दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे होली क्यों मनाई जाती है? रंगों का त्यौहार के तौर पर मशहूर होली का त्यौहार फाल्गुन महीने मे पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है नाचगाने और एक दूसरे के उपर पानी रंग डालकर खेला जाता है। भारत में और बाकी त्योहारों की तरह ही होली भी बुराइ पर अच्छाइ की जीत का प्रतीक है प्राचीन पौराणिक कथा के आधार पर होली का त्योहार हिरण्यकश्यप की कहानी से जुड़ी है हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को वरदान मिला था।
कि वह आग में जल नहीं सकती हीरे कश्यप ने अपने बहन होलिका को आदेश दिया की प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ जाए आग में बैठने पर हो तो जलकर भस्म हो गयी परंतु प्रहलाद बच गया और ईश्वर भक्त प्रहलाद की याद में इस दिन से होली मनाई जाती है।

Holi क्या है?
होली का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है यह त्यौहार प्रत्येक वर्ष बसंत ऋतु के वक्त फागुन मतलब की मार्च के महीने में आता है जिसे पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है और यह त्योहार सबसे अधिक खुशी का दिन होता है। ये बसंत का त्यौहार है और इसके आने पर सर्दी खत्म हो जाती है और गर्मी की शुरुआत हो जाती है भारत के कुछ भागों में इस त्यौहार को किसान की अच्छी फसल पैदा होने की खुशी में भी मनाते हैं।
होली का यह उत्सव फागुन के लास्ट वाले दिन होलिका दहन की शाम से शुरू होता है और अगले दिन सुबह सभी लोग आपस में गले मिलते हैं बच्चे अपने बड़ों का आशीर्वाद पैर छूकर लेते हैं। और फिर एक दूसरे को रंग या अबीर लगते हैं इस दौरान पूरी प्राकृतिक और वातावरण बहुत सुन्दर रंग बिरंगा देती है इस पर्व को एकता प्यार खुशी और बुराइ पर अच्छाइ की जीत के रूप में मनाया जाता है।
होली महोत्सव का इतिहास
क्या है होली का महत्व होली का त्यौहार अपनी संस्कृति और पारंपरिक मान्यताओं के वजह से बहुत प्राचीन वक्त से मनाया जाता है इसका वर्णन भारत की कई पवित्र पौराणिक पुस्तकों जैसे – पूराण दसकुमार चरित्र संस्कृत नाटक आदि में किया गया है। होली के इस अनुष्ठान पर लोग सड़कों पार्को सामुदायिक केंद्र और मंदिरों के आसपास क्षेत्रों में होलिका को जलाने के लिए लकड़ी और उपले आदि सामग्री को इकट्ठा करना शुरू कर देते हैं फिर होलिका को जलाते है।
अगले दिन सुबह अपने अपने घरों में अनेक प्रकार के व्यंजन भी पकाते हैं जैसे गुजिया चिप्स मिठाई मालपुआ आदि होली पूरे भारत में हिंदुओं के लिए एक बहुत बड़ा त्यौहार होता है जो ईसा मसीह से भी पहले काफी सदियों से शामिल हैं। यदि इससे पहले की होली की बात करे तो तब ये त्योहार भी विवाहित महिलाओं द्वारा पूर्णिमा की पूजा को करके अपने परिवार के सुख सम्पत्ति के लिए मनाया जाता था होली एक ऐसा त्यौहार हैं ।
जिसे देश का हर प्रांत बड़ी धूमधाम से मनाता है तरह तरह के प्रांतों में उनके संस्कृत के अनुसार इसे अपने रीती रिवाज के हिसाब से मनाया जाता है यह त्योहार हमें जीवन में एक साथ मिल जुलकर रहने की प्रेरणा देता है। Also Read: Sone ki pehchan kaise karen – चलो पहचाने सोना शुद है या नहीं
होली के अलग अलग रूप
दुनिया भर में अलग – अलग कोने में अलग अलग तरीके से होली खेली जाती है कही फूल भरे होली तो कहीं लठ्ठमार होली तो कहीं रंगों की होली होली खेलने का तरीका भले ही अनेकों प्रकार का होता है परन्तु होली सभी स्थानों पर रंगों के साथ जरूर खेला जाता है।
निष्कर्ष = आज के इस पोस्ट में हमने आपको बताया है की होली क्यों मनाई जाती है? और होली कब मनाई जाती है यह पोस्ट आपको पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।