गरुड़ पुराण इन हिंदी Garud puraan in hindi?

संसार में सभी धर्मों में मान्यता होती है कि जब इंसान की मृत्यु हो जाती है तब उस मनुष्य को खुद की आत्मा का सफर अकेले खुद ही तय करना पड़ता है। अगर वह आत्मा का सफर खुद के लिए अकेले तय कर रहा है तो उसके पीछे कारण है उसके कर्म होते है उसके हिसाब से ही आत्मा सफर करती है। गरुड़ पुराण के अनुसार मनुष्य के कर्मों के अनुसार ही उसकी आत्मा का सफर निर्धारित होता है। सनातन धर्म में इस विषय के बारे में एक पुराण में संपूर्ण बातों का जिक्र बताया गया है उसका नाम है गरुड़ पुराण।

गरुड़ पुराण मनुष्य के जीवन में जिस तरह से मनुष्य पाप कर्म करता है। उसी तरह से उसको अलग अलग यात्राओं को उसको भोगना पड़ता है। आइए आज हम आपको बताते हैं गरुड़ पुराण के बारे में कुछ जानकारियां जिनके बारे में शायद बहुत कम लोगों को जानकारी पता है क्योंकि आज के समय में लोग गरुड़ पुराण को सुनना कम पसंद करते हैं,इस पुराण को अक्सर इंसान की मृत्यु होने पर सभी लोगों के यहां एक पाठ के रूप में आयोजन किया जाता है आइए बताते हैं गरुड़ पुराण के बारे में जानकारी…

गरुड़ पुराण इन हिंदी Garud puraan in hindi?

क्या होता है गरुड़ पुराण

हिंदू धर्म में हमेशा व्यक्ति को जन्म से लेकर उसकी मृत्यु तक अच्छे कार्य करने अच्छे सतर्क कर्म करने के लिए ही आगे का रास्ता दिखाया जाता है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अभी पुराणों में हिंदू धर्म में मनुष्य का जीवन कुछ इस तरह से बताया गया है, कि जब मनुष्य अपने जीवन काल में जैसे कर्म करता है,उसको वैसे ही फल मिलता है। और कर्म के अनुसार स्वर्ग नर्क की प्राप्ति होती है।

हिंदू धर्म में एक गरुड़ पुराण में भी इसकी बहुत विशेष भूमिका है। मृत्यु के पश्चात मनुष्य के कर्मों के आधार पर ही उसकी आत्मा को शांति मिलती है। और कर्म के आधार पर ही उस उस को नर्क और स्वर्ग की प्राप्ति होती है। गरुड़ पुराण में मनुष्य के कर्म के आधार पर अलग-अलग प्रकार के दंड का विस्तार पूर्वक वर्णन इस ग्रंथ में किया गया है। मनुष्य के जिस तरह से कर्म होते हैं। उनके अनुसार ही उसको मरने के बाद में सजा दी जाती है।

हमारे हिंदू धर्म में सभी प्रकार के कथाओं में स्वर्ग और नरक का विस्तार पूर्वक वर्णन हुआ है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जहां देवता रहते हैं, वहां अच्छे सत्कर्म वाले इंसान मृत्यु के पश्चात उनको स्वर्ग की प्राप्ति होती है और एकदम विपरीत बुरे कर्म करने वालों को हमेशा नर्क की प्राप्ति ही होती है।

36 प्रकार के नर्क का वर्णन गरुड़ पुराण में

गरुड़ पुराण के प्रसंग के अनुसार नरक में पापी पुरुष आपस में लड़ते हुए रहते हैं, ऐसे में यमदूत के द्वारा उनको घोर नरक का स्थान मिलता है। गरुड़ पुराण में कुल 84 लाख नरक की गिनती बताई गई है। उनमें से 21 नर्क और नरक की श्रेणी में आते हैं।उनमें से तामिस्र, लोहशंकु, महारौरव, शाल्मली,रौरव, कुँडलम, कालसूत्र, पुतिंर्तिक,संघात, लोहितोद, सविष, संप्रतापन, महानिरी,काकोल, संजीवन,महापथ,अविचि अन्धतामिस्त्र,कुम्भीपाक,संप्रतापन,व तपन आदि 21 घोर नरक होते हैं।

