Importance and method of reciting Sunderkand सुंदरकांड के पाठ करने का तरीका व महत्व

क्या आपको सुंदरकांड के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं या फिर थोड़ी बहुत जानकारी तो सुंदरकांड के विषय में रखते हैं। जहां प्राचीन धर्म ग्रंथों की बात आती है तो वहां उस में से सबसे प्रमुख ग्रंथ रामायण का यह बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। रामायण के अंदर सात कांड में से यह एक प्रमुख कांड माना जाता है। इसलिए आज हम आपको सुंदरकांड का पाठ करने का तरीका है सुंदरकांड का क्या महत्व है उसके विषय में जानकारी देने वाले हैं..

हनुमान जी अपने सभी भक्तों पर आने वाले सभी तरह के दुख परेशानियों को हमेशा दूर करते हैं ऐसी मान्यता मानी जाती है कि हनुमान जी बहुत जल्दी प्रसन्न होने वाले देवताओं में से एक माने जाते हैं। हनुमान जी की पूजा करने के लिए ज्यादा किसी पूजा-पाठ को करने की जरूरत नहीं पड़ती है। सुंदरकांड का हनुमान जी की पूजा के लिए विशेष महत्व माना जाता है। तुलसीदास जी के द्वारा रचित भारत के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथ रामायण के अंदर से लिया गया सुंदरकांड बहुत ज्यादा पवित्र और लोकप्रिय माना जाता है।

 मान्यताओं के अनुसार अगर कोई भी व्यक्ति नियमित अंतराल के बाद में हनुमान जी की प्रतिमा के सामने सुंदरकांड का पाठ करता है तो उसको हनुमान जी का पूरा आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए जानते हैं कि सुंदरकांड के पाठ का क्या महत्व है,भगवान हनुमान जी की पूजा किस तरह से की जाती है, सुंदरकांड के पाठ कब कब करना चाहिए। इन सभी के विषय में जानकारी इस पोस्ट के द्वारा देने जा रहे हैं..

सुंदरकांड क्या है?

सबसे पहले तो आपको यह बताना चाहिए कि आखिर सुंदरकांड है सुंदरकांड में हनुमान जी की पूरी स्थिति का वर्णन किया गया है। सुंदरकांड का पाठ शुरू करने से पहले मन में विश्वास यह जरूर रखना चाहिए कि हनुमान जी ने इस तरह से भगवान श्री राम के सभी कार्यों को संवारा था उसी तरह से हम सभी के जीवन से सभी कष्टों को भगवान दूर करते हैं।

सुंदरकांड के अंदर तीन प्रमुख श्लोक और 60 दोहा इसमें लिखे गए हैं। श्री तुलसीदास जी के द्वारा लिखी गई रामचरितमानस में सुंदरकांड के अंदर 526 चौपाइयां हनुमान जी के कार्यों के लिए लिखी गई है। शुरुआत में पहले 30 श्लोकों में तो विष्णु स्वरूप भगवान श्री राम के गुणों का वर्णन किया गया है। सुंदर शब्द इस कांड में 24 चौपाइयों के अंदर लिया है। इसको सुंदरकांड इसीलिए कहा गया है क्योंकि इसमें भगवान श्री राम और हनुमान जी के सुंदर चरित्र का और उनके कार्यों का वर्णन किया गया है। 

हनुमान जी महाराज जिस तरह से लंका में पहुंचकर माता सीता का पता लगाया और सभी देवताओं के द्वारा पहले उनकी स्तुति की गई। उन सभी का वर्णन आपको सुंदरकांड में पढ़ने पर समझ में आएगा। हमारे हिंदू धर्म में सुंदरकांड का बड़ा ही महत्व बताया गया है। खासकर हनुमान जी की भक्ति की जहां बात आती है तो हनुमान चालीसा का तो पाठ करते ही हैं लेकिन सुंदरकांड का पाठ उससे भी बड़ा लाभदायक होता है। 

सुंदरकांड का महत्व

भगवान हनुमान जी प्रभु भोलेनाथ के अवतार माने जाते हैं और हनुमान जी भगवान राम की भक्ति से अति प्रसन्न होते हैं यह बल बुद्धि कृपा प्रदान करने वाले देव भी है। सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में जो भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिलते हैं। अगर व्यक्ति नियमित सुंदरकांड का पाठ करता है तो उसकी एकाग्रता और आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है। और उसके जीवन में भी बदलाव आ जाते हैं। हमारी धर्म ग्रंथों में सुंदरकांड का बड़ा ही महत्व बताया गया है।

 सुंदरकांड का पाठ अगर कोई व्यक्ति किसी कामना को लेकर करता है तो कहते हैं कि उसकी कामना अर्थात उसकी कभी इच्छा जरूर पूरी होती हैं, लेकिन सच्चे ह्रदय से सुंदरकांड का पाठ करना बहुत जरूरी है। सुंदरकांड में भगवान की बहुत सुंदर चौपाइयों के माध्यम से उनके गुणों का वर्णन किया गया है। सुंदरकांड के अंदर हर एक चौपाई का एक अलग ही महत्व बताया गया है।

