर्गा के रूप में हम सभी लोग उनको भली भांति जानते हैं।

मां दुर्गा के इस अवतार में ही महिषासुर का वध करके सभी देवताओं को इस राक्षस के चंगुल से बचा लिया था। और वापस से उनका हक उनको दिलाया था। दुर्गा चालीसा की रचना देवी दास जी के द्वारा हुई थी। क्योंकि यह मां दुर्गा के सबसे बड़े उपासक के रूप में माने जाते थे।

देवी दास जी ने दुर्गा चालीसा में मां देवी के सभी स्वरूपों का वर्णन विस्तार पूर्वक किया है। और पौराणिक कथाओं में तो देवी मां के स्वरूपों का कुछ इस तरह से वर्णन बताया गया है। कि आज संपूर्ण सृष्टि की पालन कर्ता के रूप में भी मां दुर्गा का ही आशीर्वाद माना जाता है। मां आदिशक्ति में ब्रह्मा विष्णु महेश तीनों के गुण भी विद्यमान है। Aslo Read: Hanuman chalisa ka mahatva हनुमान चालीसा का महत्व

दुर्गा चालीसा पाठ करने से होने वाले लाभ

दुर्गा चालीसा का पाठ करने से होने वाले लाभ निम्न है

1.दुर्गा चालीसा का पाठ नवरात्रि में या फिर किसी भी बड़े शुभ अवसर पर अगर कोई भी व्यक्ति सच्चे मन से करता है तो उसको आध्यात्मिक भावात्मक और भौतिक खुशी के साथ-साथ मां का आशीर्वाद और कृपा भी उस पर बनी रहती है।

2.रोजाना अगर कोई भी भक्त सच्चे मन से दुर्गा चालीसा का पाठ करता है तो उसका मन हमेशा शांत रहता है, क्योंकि दुर्गा चालीसा का पाठ तो बड़े-बड़े ऋषि भी करके अपने मन और वाणी को हमेशा शांत रखते थे।

3.दुर्गा चालीसा का पाठ घर में होने से संपूर्ण बुरी शक्ति और जो भी नेगेटिविटी घर में होती है। उन सभी से छुटकारा मिल जाता है और यह मनुष्य के शरीर में पॉजिटिव ऊर्जा का संचार बनाए रखने में भी पूरी मदद करती है। इसीलिए दुर्गा चालीसा का पाठ रोजाना घर में होना चाहिए।

4. दुर्गा चालीसा का पाठ में दुश्मनों से छुटकारा पाने उन को हराने की क्षमता को अपने अंदर विकसित करने के लिए भी किया जाता है।

5.आपके परिवार में किसी भी तरह के होने वाले आर्थिक नुकसान संकट या किसी भी प्रकार से दुख से बचाव के लिए अगर दुर्गा चालीसा का पाठ किया जाए तो इन सभी चीजों से छुटकारा आसानी से मिल जाता है।

6. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अगर किसी व्यक्ति का खोया हुआ सम्मान और उसकी संपत्ति को उसको वापस से पाना है तो इसका सबसे आसान उपाय दुर्गा चालीसा का पाठ नियमित मन से करना होगा।

7. मां दुर्गा धन ज्ञान समृद्धि घर में सुख शांति का वरदान अपने भक्तों की श्रद्धा से प्रसन्न होकर उसको प्रदान करती है।

दुर्गा चालीसा का पाठ कैसे करे

दुर्गा चालीसा का पाठ करने के लिए सबसे पहले आपको स्नान आदि सुबह की दिनचर्या से निवृत्त होकर साफ-सुथरे कपड़े पहनकर, सूर्योदय के बाद में एक लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर,उसके ऊपर मां दुर्गा की प्रतिमा को स्थापित करें। सबसे पहले मां दुर्गा की फूल, रोली, धूप दीप, नवेद आदि से उसकी पूजा अर्चना करें। उसके बाद में आप उसके दुर्गा यंत्र का भी पूजन करें।

पूरी तरीके से श्रद्धा भाव से मां दुर्गा की पूजा करने के बाद ही आप दुर्गा चालीसा का पाठ शुरू करें। दुर्गा चालीसा का पाठ नियमित रूप से अगर आप प्रतिदिन कम से कम 5 या 7 बार करते हो तो आपकी सभी मनोकामनाएं मां दुर्गा के द्वारा पूरी हो जाती हैं।

निष्कर्ष

आज हमने आपको इस आर्टिकल के द्वारा दुर्गा चालीसा पाठ करने की विधि और दुर्गा चालीसा की उत्पत्ति के विषय में जानकारी प्रदान की है। उम्मीद है आपको जो हमने जानकारी दी है वह पसंद आई होगी। इसी तरह की जानकारी से जुड़े रहने के लिए आप हमारी वेबसाइट पर कंटिन्यू विजिट कर सकते हैं और अगर यह पोस्ट पसंद आए तो कमेंट करके जरूर बताएं।