यह सभी नरक अनेक प्रकार की घटनाओं से भरे हुए होते हैं और इनमें अनेक यमदूत रहते हैं जो इस नरक भोगने वालों को कड़ी प्रताड़ना  और यातनाएं देने के लिए होते हैं। सनातन धर्म में इस तरह के नरको का गरुड़ पुराण के अंतर्गत वर्णन किया गया है। अग्नि पुराण कठोपनिषद जैसे पौराणिक ग्रंथों में भी इनका वर्णन पाया जाता है, लेकिन सभी सबमे एक ही बात है, कि मनुष्य को मरने के बाद उसके कर्म के अनुसार ही नरक में सजा दी जाती है।

महाविचि नरक

गरुड़ पुराण में बताया गया है कि महाविचि नाम का नरक लाल रंग के रक्त से भरा हुआ है। इसमें ब्रज के समान कांटे भी लगे हुए हैं, और इसमें गए सभी जीव की आत्मा को कांटो से चुप होकर कष्ट और बहुत सी यातनाएं दी जाती है। ऐसा भी बताया गया है कि इस नरक में गाय का वध करने वाले इंसान को 1लाख वर्ष तक कष्ट भोगना पड़ता है।

कुंभी पाक नरक 

कुंभी पास नर्क में जो लोग धन के लालची होते हैं, और बिना मेहनत किए धन को कमाने की तरकीब में लगे रहते हैं। कहने का तात्पर्य गलत तरीके से कमाया हुआ धन और किसी की भूमि पर कब्जा कर लेने वाले लोग या किसी कारणवश किसी ब्राह्मण की हत्या करने वाले लोगों को इस कुंभी पार्क नाम के नर्क में मरने के बाद में अनेक नरक की यात्राओं को भोगना पड़ता है। इस नरक के अंदर गर्म जमीन बालू और अंगारों से भरी रहती है।

गरुड़ पुराण के अनुसार नरक व उसकी यातनाएं

गरुड़ पुराण के दूसरे अध्याय में इन सभी नर्क में उनकी यातनाओं का वर्णन किया गया है। भगवान गरुड़ ने प्रभु श्री हरि विष्णु से पूछा कि हे भगवान यमलोक का मार्ग किस प्रकार से दुखदाई होता है तथा पापी लोग इस मार्ग से किस तरह से जाते हैं। कृपया करके मुझे इसके बारे में विस्तार से समझाइए। भगवान बोले हे गरुड़ महान दुख बैग और नरक की यात्राओं को देने वाले यमराज के विषय में तुम्हें बताता हूं तुम मेरे भक्तो हो लेकिन यह बात सुनकर तुम्हारी भी अंदर से रूह कांप उठेगी।

जब आदमी मरने के बाद में नरक की यात्राओं में जाता है, तो वहां पर ना हवा मिलती ना पानी ना अन्य मिलता वहां पर प्रलय काल की भांति 12 प्रकार के सूर्य की तपन आत्मा को झेलनी पड़ती है। मार्ग में आगे बढ़ने पर पापी आदमी को बर्फीली झाड़ियों हवाओं से भी गुजरना पड़ता है। वहां उसे कांटों से भी और शराब के भयंकर विष के प्रभाव से भी जाना पड़ता है, कहीं पर मनुष्य की आत्मा को अग्नि से जलाया जाता है।

कहीं पानी में डुबोकर रखा जाता है, कई रक्त के बीच में रखा जाता है, इस तरह के घोर नरक की यातना उसे मरने के बाद में मनुष्य की आत्मा को गुजरना पड़ता है। वही मार्ग में एक बैतरणी नदी होती है, जिसमें हमारे पूर्वजों पुरखों की अजीब अजीब भयंकर आवाजों का भी सामना करना पड़ता है।

Conclusion 

आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से गरुड़ पुराण के बारे में बताया है। उम्मीद है आपको हमारे द्वारा दी गई गरुड़ पुराण के बारे में और मनुष्य को मरने के उपरांत जिस तरह से नरक की घोर यातना से गुजरना पड़ता है, उन सभी की संक्षिप्त में जानकारी समझ में आई होगी। इससे जुड़ी हुई किसी भी जानकारी के लिए या आपको हमारा लेख अच्छा लगा तो कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट करके भी पूछ सकते हैं या जानकारी ले सकते हैं।