विद्यालय अर्थात विद्या का मंदिर जहां पर सभी बच्चे कुछ पढ़ने और सीखने के लिए जाते हैं विद्यालय को ज्ञान का मंदिर शिक्षा का मंदिर भी कहा जाता है कहते हैं विद्यार्थी जीवन की शुरुआत विद्यालय से ही होती है विद्यालय में सभी विद्यार्थी अलग-अलग प्रकार की शिक्षाएं लेते हैं वहां पर अध्यापक अपने ज्ञान के द्वारा सभी विद्यार्थियों का भविष्य आगे बढ़ने में सहायता प्रदान करते हैं अर्थात सफलता पाने का सही रास्ता गुरुजी दिखाते हैं आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आप सभी को विद्यालय के बारे में कुछ जानकारी बताने जा रहे हैं अर्थात विद्यालय के ऊपर निबंध लिखने जा रहे हैं आइए जानते हैं….

Table of Contents
विद्यालय पर निबंध हिंदी में
प्रस्तावना
विद्यार्थी के जीवन में विद्यालय अर्थात शिक्षा का वह मंदिर जिसने बच्चे का भविष्य उज्जवल होता है यहां पर विद्यार्थी को अपने जीवन में समय-समय पर अनेक परीक्षाओं से होकर गुजरना पड़ता है तब जाकर वह आगे की एक-एक सीडी पार करके अपने एक मंजिल तक पहुंच पाता है। विद्यालय में विद्यार्थी को गुरुओं के द्वारा आशीर्वाद मिलता है तथा शिक्षा के रूप में अच्छे संस्कार भी दिए जाते हैं विद्यार्थी जीवन में अध्यापकों के द्वारा दिखाई जाने वाली राह वरदान से कम साबित नहीं होती है विद्यार्थी जीवन में बच्चे की पहली गुरु मां होती है और दूसरे गुरु उनके विद्यालय में होते हैं। Also Read: महाशिवरात्रि पर निबंध eassey on mahashivratri?
विद्यार्थी के जीवन की शुरुआत विद्यालय
विद्यालय विद्यार्थी के जीवन की पहली सीडी होती है। यहां से ही सही मायनों में बच्चे का भविष्य सभी मां बाप अच्छा बना सकते हैं। विद्यालय वह स्थान होता है जहां पर सभी विद्यार्थियों को उनके जीवन की सीख अनुशासन शिष्टाचार विद्या का ज्ञान आदि चीजों के बारे में अपने अध्यापकों के द्वारा सिखाया जाता है.
विद्यालय के अंदर सभी बच्चों को बातचीत करने के तौर तरीके सिखाए जाते हैं और उन सभी को अध्यापकों के द्वारा सिखाया जाता है कि जीवन में किसी भी तरीके की परिस्थिति आ जाए कभी किसी से नहीं घबराना चाहिए और किसी भी काम के लिए कभी पीछे नहीं हटना चाहिए हमेशा सच्चाई के रास्ते पर चलते रहना चाहिए कहा जाता है कि हमारे समाज को एक आदर्श समाज बनाने के लिए विद्यालयों के होने का बहुत बड़ा महत्व है विद्यालय ही आज विद्यार्थी परिवार को जोड़े रखने की एक कड़ी होता है।
विद्यालय का अर्थ हिंदी में
विद्यालय का अर्थ विद्या +आलय अर्थात विद्या मतलब शिक्षा आलिया का मतलब मंदिर शिक्षा का वह मंदिर जहां पर सभी मां बाप अपने बच्चों के भविष्य के लिए उनके जीवन की एक तरीके से विधालय में भेजकर एक नई शुरुआत करते हैं। इसीलिए इसको विद्यालय कहा जाता है।
आज के समय में तो कोई विद्यालय का नाम नहीं जानता है बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो विद्यालय के नाम से जानते हैं प्राचीन समय में गुरुकुल के नाम से विद्यालय को जाना जाता था। फिर धीरे-धीरे पाठशाला विद्यालय के नाम से इनको जाना जाने लगा। आज इन विद्यालयों ने स्कूल ,कॉन्वेंट स्कूल का रूप ले लिया है। जैसे जैसे समय बदलता जा रहा है विद्यालय के अर्थ भी समय के हिसाब से बदलते जा रहे हैं।
