ग्लोबल वार्मिंग का नाम सभी लोग सुनते हैं लेकिन शायद ही कोई इसके बारे में सही से जानता होगा। आज जिस तरह से हमारी पृथ्वी पर असमय पर अनेकों प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है। ये सभी प्राकृतिक आपदाएं किसी को बोलकर नहीं आती लेकिन जब आती है तो यह संपूर्ण सृष्टि को तहस-नहस कर देती हैं। प्राकृतिक आपदाओं में सुनामी, भूकंप, अतिवृष्टि भीषण गर्मी भीषण सर्दी इत्यादि होती है।
आज हम सभी लोग ग्लोबल वार्मिंग की समस्या को देख रहे हैं। लेकिन अभी उसको नजरअंदाज कर रहे हैं, देखा जाए तो कहीं ना कहीं ग्लोबल वार्मिंग का जिम्मेदार मनुष्य है। आने वाले समय में ग्लोबल वार्मिंग असर सभी को देखने को मिलेगा। आज हम आपको इस आर्टिकल के द्वारा ग्लोबल वार्मिंग क्या होती है, ग्लोबल वार्मिंग के फायदे नुकसान इसके दुष्परिणाम आदि के बारे में बताने जा रहे हैं…

प्रस्तावना
आज के इस विज्ञान के युग में इंसान दिन पर दिन नई नई टेक्नोलॉजी को डेवलप करता जा रहा है। आज खुद के विकास के लिए मनुष्य हमारी प्रकृति के साथ भी बहुत खिलवाड़ कर रहा है। जिसकी वजह से प्रकृति को संतुलन बनाए रखने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें सबसे बड़ी समस्या ग्लोबल वार्मिंग की आ रही है।
ग्लोबल वार्मिंग हमारे देश के ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए बहुत बड़ी समस्या बनकर सभी के सामने आई है। सूरज की रोशनी को लगातार ग्रहण करते हुए हमारे पृथ्वी दिन पर दिन इतनी गरम होती जा रही है। इससे हमारा वातावरण प्रदूषित हो रहा है। कार्बन डाइ ऑक्साइड गैस की मात्रा बढ़ रही है। इससे ना केवल मनुष्य कोई बल्कि धरती पर रहने वाले सभी जीव जंतु जानवर पेड़ पौधे इन सभी को नुकसान पहुंच रहा है। इस समस्या से निबटने के लिए देश में बहुत से प्रयास किए जा रहे हैं।
क्या होती है ग्लोबल वार्मिंग
ग्लोबल वार्मिंग का अर्थ ग्लोबल अर्थात पृथ्वी, वार्मिंग मतलब गरम। ग्लोबल वार्मिंग का अर्थ पृथ्वी की सबसे करीब वायु और महासागर के औसतन तापमान में बीसवीं शताब्दी से लगातार वृद्धि देखी जा रही है। आसान शब्दों में कहें तो ग्लोबल वार्मिंग का अर्थ पृथ्वी के तापमान में वृद्धि और इसके कारण पृथ्वी पर मौसम में लगातार परिवर्तन हो रहा है।
पृथ्वी के तापमान की वृद्धि के कारण बारिश के तरीकों में बहुत बदलाव देखने को मिल रहा है। हिमखंडो और ग्लेशियरों के पिघलने से समुद्र का जल स्तर बढ़ रहा है। वनस्पति तथा जीव जंतु जगत के प्रभाव भी सामने आ रहे हैं। इस तरह से पृथ्वी के बढ़ते हुए तापमान की वजह से जल चक्र में ज्यादा प्रभाव देखने को मिला है। इसके अलावा ग्रीन हाउस गैसों का प्रभाव भी अत्यधिक बढ़ गया है। Also Read: Eassy on my mother मेरी माँ पर निबंध
ग्लोबल वार्मिंग के कारण
ग्लोबल वार्मिंग प्राकृतिक और मानव निर्मित तरीकों के कारण ज्यादा बढ़ रहा है। ग्लोबल वार्मिंग का सबसे प्रमुख कारण औद्योगिकरण, शहरीकरण, वनों की कटाई और मानवीय गतिविधियां होती हैं। इन मानवीय गतिविधियों के कारण ग्रीन हाउस के उत्सर्जन में बहुत बढ़ोतरी देखने को मिली है। ग्रीन हाउस में CO2, नाइट्रस ऑक्साइड, मिथेन और अन्य हानिकारक गैस शामिल है।
सभी गैस मिलकर हमारे वातावरण में गर्मी पैदा करती हैं क्योंकि यह सभी जैसे सूर्य से मिल रही हैं और गर्मी को अपने अंदर सोख रही हैं। इसके अलावा ऑटोमोबाइल घरों और व्यक्तियों की गर्मी कारखानों से निकलने वाला हानिकारक धुआ और कहीं ना कहीं जनसंख्या वृद्धि भी पृथ्वी के तापमान को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ने का एक मुख्य कारण CFC गैस भी है क्योंकि CFC गैस के बढ़ने से ओजोन परत में कमी देखने को मिल रही है।
ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव
ग्लोबल वार्मिंग की वजह से आज पृथ्वी पर मौसम में लगातार बदलाव होते जा रहे हैं। आज जगह जगह पर कभी चक्रवात तूफान भूकंप ज्वालामुखी विस्फोट सुनामी और अकाल जैसी समस्याएं भी बहुत अधिक हो रही है। पर्यावरण का संतुलन सही तरीके से बनाए रखने और धरती पर हर मनुष्य के जीवन के अस्तित्व के लिए पारिस्थितिक तंत्र बहुत जरूरी है।
ग्लोबल वार्मिंग का पारिस्थितिक तंत्र पर सीधा प्रभाव पढ़ रहा है क्योंकि पृथ्वी के सभी जीवो के रहने के स्थान खत्म होते जा रहे हैं। बड़े-बड़े ग्लेशियर पिघल रहे हैं जिसकी वजह से समुद्रों का जलस्तर बहुत बढ़ रहा है। समुद्र के जलस्तर में वृद्धि की वजह से बनस्पति और जंतु जगत पर बहुत नेगेटिव प्रभाव देखने को मिल रहा है।
ग्लोबल वार्मिंग सॉल्यूशन
ग्लोबल वार्मिंग के लिए सबसे जरूरी बात है। पर्यावरण बचाओ तभी पृथ्वी बचेगी। बहुत ही छोटे छोटे और दैनिक जीवन में हो रहे कार्यों में अगर सही तरीके से बदलाव किए जाएं तो यह सब हमे सही दिशा में लेकर जा सकते हैं और इस समस्या से छुटकारा भी मिल सकता है। ग्लोबल वार्मिंग सलूशन के लिए सबसे पहले अधिक से अधिक मात्रा में मौसम के अनुसार पेड़ लगाने चाहिए।
लंबी यात्रा के लिए अधिकतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट या ट्रेन का प्रयोग करें। जहां तक अगर संभव हो सके तो दुपहिया वाहनों की जगह सार्वजनिक बस या किसी भी सार्वजनिक यातायात के साधन का उपयोग करें।
बिजली से चलने वाले साधनों की बजाय सौर ऊर्जा से चलने वाले साधनों को ही उपयोग में ले।
आधुनिक चीजों के प्रयोग में लेने से बचें घरेलू और देशी चीजों का प्रयोग अधिक करें।
Conclusion
आज हमने आपको इस आर्टिकल के द्वारा ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई तो आप तो हमारे कमेंट सेक्शन में जाकर कमेंट करके बता सकते हैं।