 अगर कोई सुंदरकांड का पूरा पाठ नहीं कर सकता और उसकी कुछ चौपाइयों का भी पाठ अगर प्रतिदिन कर ले तो कहते हैं उससे भी सभी काम पूर्ण हो जाते हैं। अगर किसी व्यक्ति को किसी काम के लिए बाहर जाना है तो उसके लिए अगर वह सुंदरकांड की चौपाई का नियमित जाप करें तो उसके सभी काम पूरे हो जाते हैं 

“प्रवेश नगर कीजे सब काजा हृदय राखी कौशलपुर राजा”।

अक्सर हनुमान जी की पूजा मंगलवार और शनिवार के दिन लोग करते है। क्योंकि हनुमान जी की उपासना के लिए यह दिन शुभ माने जाते हैं।

सुंदरकांड का पाठ क्यों करना चाहिए

भगवान हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सुंदरकांड का पाठ विधिवत रूप से और कई नियमों के साथ में अगर कोई व्यक्ति करता है तो उसकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती है। लेकिन सुंदरकांड का पाठ पूरी आस्था और विश्वास के साथ करना जरूरी है। इस पाठ को पूरा होने में 2 से 3 घंटे का समय आराम से लग जाता है। पाठ को करते समय शांति से और पूरे ध्यान के साथ में एक-एक चौपाइयों का अर्थ समझते हुए अगर पाठ किया जाए तो इससे सभी इच्छाएं पूरी हो जाती है। अर्थात व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं और हनुमान जी महाराज की विशेष कृपा बनी रहती है।

 सुंदरकांड का पाठ मुख्य रूप से अगर मंगलवार शनिवार को करें तो अधिक कृपा देने वाला होता है जो कि मंगलवार व शनिवार हनुमान जी के परिवारों में माने जाते हैं अगर कोई सुंदरकांड का नियमित पाठ नहीं कर सकता तो कम से कम 11 चौपाइयों का पाठ योजना नित्य प्रतिदिन करें इससे आपके कोई भी काम मैं अगर कोई परेशानी आ रही है अब किसी भी काम के लिए अगर आप परेशान हो तो आपको इसमें बहुत लाभ प्राप्त होगा।

सुंदरकांड का पाठ कैसे करें

सुंदरकांड का पाठ पूरे विधिवत रूप से कुछ इस तरह से करना चाहिए

  • सबसे पहले सुंदरकांड का पाठ अगर आपको करना है तो प्रातः काल सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करके भगवान की पूजा करनी चाहिए।
  • उसके बाद हनुमान जी महाराज की हो या फिर भगवान श्रीराम की अगर प्रतिमा के सामने आप इस पाठ को करेंगे तो यह बहुत फल प्रदान करने वाला होगा क्योंकि हनुमान जी को भगवान राम की भक्ति बहुत ज्यादा प्रिय है उससे हनुमान जी जल्दी प्रसन्न होते हैं।
  • भगवान को धूप दीप पुष्प माला चढ़ाकर भोग में गुड़ चने का प्रसाद या फिर लड्डू का प्रसाद रखें पाठ शुरू करने से पहले एक लोटे में जल रखकर साथ में जरूर बैठे।
  • सुंदरकांड का पाठ करने का नियम यह भी कहता है कि अगर आपने सुंदरकांड का पाठ किसी एक निश्चित समय या तो सुबह के समय किया है या फिर रात के समय किया है तो आपको हर मंगलवार को उस पाठ को उसी समय पर करना होगा इस तरह से अगर आप पाठ करोगे तो सात या 11 मंगलवार नियमित रूप से पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।
  • सुंदरकांड का पाठ खत्म होने के बाद में हनुमान जी महाराज की आरती श्री राम भगवान की स्तुति श्री राम भगवान की आरती अवश्य करनी चाहिए और जो आपके पाठ को सुनने के लिए बैठे हैं उन सभी को आरती और प्रसाद लेकर ही भेजना चाहिए
  • सुंदरकांड का पाठ शुरू करने से पहले हनुमान जी का और भगवान श्री रामचंद्र जी का आह्वान जरूर कर लेना चाहिए।
  • सुंदरकांड को हमेशा लाल सुंदर कपड़े में लपेट कर पूजा स्थान पर रखना चाहिए

निष्कर्ष

आज हमने आपको इस पोस्ट के माध्यम से “सुंदरकांड का महत्व और पाठ करने का तरीका क्या है”। इसके विषय में जानकारी प्रदान की है हमें उम्मीद है कि जो भी इंफॉर्मेशन आपको इस पोस्ट में हमने बताइए आपको जरूर पसंद आएगी आपके लिए बहुत हेल्पफुल रहेगी अगर आपको हमारी पोस्ट अच्छी लगी तो कमेंट सेक्शन में जाकर कमेंट करके जरूर बताएं।