गोरिल्ला ग्लास क्या है गोरिल्ला ग्लास के फायदे और नुकसान तथा इसका इतिहास क्या है?

Gorilla Glass एक environment friendly glass है जिसे Alkali – Alum inosilicate के पतले सीट से बनाया गया है इसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे की फ़ोन, टेलीविज़न, नोटबुक के कवर पर डिजाइन किया जाता है मानो कि ये आसानी से  scratch  यानी खुरचा नोचा नहीं जा सकता यह  सामान्य ग्लास के मुकाबले काफी मजबूत (स्ट्रांग) होता है।

गोरिल्ला ग्लास क्या है गोरिल्ला ग्लास के फायदे और नुकसान तथा इसका इतिहास क्या है?

गोरिल्ला ग्लास मोबाइल इतना शक्तिशाली क्यों है?

ये इतना मजबूत किस्म का इसलिए होता है क्योंकि इसे बनाने के लिए केमिकल के प्रयोग द्वारा बनाया जाता है जिसे Lon Exchange  भी कहा जाता है इस प्रयोग के दौरान ग्लास को molten potassium salt  में रखा जाता है। कुछ समय के लिए उसका टेम्परेचर उस समय होता है, 400 डिग्री सेल्सियस (750 F )  इसमें छोटे ग्लास को छोड़ दिया जाता है जो एक बड़े गिलास का रूप या जगह ले लेते है और छोटे छोटे ग्लास आपस में जुड़कर बड़ा ग्लास बनकर ठंडा होता है उसके ऊपरी हिस्से में compress stress पाया जाता है।

इसी special composition के कारण पोटैशियम ion अच्छी तरह खुल मिल जाता है जिससे या और मजबूती प्रदान करता है और दिन प्रतिदिन के इस्तेमाल या प्रयोग से और मजबूती बढ़ती जाती है। Also Read: Bharat me kul train ki sankhya kitni hai

गोरिल्ला ग्लास का इतिहास

Gorilla Glass की उत्पत्ति की कहानी भी बहुत ही रोचक है यह एक विद्वान के प्रयोग के दौरान गलती से बनाया गया है सन 1952 की बात है जब एक वैज्ञानिक ने अपनी किसी प्रयोग के दौरान corning के लेव मे एक photosensitive ग्लास को furnace मैं टेस्ट के लिए रख दिया और उसका टेम्परेचर लगभग 900 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा दिया।

जिसके बाद सभी वैज्ञानिक को लगा कि यह सैम्पल बर्बाद हो गया है लेकिन जब furnace  को खोला गया तो सबने देखा कि तरल ग्लास के जगह एक ग्लास की सीट निकली जो बहुत ही मजबूत थी और वह अचानक से जमीन पर गिर गई तो वह टूटने की जगह bounce हुई।

जब किसी भी वैज्ञानिक को नहीं पता था कि वह एक अद्भुत और मजबूत चीज़ की खोज कर ली है गोरिल्ला ग्लास को 1 फरवरी 2008 में लॉन्च किया गया था जिसके बाद कंपनी से और मजबूत बनाती गयी और एक से अनेक तरीकों से और मजबूत नए वर्जन करती गई गोरिल्ला ग्लास पिछले 5 वर्ष जुलाई में हुआ था।

इसका सबसे पहला इस्तेमाल सैमसंग ने नॉट 7 स्मार्टफोन में किया गया था जैसा कि हम सबको पता है कि गोरिल्ला ग्लास का उपयोग फ़ोन ना बल्कि टीबी ,कंप्यूटर, नोटबुक ,स्मार्टवॉच आदि के डिस्प्ले में भी किया जाता है।

गोरिल्ला ग्लास को बनाने वाली कंपनी दिन प्रतिदिन इसे और मजबूत बनाती जा रही है सभी देशों में इसका टी मांड बढ़ता जा रहा है आज इस क्लास को अमेरिका कोरिया और ताइवान आदि देशों में बनाया जाता है।

गोरिल्ला ग्लास के फायदे और नुकसान

जैसा कि हम सभी को पता है कि दुनिया में किसी भी उपकरण का फायदा और नुकसान दोनों होता है उसी प्रकार गोरिल्ला ग्लास का भी फायदा और नुकसान दोनों आपको बता दे जिसमे गोरिल्ला ग्लास भी शामिल है।

गोरिल्ला ग्लास के फायदे यह तो हम सबको पता है कि गोरिल्ला ग्लास बहुत मजबूत ग्लास है तो इसका दूसरा फायदा बता दे बता दे

  1. यह सामान्य ग्लास के मुकाबले ज्यादा शक्तिशाली होता है
  2. यह बहुत ही सुंदर आकर्षक होता है
  3. ये scratch resistant भी होता है
  4. यह सामान्य के मुकाबले ज्यादा पतला होता है
  5. ये ज्यादा हिट संभाल सकने की ताकत रखता है

गोरिल्ला ग्लास के नुकसान

नुकसान के बारे में बताएं तो वह जितना मजबूत है उतना नुकसान भी नहीं होता लेकिन नुकसान को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है

  1. तो बता दू आपको कि इसे बनाने में समय और पैसा दोनों लगते हैं साथ ही इसे बनने में बहुत मेहनत की आवश्यकता होती है इसे बनाना आसान या कोई सरल कार्य नहीं है।
  2. इनके manufacturing मैं ज्यादा केमिकल का प्रयोग किया जाता है। 3. 3.  इसके इस्तेमाल से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे मोबाइल नोटबुक की कीमतें बढ़ जाती है।
  3. ये स्क्रैच resistant होती है लेकिन ये स्क्रैच प्रूफ नहीं होती गोरिल्ला ग्लास कई प्रकार की है लेकिन इसका मतलब यह कुछ हद तक सभी स्क्रैच यस को सह सकती है लेकिन लिमिट तक ही तो आप गलतफहमी में मत रही है कि पूरी तरह से स्ट्रेस प्रूफ है।

निष्कर्ष = आज की इस पोस्ट में हमने आपको गोरिल्ला ग्लास क्या है? और गोरिल्ला ग्लास का इतिहास  तथा गोरिल्ला ग्लास का फायदा और नुकसान सभी चीज़ो को विस्तारपूर्वक से बताए हैं यह पोस्ट पढ़कर आपको आज कुछ नया जानने और सीखने को मिला होगा इसे अपने दोस्तों के साथ  शेयर जरूर करें जिससे उन्हें भी गोरिल्ला ग्लास की जानकारी मिल सके।