आज के समय के स्कूल
आज के समय में सभी विद्यालयों में पढ़ाई के भी समय के साथ-साथ मायने बदल से गए हैं। आज विद्यालय प्ले स्कूल कान्वेंट स्कूल इंग्लिश मीडियम स्कूल इन सभी का रूप ले लिया है। आज के समय में विद्यालयों के साथ-साथ पढ़ाई का भी महत्व बदल गया है। पहले पढ़ाई पढ़ाई की तरह ही की जाती थी। आज बच्चों को पढ़ाई भी एक्टिविटी मनोरंजन के द्वारा सिखाई जाती है।
विद्यालय में अनुशासन की सीख
विद्यालय अपने अनुशासन के लिए भी बहुत प्रसिद्ध माना जाता है कि सभी छात्र और अध्यापक डिसिप्लिन में रहते हैं उनको अनुशासन के महत्व के बारे में समझाया जाता है अनुशासन मतलब समय अगर विद्यार्थी अपने जीवन से ही अनुशासन में रहना नहीं सीखेंगे तो भविष्य में वह किसी चीज की वैल्यू को सही तरीके से नहीं समझ पाएंगे इसीलिए इस बात की वहां पर शिक्षा सभी टीचर के द्वारा अपने स्टूडेंट को दी जाती है।
कोई भी स्टूडेंट अगर बिना वजह के अपनी कक्षा रूम से बाहर घूमता दिखाई दिया या बिना इजाजत के अपने क्लास रूम के बाहर आ गया तो टीचर्स के द्वारा उनको पनिशमेंट दी जाती है ताकि आगे वह इस तरह की गलती ना करें और सही अनुशासन का कार्य करें।
विद्यालय में होने वाली अन्य गतिविधियां
आज के समय में सभी विद्यालय जैसे गवर्नमेंट स्कूल प्राइवेट स्कूल के अंदर अलग-अलग प्रकार की गतिविधियां होती है गवर्नमेंट स्कूल में प्राइवेट स्कूल के अकॉर्डिंग थोड़ा कम एक्टिविटी या अन्य प्रकार के प्रोग्राम होते हैं लेकिन फिर भी दोनों ही स्कूल अपने-अपने जगह अच्छे होते हैं। होने वाली इन सभी गतिविधियों में बच्चों के बुद्धि का विकास होता है माइंड बहुत तेज चलने लगता है.
क्योंकि इन गतिविधियों के अंतर्गत अलग-अलग प्रकार की प्रतियोगिताएं खेल और अन्य बच्चों के अंदर के टैलेंट को दिखाने का मौका मिलता है इसके अलावा बच्चों को सभी प्रकार के त्योहारों पर जयंती इन सभी की जानकारी भी स्कूल के द्वारा ही प्राप्त होती है क्योंकि समय समय पर स्कूल में इन सभी का आयोजन किया जाता है ताकि बच्चों को सभी के बारे में जानकारी अच्छे से मिल जाए इसके अलावा स्कूल में वार्षिक उत्सव और विद्यार्थियों को प्राइस डिस्ट्रीब्यूटर भी किए जाते हैं। इस तरह से सभी स्कूल अपने अपने स्तर पर अच्छा और बेहतर करने की कोशिश करते हैं ताकि बच्चों को कुछ अच्छे से अच्छा सिखा सके।
Conclusion
आज हमने इस आर्टिकल के द्वारा आपको विद्यालय पर निबंध हिंदी में लिखा है। उम्मीद है आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह निबंध पसंद आया होगा। अगर आपको यह हमारे द्वारा लिखा हुआ लेख पसंद आया, तो कमेंट सेक्शन में कमेंट करके जरूर बताएं और इससे जुड़ी हुई अन्य किसी भी जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट से भी जरूर जुड़े रह सकते हैं।