Essay on basant panchmi बसंत पंचमी पर निबंध?

आप सभी जानते हैं कि हमारे देश में समय-समय पर कुछ ना कुछ पर्व त्यौहार आते ही रहते हैं। भारत की भूमि पर हिंदू धर्म के अलग-अलग व्रत त्यौहार आते रहते है, और यहां की भूमि आज से नहीं बल्कि प्राचीन काल से बहुत ही पूजनीय रही है। यहां पर भगवान राम,कृष्ण और बड़े-बड़े तपस्वी साधु संतों का जन्म हुआ है। इसके अलावा यहां एक- एक पशु पक्षी को भी भगवान के समान पूजनीय माना जाता है।

ऐसा ही एक त्यौहार विद्या की देवी मां सरस्वती का आता है। जिसको पूरे भारतवर्ष में बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस त्यौहार का नाम बसंत पंचमी है। अब यह त्यौहार मां सरस्वती जी जो ज्ञान संगीत और कला की देवी हैं, बसंत पंचमी पूरे भारतवर्ष में बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाती है। यह त्यौहार माह महीने के पंचमी तिथि को हिंदू कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है।

आज हम इस पोस्ट के माध्यम से बसंत पंचमी पर निबंध लिखने जा रहे हैं, आप सब जानते हो कि अक्सर पढ़ाई में या कभी ना कभी तो आपकी परीक्षा में भी यह निबंध जरूर आया होगा। इसके अलावा आज के समय में बड़े-बड़े इंटरव्यू में भी इस तरह के सवाल निबंध को लेकर पूछ लिए जाते हैं, आइए जानते हैं बसंत पंचमी पर निबंध के बारे में जानकारी..

Essay on basant panchmi बसंत पंचमी पर निबंध?

प्रस्तावना

भारत की भूमि हमेशा से ही पूजनीय रही है, और यहां पर हिंदू धर्म में अनेकों अनेक व्रत और त्योहार समय-समय पर आते ही रहते हैं। यह सभी त्योहार, धार्मिक आयोजनों, अवसरों को ध्यान में रखते हुए, इसके अलावा ऋतु बदलने के साथ-साथ से भी शुरू होते हैं। ऐसे में बसंत पंचमी त्यौहार हमारे देश में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। कहा जाता है कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था, इसलिए बसंत पंचमी के दिन सरस्वती जी की पूजा की जाती है, और सभी विद्यालयों में, कॉलेज व अन्य सभी जगह इस त्यौहार को मनाया जाता है।

बसंत पंचमी शब्द का अर्थ

बसंत पंचमी का अर्थ दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है।  बसंत अर्थात वसंत ऋतु पंचमी अर्थात पांचवा दिन।अगर आसान भाषा में कहें तो बसंत पंचमी माह महीने की बसंत ऋतु के पांचवें दिन मनाई जाती है, अर्थात माहमास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्यौहार देश के सभी हिस्सों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन सभी लोग पीले वस्त्र पहनते हैं, और घर में पीले रंग के ही पकवान बनाए जाते हैं। बसंत ऋतु सबसे प्रसिद्ध ऋतु होती हैं, क्योंकि इस दिन प्रकृति का सौंदर्य देखने योग्य रहता है।

यह सभी के मन को मोह लेता है, इसीलिए बसंत ऋतु का स्वागत करने के लिए भगवान विष्णु और कामदेव की भी पूजा की जाती है। बसंत ऋतु में किसानों के खेतों में पीली सरसों के आने पर सभी किसानों को यह पता लग जाता है, कि बसंत ऋतु का प्रारंभ हो गया। पूरे देश में मां सरस्वती के जन्मदिन के रूप में इस त्यौहार को मनाया जाता है। Also Read: Eassey on Eid ईद पर निबंध

