Importance of reading Shiv Chalisa शिव चालीसा पढ़ने का महत्व

आज की इस पोस्ट में हम आपको शिव चालीसा का क्या महत्व है इसके विषय में जानकारी देने जा रहे हैं। भगवान शिव को प्रसन्न करने के कौन-कौन से सरल उपाय हैं और शिव चालीसा महिमा के बारे में क्या महत्व बताया गया है, हिंदू धर्म के धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव की पूजा का और शिव चालीसा का को पढ़ने से क्या लाभ है, इन सभी के विषय में आज जानकारी आपको इस पोस्ट में देने जा रहे हैं आइए जानते हैं शिव चालीसा के महत्व के बारे में..

भगवान शिव सृष्टि के पालन करता है और इनको अनेक नामों से भी लोग जानते हैं, कोई इन्हें भोलेनाथ,कोई भोले शंकर, कोई बम बम भोले, कोई शिव, कोई शिवा, इस तरह के नामों से संबोधन करके लोग पूजा करते हैं। लोगों की मान्यता है कि इस तरह शिवजी के अलग-अलग नामों से पुकारने से भगवान शिव अति प्रसन्न होते हैं।

 इसके अलावा शिव चालीसा का भी उतना ही महत्व बताया गया है। क्योंकि शिव चालीसा के अंदर वालों शिव के द्वारा किए गए शत्रुओं के संग आर और भगवान शिव का संपूर्ण सृष्टि में क्या महत्व है इन सभी के बारे में बताया गया है।

तो आइए जानते हैं भगवान शिव के पूजा से जुड़े हुए क्या महत्व है। भगवान शिव की पूजा किस तरह से की जाती है और शिव चालीसा क्या है, शिव चालीसा का क्या महत्व है, शिव चालीसा को पढ़ने से क्या-क्या लाभ होते हैं, शिव चालीसा से जुड़ी हुई तभी वह जानकारी जो आप सभी के लिए बहुत ही लाभदायक होगी। उनका वर्णन इस लेख में हम आपको देंगे। इसलिए अंत तक इस लेख को जरूर पढ़ें..

क्या होती है यह शिव चालीसा

हिंदू धर्म में जो भी भक्त निर्मल मन से भगवान की पूजा करते हैं तो भगवान उस से अति प्रसन्न होते हैं। शिव चालीसा भगवान की प्रार्थना करने के लिए बनाई गई एक पुस्तक है। जिसको शिव चालीसा कहा गया है। शिव चालीसा में 40 पंक्तियां हैं इसीलिए इसको चालीसा कहा गया है। भगवान शिव की पूजा करने पर शिव चालीसा का पाठ सभी लोग बहुत आसानी से कर लेते हैं। इससे भगवान अति प्रसन्न होते हैं।

 वैसे तो कहा जाता है कि भगवान को प्रसन्न करने के लिए सिर्फ सच्चे मन की आवश्यकता होती है। भगवान उसी से ही प्रसन्न हो जाते हैं। धर्म ग्रंथों में तो बताया गया है कि “निर्मल मन जन सो मोहि पावा मोहि कपट छल छिद्र न भावा” अर्थात जो सच्चे हृदय से भगवान की पूजा करता है। 

भगवान को अपनी पूजा में कोई दिखावा ना चलना कपट कुछ नहीं चाहिए। केवल सच्चे ह्रदय से प्रार्थना भगवान स्वीकार कर लेते हैं और उसी पर प्रसन्न होते हैं अर्थात उस पर भगवान की सदैव कृपा बनी रहती है। भगवान उस वक्त की हमेशा सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। सदैव उस भक्त के साथ रहते हैं।

शिव चालीसा का पाठ करता है भय को दूर

शिव चालीसा का पाठ करने से सभी प्रकार के डर भय से छुटकारा मिल जाता है इसके लिए “जय गणेश गिरिजा सुवन मंगल मूल सुजान कहत अयोध्या दास तुम देव अभय वरदान” की लाइन का निरंतर पाठ करें। इस पंक्ति को लगातार 40 दिन तक पढ़े इससे आपका भी तो दूर होगा ही इसके अलावा आपको और भी अनेक लाभ इसके पाठ करने से मिल जाएंगे।

