भारत एक संपूर्ण विश्व में एकमात्र ऐसा देश है। जहां पर सभी त्यौहारो को सभी धर्म के लोग एक साथ मनाते हैं। और लोगों को इन त्योहारों से विशेष लगाव भी है। आपने अक्सर देखा होगा आए दिन कभी ना कभी कोई ना कोई त्यौहार पडते ही रहते हैं। इसीलिए हमारे देश को त्योहारों का देश और विभिन्न संस्कृतियों वाला देश कहा जाता है।
सभी त्योहारों में से होली, दिवाली,ईद, क्रिसमस, रक्षाबंधन इन सभी त्योहारों को सभी लोग एक साथ मनाते हैं। इन्हीं सब त्योहारों में से एक प्रमुख त्योहार गणेश चतुर्थी का त्योहार है। गणेश चतुर्थी का त्योहार संपूर्ण भारतवर्ष में सभी राज्यों में अलग-अलग प्रकार से मनाया जाता है। मुख्य रूप से महाराष्ट्र का गणेश चतुर्थी बहुत बड़ा त्यौहार है। पूरे भारतवर्ष में इस त्यौहार को पूर्ण भक्ति भाव खुशी प्रसन्नता के साथ मनाया जाता है।

गणेश चतुर्थी का त्यौहार आने से दो-तीन दिन पहले से ही बाजारों में रौनक देखने मिलती है। आप गणेश चतुर्थी का त्योहार मुख्य रूप से अंग्रेजी महीनों के अनुसार अगस्त सितंबर के महीने में आता है। माना जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था इसलिए इस त्योहार को मनाते हैं। इसके अलावा भगवान शिव और माता पार्वती के गणेश जी पुत्र हैं। Also Read: Compiler क्या है? कम्पाइलर कैसे काम करता है? कम्पाइलर का इतिहास
गणेश जी बुद्धि और समृद्धि के दाता भी है। इसलिए इनकी पूजा का बहुत महत्व है। गणेश जी की पूजा सतयुग,द्वापर , त्रेता सभी युगों से होती आ रही है।आप सभी जानते हो कि हिंदू धर्म में कोई भी त्यौहार हो गया घर में कोई भी पूजा पाठ बड़े या बड़ा यज्ञ का आयोजन हो तो उसने गणेश जी की पूजा का बहुत विशेष महत्व होता है।
क्या आप जानते हैं कि गणेश जी की पूजा का महत्व इतना क्यों बताया गया है।हमारे प्राचीन धर्म ग्रंथों में इसका वर्णन देखने को मिलता है। गणेश जी की पूजा आज से नहीं बल्कि सदियों से चलती आ रही है। इस बात का पूरा प्रमाण भी है आइए जानते हैं गणेश चतुर्थी का क्या महत्व है। गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है। गणेश चतुर्थी पर 10 लाइन हिंदी में इसके बारे में जानते हैं…
गणेश चतुर्थी क्या है?
गणेश चतुर्थी हमारे हिंदुओं का एक बहुत बड़ा त्योहार माना जाता है ।हमारे शास्त्रों और पुराणों के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन भाद्रपद मास की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इसी वजह से गणेश चतुर्थी को मनाया जाता है।
भारत के सभी राज्यों में इस त्योहार को बहुत धूमधाम के साथ मनाते हैं। लेकिन महाराष्ट्र में इस त्योहार के कुछ अलग ही नजारा देखने को मिलता है। क्योंकि वहां पर जगह-जगह सभी लोग गणेश जी की प्रतिमा को अपने घरों में विराजमान करते हैं और 10 दिन तक उनका पूजन करते हैं। उसके बाद 11 दिन नाचते गाते ढोल बजाते हुए गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन पानी में कर देते हैं।
गणेश उत्सव 10 दिन तक ही क्यों मनाया जाता हैं?