बसंत पंचमी पर्व का महत्व

बसंत पंचमी के त्यौहार का बहुत महत्व माना जाता है। जब सर्दियों का मौसम खत्म होता है तो बसंत के मौसम के आने की तैयारी शुरू हो जाती है। देश में सभी राज्यों के छोटे-छोटे हिस्सों में भी सरस्वती मां की पूजा बड़े धूमधाम से की जाती है। इस त्यौहार पर पशु-पक्षी, पेड़ पौधे सभी खुशी से नाच रहे होते हैं। पेड़ों की शाखाओं में नई नई पत्तिया आनी शुरू हो जाती है।

मां सरस्वती को संगीत की देवी भी कहते हैं, इसीलिए इस दिन सभी कलाकार लोग मां सरस्वती को प्राथमिकता देते हुए संपूर्ण श्रद्धा भाव के साथ में बसंत पंचमी को मनाते हैं। सभी लोग पीले रंग के वस्त्र पहनते हैं। सभी विद्यार्थियों का मां सरस्वती की पूजा, अर्चना, आशीर्वाद पाने का उद्देश्य उनके जीवन में किसी तरह की कोई परेशानी ना आए इसलिये ऐसा करते हैं। कहते है माँ सरस्वती विद्या, बुद्धि की देवी है इसलिए इस दिन ज्यादा महत्व पूजा, पाठ का होता है। लोग व्रत भी रखते हैं, माता को पुष्पांजलि अर्पित करते हैं, उसके बाद मां से प्रार्थना करते है –

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला

या शुभ्रवस्त्रावृता

या वीणावरदंडमंडितकरा

या श्वेत पद्मासना

या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिदेवः सदा वंदिता

सा मां पातु सरस्वती भागवती निः शेषजाडापहा।।

बसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र ही क्यों पहने

बसंत पंचमी के दिन अक्सर आप सभी लोगों ने देखा होगा कि पीले वस्त्रों भी अधिक पहने जाते हैं। बसंती रंग पीले रंग का होता है। पीला रंग सुख समृद्धि ऊर्जा रोशनी का प्रतीक भी माना जाता है। यह इसका यह मुख्य कारण है, इसीलिए लोग पीले रंग के वस्त्र धारण करते हैं। पीले रंग के फूल, पीले रंग की मिठाई बनाकर मां सरस्वती के आगे प्रसाद के रूप में चढ़ाई जाती है। सभी लोग बसंत पंचमी के त्यौहार को खुशी और आनंद के साथ में एक साथ मानते हैं।

बसंत पंचमी पर्व का बदलता स्वरूप

आज के समय में त्योहारों को लेकर बहुत से बदलाव देखे जा रहे हैं। बसंत पंचमी के त्यौहार को पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों में सरसों के खेतों से जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा बसंत पंचमी पर बच्चों से लेकर बड़े व्यक्तियों तक इस त्योहार पर पतंगबाजी करना ज्यादा पसंद करते हैं। जैसा कि आपको पहले भी बताया है कि समय के साथ-साथ त्योहारों में भी बहुत बदलाव देखने को मिल रहे हैं, आज के समय में हर त्योहार का एक अलग ही स्वरूप देखने को मिलता है।

पहले लोग इन सब चीजों के बारे में, इन त्योहारों के महत्व के बारे में शायद कम जानते थे, लेकिन आज हमारे देश के उत्तरी भागों में बसंत पंचमी के त्यौहार को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन ब्राह्मणों को खाना खिलाया जाता है, मां सरस्वती की पूजा के साथ-साथ देश के सभी हिस्सों में बहुत बड़े बड़े समारोह का भी आयोजन किया जाता है, और लोगों के द्वारा बहुत सी चीजें दान करने का भी महत्व इस त्यौहार पर होता है।

मां सरस्वती की मूर्ति की लोग अपने घरों में स्थापित करते हैं और फिर मां की पूजा धूमधाम से करने के बाद पंचमी के दिन विसर्जन कर देते है। उसके बाद बड़े बड़े भंडारे भी करते हैं

Conclusion

आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बसंत पंचमी पर निबंध के बारे में बताया है। उम्मीद है आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई होगी। इससे जुड़ी हुई किसी भी अन्य जानकारी के लिए आप हमारे कमेंट बॉक्स के कमेंट सेक्शन में जाकर बता सकते हैं।