आज संपूर्ण विश्व में जिस तरीके से विज्ञान में तरक्की की है उस तरक्की के चलते हुए मनुष्य जीवन को एक बहुत बड़ा वरदान मिला है यहां अगर मनुष्य ने अपने जीवन तरक्की के लिए विज्ञान को वरदान माना है तो वही उसको कुछ अभिशाप भी मिले हैं उसमें सबसे बड़ा अभिशाप प्रदूषण का आता है यह अभिशाप विज्ञान की कोख से ही जन्मा हुआ है और इस को बढ़ाने के लिए कहीं ना कहीं अधिकांश बढ़ती हुई जनसंख्या जिम्मेदार है।
जैसा कि आप जानते हैं आज हमारी इस संपूर्ण पृथ्वी पर अलग-अलग तरह के प्रदूषण देखने को मिलते हैं जिसकी वजह से सभी लोगों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है इस बढ़ते हुए प्रदूषण से मनुष्य को ही नहीं बल्कि जानवरों को पशु पक्षियों को नदी पेड़ पौधे तालाब आदि सभी को बहुत बड़े नुकसान का सामना करना पड़ रहा है आज मनुष्य को शुद्ध भोजन जल भाइयों कुछ नहीं मिल पा रहा है इसीलिए कहीं ना कहीं इन सब का जिम्मेदार मनुष्य होता है क्योंकि आज विज्ञान ने जिस तरीके से तरक्की की है
मनुष्य के जीवन में उन सभी तरह क्यों का बहुत बड़ा योगदान है उनके चलते मनुष्य उन सभी चीजों का उपयोग करके हमारे पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचा रहा है जिस तरीके से सड़कों पर चलती हुई गाड़ियों के प्रदूषण से फैक्ट्रियों से निकलने वाले हानिकारक धुंआ से वनों की हो रही अंधाधुंध कटाई से सब जगह से प्रदूषण की समस्या बढ़ रही है आज हम आपको इस आर्टिकल के द्वारा प्रदूषण क्या होता है प्रदूषण के प्रकार प्रदूषण के लाभ प्रदूषण की हानि इन सभी के बारे में विस्तार से आपको बताने जा रहे हैं.

Table of Contents
प्रस्तावना
प्रदूषण पर्यावरण को प्रदूषित करना ही प्रदूषण कहलाता है पर्यावरण में किसी भी प्रकार के पदार्थ जैसे ठोस द्रव गैस या ऊर्जा के किसी भी रूप जैसे गर्मी ध्वनि रेडियोधर्मिता इनका तेजी से फैलना, पतला,विघटित और पुनर नवीनीकरण या किसी हानि रहित रूप में संग्रहित करना ही प्रदूषण कहलाता है। प्रदूषण कई प्रकार के होते हैं वायु प्रदूषण जल प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण आदि।
प्रदूषण का वर्तमान परिदृश्य
आज संपूर्ण विश्व का प्रदूषण एक बहुत बड़ा मुद्दा है जो कि हमारी पृथ्वी को बहुत गलत तरीके से प्रभावित कर रहा है यह मुद्दा आज से नहीं बल्कि प्राचीन काल से ही चला आ रहा है 21वीं सदी में इसका हानिकारक बढ़ता हुआ प्रभाव बड़े पैमाने पर महसूस किया जा सकता है हालांकि बड़े-बड़े विभिन्न प्रकार के विकसित देशों ने इसके प्रभाव को रोकने के लिए बहुत बड़े बड़े कदम भी उठाए हैं लेकिन अभी कामयाबी प्रदूषण के लिए नहीं मिल पाई है
प्रदूषण की समस्या के चलते प्राकृतिक प्रक्रिया अभी बहुत गड़बड़ आ रहे हैं इतना ही नहीं आज बहुत ही वनस्पति और जीव जंतु और कई प्रजातियां तो विलुप्त भी होने के कगार पर हैं। बढ़ते हुए प्रदूषण की वजह से जानवर अपनी तेजी से प्रकृति को खो रहे हैं प्रदूषण ने दुनिया भर के बड़े-बड़े शहरों को प्रभावित किया है।
प्रदूषण के कारण
आज हमारा पर्यावरण बहुत से प्रदूषण से प्रभावित है इसके लिए कहीं ना कहीं मनुष्य खुद जिम्मेदार है आइए जानते हैं प्रदूषण के कारण के बारे में