शास्त्रों के अनुसार एक बार वेदव्यास जी ने गणेश जी को महाभारत ग्रंथ के बारे में कथा सुना रहे थे तो उस कथा को सुनाने के लिए महर्षि वेदव्यास जी को 10 दिन का समय लग गया था। गणेश जी ने ध्यान पूर्वक 10 दिन तक अपनी आंखें बंद करके महाभारत के बारे में सुना। जब दसवे दिन उन्होंने अपनी आंखें खोली तो गणेश जी के शरीर का ताप बहुत बढ़ गया था।
महर्षि वेदव्यास जी ने इस स्थिति से गणेश जी को उनके पास में स्थापित एक कुंड में स्नान करवा दिया। जिससे उनके शरीर का पूरा तापमान कम हो गया था। इसीलिए गणेश जी की मूर्ति की स्थापना को घरों में लोग 10 दिन तक करते हैं। उसके बाद उनको विराजमान करके उनकी पूरी पूजा करने के बाद 11 वे दिन गणेश जी का धूमधाम के साथ में विसर्जन कर दिया जाता है।
गणेश चतुर्थी पर 10 लाइन
- गणेश चतुर्थी का त्योहार प्रतिवर्ष अंग्रेजी महीनों के अनुसार अगस्त नंबर के महीने में और हिंदी महीनों के अनुसार भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाते हैं।
- भगवान गणेश के अनेकों नाम है उनमें से प्रमुख विनायक, गणेश, गणपति, विघ्नहर्ता, गजानंद, आदि है।
- गणेश जी की जब पूजा की जाती है। उसमें विशेष रूप से लाल चंदन, द्रुवा अर्थात दोब, कपूर नारियल आदि चढ़ाए जाते हैं।
- हिंदू धर्म में तो गणेश जी की पूजा सबसे पहले की जाती है। इसके अलावा बड़े बड़े यज्ञ, शादी समारोह किसी भी प्रकार की पूजा पाठ सभी में गणेश जी की सबसे पहले पूजा होती है।
- गणेश जी को बुद्धि के देवता माना जाता है ऐसा इसलिए माना जाता है। एक बार देव लोक में सबसे पहले किस देवता की पूजा की जाए इसके लिए एक प्रतियोगिता का आयोजन रखा गया। उसमें संपूर्ण ब्रह्मांड के परिक्रमा जो लगाएगा वही सबसे पहले पूजनीय कहलायेगा। जब सभी देवताओं को संपूर्ण ब्रह्मांड की परिक्रमा करने के लिए कहा गया था। तब गणेश जी ने अपनी सूझबूझ के साथ में संपूर्ण ब्रह्मांड की जगह अपने माता पिता की ही सात परिक्रमा लगाकर सबसे पहले इस काम को किया। इन्होंने अपनी सोच बहुत समझदारी से काम लिया और इनका वाहन मूषक होता है। इसीलिए सभी देवताओं में सबसे पहले इन्हीं की पूजा का विधान माना जाता है। क्योंकि ऐसा भगवान का आशीर्वाद इन को मिला हुआ है।
- मुख्य रूप से गणेश जी को भोजन में मोदक अति प्रिय हैं।
- ऐसा भी माना जाता है कि भगवान गणेश को बुद्धि और समृद्धि का देव कहा जाता है।
- भगवान गणेश जी विघ्नहर्ता है। सभी के संकटों को सभी परेशानियों को दूर करते हैं इसीलिए इनको विघ्नहर्ता कहते हैं। सभी भक्तों की सभी बाधाओं को मिटाने का काम करते हैं।
- गणेश चतुर्थी का त्योहार सबसे लंबा त्यौहार होता है। यह 11 दिनों तक चलता है। जब गणेश जी की मूर्ति की स्थापना की जाती है। उसके बाद अनंत चतुर्दशी तिथि को इस त्यौहार की अंतिम विसर्जन पूजा होती है। इसीलिए यह 11 दिनों तक त्योहार चलता है।
- गणेश चतुर्थी पर लोग सुबह और शाम को गणेश जी की पूजा अर्चना आरती करते हैं। उसके बाद में लड्डू और मोदक का भोग भी लगाते हैं।
निष्कर्ष
आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से आप सभी को गणेश चतुर्थी पर 10 लाइन हिंदी में इसके बारे में जानकारी प्रदान की है। हमें उम्मीद है कि आपको जो जानकारी दी है वह पसंद आई होगी। इस पोस्ट में किसी भी प्रकार की समस्या के लिए अगर आप समाधान चाहते हैं, तो कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट करके बता सकते हैं।