जब भूख लगे तो अखरोट खाया जाता है पानी पीना हो तो शुद्ध जल का पानी पिया जाता है अंजीर काजू किसमिस जैसी चीजे रोज नस्ता और खाना में खाने की चीज है। सुनकर अजीब लगा ना हम आपको बताने जा रहे हैं विश्व में मौजूद एक ऐसी जनजाति के बारे में जो केवल खजूर काजू किसमिस जैसी चीजें खाती है और रोजाना पहाड़ चढ़ना नीलू दौड़ना जैसा उनका काम है। इन लोगों को हुंजा कम्युनिटी कहा जाता है।
हुंजा एक खास किस्म की जनजाति के लोग हैं यह कौन है कहां से आए है और तू Hunja Community के लोगों को दीर्घकालीन रहने का वरदान मिला है।
Table of Contents
Hunja Community के लोग
Hunja Community में रहने वाले लोगों को हुंजा कम्युनिटी कहा जाता है। यह लोग पाकिस्तान और भारत के नियंत्रण रेखा के बीच में पाए जाते है। बिना किसी बीमारी के 100 से 150 साल तक एक स्वास्थ्य जिंदगी जीने की वजह से यहां के लोग हमेशा चर्चा में रहते हैं।
यह एक ऐसी जनजाति है जिस दवाइयों के बारे में नहीं पता। आज दिल का रोग डायबिटीज मोटापा एक आम समस्या बन चुकी है दूसरे इंसान को इस प्रकार की बीमारी होती है मगर Hunja Community के लोगों को इनमें से किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं होती छोटा-मोटा बुखार होना ही उनके लिए एक बीमारी है जिन का इलाज वह आसपास की जड़ी बूटियों को खाकर करते हैं।
कश्मीर के खास इलाके में रहने वाले हुंजा जनजाति के लोग ऊंची ऊंची पहाड़ियों पर निवास करते हैं सुन्या से भी कम तापमान में ठंडे पानी से नहाते है रोज सुबह उठकर मिलो तक दौड़ते है, अपने मामूली कामों को करने के लिए ऊंची ऊंची पहाड़ियों पर चढ़ते और उतरते हैं। डॉक्टरों का भी मानना है कि उनकी जीवनशैली इतनी कठोर है कि उनके शरीर को किसी भी प्रकार की बीमारियां नहीं होती खाने के लिए वहां आम तौर पर उगने वाली फसल अखरोट, काजू, किसमिस है जिनका सेवन वे रोजाना करते हैं।
कहां से आए है हुंजा कम्युनिटी
इतिहासकारों का मानना है कि हुंजा कम्युनिटी में रहने वाले लोग सिकंदर के वंशज है। इनके कठोर शरीर और परिश्रम को देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्यों सिकंदर को विश्व विजेता माना जाता है। इतिहासकारों का मानना है कि जब सिकंदर भारत पर आक्रमण करने आया तो सिंधु घाटी के किनारे कुछ लोग बस गए थे आज उन लोगों को हुंजा कम्युनिटी कहा जाता है।
इस घाटी के बारे में सबसे पहले जो मिल्टन हॉफमैन नाम के एक व्यक्ति ने 1968 में बताया था। उन्होंने अपनी किताब में ऐसी जनजाति का जिक्र किया जिसे दीर्घकालीन जीवित रहने का वरदान मिला हो किताब को पढ़ने पर पता चला कि इस जनजाति को हुंजा कम्युनिटी कहते है जो गिलगित पाकिस्तान के इलाके में स्थित है।
आपको बता दें कि Hunja Community में रहने वाले लोगों को देखकर डॉक्टर भी हैरान है। आज दिल के रोग डायबिटीज मोटापा एक आम समस्या बन चुकी है मगर Hunja Community के लोग आज तक बीमार ही नहीं पड़े। लगभग बहुत सारे मेडिकल इंस्टिट्यूट में यहां के जनजाति के बारे में पढ़ाया जाता है क्योंकि यह एक खास प्रकार की जनजाति है जिसे दीर्घकालीन जीवित रहने का वरदान है और यहां के लोग कभी बीमार नहीं पड़ते।
कहां है Hunja Community
Hunja Community गिलगित और बालटिस्तान के बीच में स्थित है। 1947 में यह इलाका भारत का हिस्सा था लेकिन 1947 में जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो यह इलाका पाकिस्तान में चला गया। मगर पाकिस्तान का भी इस गांव पर कोई हक नहीं है क्योंकि आपने भारत-पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा के बारे में सुना होगा यह गांव उस नियंत्रण रेखा के बीच में पड़ता है। भारत और पाकिस्तान के बीच इस स्थित गिलगित और अल्टिस ताला में स्थित है हुंजा कम्युनिटी।
Hunja Community एक खूबसूरत गांव है जहां लगभग 90000 लोगों की जनसंख्या रहती है यह लोग गिलगित पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा के पास रहते हैं।
यहां के लोग मुख्य तौर पर इसलिए प्रचलित है क्योंकि वह लोग वही खाते हैं जो वह उगाते हैं वहां ठंड में उगने वाली फसल उगती है वहां का तापमान न सालों भर ठंडा रहता है। साल के कुछ महीनों में वहां शून्य के नीचे तापमान चला जाता है मगर फिर भी वहां के लोग ठंडे पानी से ही अपना गुजर-बसर करते हैं और पहाड़ पर चढ़ने जैसे कठोर कार्य करने की वजह से वह काफी स्वस्थ रहते हैं।
निष्कर्ष
उम्मीद करते हैं इसलिए कोई स्टार पूर्वक लिखने के बाद आप समझ गए होंगे कि Hunja Community कहां है और वहां किस प्रकार के लोग रहते हैं हुंजा कम्युनिटी के बारे में अगर इस लेख से आपको विस्तार पूर्वक जानकारी मिली है तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें और अपने विचार हमें कमेंट करके बताना ना भूले।