1. बेकार पदार्थों की बढ़ती हुई मात्रा और उचित निपटान के विकल्पों की कमी के कारण हो रही समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है।
2.कारखानों और घरों से निकल रही बेकार की वस्तुएं उत्पादन आदि को खुले स्थानों में फेंका जा रहा है और जलाया जा रहा है इससे भूमि प्रदूषण, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण आदि हो रहे हैं, क्योंकि यह सभी जगह इंन वस्तुओं की वजह से प्रदूषित होती जा रही है।
3.इसके अलावा वायु प्रदूषण का मुख्य कारण कीटनाशकों का बढ़ता हुआ उपयोग, औद्योगिक और कृषि उपयोग में ना आने वाले पदार्थ के कारण वनों की कटाई बढ़ते हुए शहरीकरण हानिकारक अम्लीय वर्षा और भूमि खनन भी प्रदूषण के मूल कारण होते हैं।
4.यह सभी प्रदूषण के कारण कृषि गतिविधियों में भी बाधा डालते हैं और जानवरों मनुष्य में होने वाले विभिन्न बीमारियों का कारण भी यह बनते हैं
5.सबसे बड़ा प्रदूषण का कारण जनसंख्या वृद्धि होता है।
प्रदूषण रोकने के उपाय
आज भी हमारे जीवन में कुछ छोटे-मोटे बदलाव करके हम प्रदूषण को कम करने में बहुत बड़ा योगदान कर सकते हैं आइए जानते हैं प्रदूषण को रोकने के उपाय
1. बायोडिग्रेडेबल उत्पादों का ही उपयोग करें क्योंकि इससे कचरे का निपटान करना आसान हो जाता है।
2. भोजन कीटनाशकों के उपयोग के बिना उगाया जाए अधिक से अधिक जैविक सब्जियां और फल खेती में शामिल किए जाएं।
3.पॉलीबैग और प्लास्टिक के बर्तनों और वस्तुओं के उपयोग से बचें क्योंकि किसी ना किसी रूप में प्लास्टिक का उपयोग ना करना सभी के लिए सही है।
4. कागज या कपड़े की थैलियों का ही हमेशा सामान के लिए प्रयोग करें।
डस्टबिन में गीले व सूखे कचरे के लिए अलग-अलग प्रकार के डस्टबिन का प्रयोग करें।
5.भारत सरकार ने भारत सरकार ने प्रदूषण की समस्या को कम करने के लिए पूरे देश में हरे नीले रंग के सभी जगह सार्वजनिक क्षेत्रों में डस्टबिन लगाए हैं इंडस्ट्री इन का प्रयोग सूखे और गीले कूड़े के लिए किया जाता है
6. कागज का उपयोग कम करें क्योंकि कागज बनाने के लिए हर साल अनगिनत पेड़ों की कटाई की जाती है यह भी एक बहुत बड़ा प्रदूषण का कारण है कागज की जगह आज के समय में डिजिटल का प्रयोग करना बहुत अच्छा विकल्प है।
8. पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाना जरूरी होता है।
9. घरों से बाहर खुले में कूड़ा नहीं फेंकना चाहिए इससे चारो तरफ गंदगी होती है और वायु प्रदूषण होने का खतरा रहता है।
10.अधिक से अधिक पेड़ लगाने से अम्लीय वर्षा को कम किया जा सकता है।
11. दैनिक जीवन में हर व्यक्ति को ऐसी चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए जिनको दोबारा भी प्रयोग में ले सके अगर अपने जीवन को बेहतर बनाना चाहते हैं और वातावरण को शुद्ध रखना चाहते हैं तो सबसे अधिक पेड़ लगाकर वनों को सुरक्षित करना होगा।
Conclusion
आज हमने इस आर्टिकल के द्वारा आप सभी को प्रदूषण पर निबंध इसके बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हमारे द्वारा दी गई सभी जानकारी पसंद आई होंगी। इससे जुड़ी हुई किसी भी अन्य प्रकार की जानकारी के लिए आप हमारे कमेंट सेक्शन में जाकर कमेंट करके पूछ सकते हैं।