Goldfish Ka Scientific Name Kya Hai?

धरती पर अनेकों प्रकार के जीव रहते हैं, जिनके बारे मे अगर गहराई से अध्यन किया जाए तो कुछ ऐसे रहेशय सामने आते हैं। जिनको जाने से मानो ऐसा प्रतीत होता हैं। कि जीव जन्तुओ की संरचना बड़े ही विस्तार से हुई हैं। महासागर व समुन्द्र की गहराई मे ऐसी हजारों प्रजाति विराजमान हैं, जिन्हे उनके दूसरे नाम से जाना जाता हैं। आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम एक ऐसी ही फिश की बात करेंगे जिसे गलोडफिश के नाम से जाना जाता हैं। परंतु इसका साइअन्टिफिक नेम अलग हैं। तो बिना देरी किए शरू करते हैं, आज की इस पोस्ट को। 

Goldfish Ka Scientific Name Kya Hai?

Goldfish का scientific नाम क्या हैं?

गोल्डफिश जिसे सुनहरी मछली के नाम से भी जाना जाता हैं। इसके scientific नाम Carassius Auratus हैं। मीठे पानी मे रहने वाली इस सुनहरी मछली के अपनी कुछ विशेषता हैं। जो की नीचे दिए गई हैं। पोस्ट मे आगे से बढ़ने से पहले जानते हैं। कि गोल्डफिश की क्या प्रजाति हैं। व इसकी कितनी आयु होती हैं। 

pH range         –       6.6-8.5

जाति                 –       Carassius

साइज़               –       20 Cm

हिन्दी नाम         –        सुनहरी मछली 

आयु सीमा         –        10-15 साल 

भोजन श्रोत        –         कीट, लार्वा आदि 

कैरसियस ऑराटस जिसे सुनहरी मछली के नाम से जाना जाता हैं। इसके लिए अनेकों तथ्य दिए गए हैं। इसके अलावा हम आपको यह भी बताएंगे कि सुनहरी मछली सबसे ज्यादा कहां पाई जाती है। गोल्डफिश यानि गोल्डफिश सबसे ज्यादा पूर्वी एशिया में पाई जाती है। गोल्डफिश का जन्म पूर्वी एशिया (पूर्वी रसिया) में हुआ था। क्या आप जानते हैं सुनहरीमछली का वैज्ञानिक नाम कैरासियस ऑराटस था। कैरासियस ऑराटस का पालन-पोषण सबसे पहले कहाँ हुआ था? गोल्डफिश से जुड़ी सभी जानकारी आपको इस पोस्ट के माध्यम से नीचे दी जाएगी। 

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जैसा कि हमने आपको पहले बताया, पूर्वी एशिया में मछलियों की एक नई प्रकार की प्रजाति पाई जाति हैं। कैरासियस ऑराटस पहली बार यूरोप में 17 वीं शताब्दी में पाया गया था। 1502 और 1611 के बीच मेरी सुनहरी मछली यानी गोल्डफिश का उत्पादन सबसे अधिक हुआ, जिसका अर्थ है कि इतने सालों में कोई भी सुनहरी मछली सबसे ज्यादा विकसित नहीं हुई और हर जगह इसकी चर्चा हुई। इसके अलावा लोग गोल्डफिश के सम्मान में एक दूसरे को पालतू जानवर के रूप में उपहार में देने लगे। इसके अलावा एक मसहूर दम्पति दंपत्ति ने अपनी सालगिरह पर सबसे प्रथम इसे उपहार के रूप मे भी भेट किया था। 

Goldfish के प्रमुख तथ्य 

आम सुनहरी मछली से अलग जिसे सुनहरी मछली कहाँ जाता है। वास्तव में सुनहरी मछली की सबसे बड़ी प्रजातियों में से एक हैं, जो 18 इंच से अधिक की लंबाई तक पहुंचने और दस पाउंड वजन तक पहुंचने में सक्षम हैं। यहां तक ​​​​कि सबसे छोटी सुनहरी मछली की प्रजातियां चार से सात इंच के बीच वयस्क लंबाई तक पहुंचती हैं और 20-गैलन या बड़े एक्वैरियम के लिए सबसे उपयुक्त हैं। सुनहरी मछली के पेट का आकार उसकी वृद्धि को एक हद तक प्रभावित करेगा, लेकिन विचार करने के लिए अन्य कारक भी हैं, जैसे मछली का आहार और उसके पर्यावरण की स्वच्छता। प्रजातियों और उपर्युक्त कारकों के आधार पर, एक सुनहरी मछली दो फीट लंबी या दो इंच जितनी छोटी हो सकती है।

सुनहरीमछली कार्प के वंशज हैं, जिन्हें प्राचीन एशिया में भोजन के लिए पाला जाता था। कार्प अभी भी यूरोप में प्रीमियर गेम फिश हैं और एशिया में सबसे मूल्यवान खाद्य मछली मानी जाती हैं। कहा जा रहा है, संयुक्त राज्य अमेरिका में कार्प का उपयोग खाद्य मछली के रूप में नहीं किया जाता है क्योंकि यह बेहद सख्त, बोनी और चिकना होता है।

 साथ ही पालतू मछली बीमारी ले जा सकती है; कोई भी अन्य मछली बेहतर, अधिक भरने वाला और स्वास्थ्यवर्धक भोजन बनाती है। समुन्द्र की गहराई मे वैसे अनेकों प्रकार की प्रजाति पाई जाति है, लेकिन काफी रिसर्च के बाद गोल्डफिश नामक मछली के विषय मे विस्तार से जानकारी पाना एक अहम विषय था। 

आशा करते है, आज की इस पोस्ट के माध्यम से आपको गोल्डफिश के विषय मे पर्याप्त जानकारी प्राप्त हुई होगी। अगर आप भी जीव जन्तुओ के बारे मे जानकारी अकत्रित करना चाहते है। तो ऊपर दिए गए जानकारी आपके लिए फायदेमंद साबित होगी।