शिव चालीसा से दुख और परेशानियां होती हैं सभी दूर

अगर आपको बहुत तेज दुख होगा परेशानियों से बहुत परेशान हैं तो इसके लिए आपको निराश होने की आवश्यकता नहीं है। आपको भगवान क्योंकि इस चालीसा का निरंतर जाप करना होगा। इसमें से एक पंक्ति का जाप आप रात में 11 बार करें तो आप के सभी काम पूरे हो जाएंगे और आप की गरीबी भी दूर होगी। इसके अलावा आप इस पाठ को 21 दिन लगातार करें इसके करने से आपको बहुत फायदा मिलेगा।

“देवन जब ही जाए पुकारा तब ही दुख प्रभु आप निवारा”

ध्यान रहे इस चौपाई का जाप आपको रात में 11 बार करना होगा जब आपकी मनोकामना पूरी हो जाए तो आप को गरीबों में मिठाई का प्रसाद बांटना होगा।

अभीष्ट कार्यों को पूरा करती है शिव चालीसा

भगवान का कोई भी भक्त अगर किसी अभीष्ट कार्य के लिए प्रयासरत है तो भगवान शिव की शिव चालीसा की इस लाइन का पाठ शाम के समय में 13 बार करें। इस तरह से आप लगातार 27 दिन तक अगर सायंकाल के समय इस पाठ को करेंगे तो आपकी सभी मनोकामना हो को भगवान शिव के द्वारा पूरा कर दिया जाएगा।

“पूजन रामचंद्र जब कि ना जीत के लंक विभीषण दीन्हा”

शिव चालीसा पढ़ने के व पूजा के नियम 

शिव चालीसा को आप नित्य सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करके पाठ करेंगे और पवित्र मन से ईश्वर का ध्यान करेंगे तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होगी। शिव चालीसा को पढ़ने के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में सफेद आसन पर बैठकर पाठ करें और अपना मुंह उत्तर पूर्व या पूर्व दिशा की तरफ करके पूजा की शुरुआत करें।

 भगवान के सामने गाय के घी का दीपक जलाएं और 11 बार कम से कम 8 करें पाठ करते समय शिवलिंग पर जल का पात्र रखें प्रसाद के रूप में मिश्री का भोग लगाएं पूजा में साबुत, चावल, कलावा, सफेद चंदन, धूप, दीप, पीले फूलों की माला धतूरा आंख के 11 फूल इन सभी को शामिल करें। भगवान शिव को साबुत चीज ही चढ़ाएं कोई भी खंडित चीज भगवान शिव को प्रिय नहीं है।

 इसके अलावा अगर आप शिवजी की पूजा मंदिर में करने जा रहे हैं तो भगवान शिव एकमात्र ऐसे देवता जिन पर आप भगवान की शिवलिंग पर जो वस्तु चढ़ी हुई है। उसको जल्द से धो कर वापस चढ़ा दे तो आपके लिए ज्यादा सही रहेगा। जैसे बेलपत्र, धतूरा,शमी पत्र, आप के फूल इन सभी को धोकर आप वापस से काम में ले सकते हैं। यह शिव को अति प्रिय होती है।

 जब आप पाठ करने बैठे तो एक लोटे में जल भरकर जरूर बैठे ध्यान रहे कि शिव चालीसा का पाठ दिन में दो से तीन बार करना होगा। लगातार 40 दिन तक इस पाठ को करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होगी। जो आपने जल का लोटा लिया है उसको घर में चारों तरफ छिड़क दें और जो प्रसाद के रूप में मिठाई लिए उसको बच्चों को बांट दे।

शिव चालीसा का महत्व

शिव चालीसा का हमारे हिंदू धर्म का बहुत महत्व बताया गया है। सावन के महीने में सोमवार के दिन शिव चालीसा का पाठ करना बहुत लाभकारी होता है। वैसे सोमवार के दिन और त्रयोदशी तिथि के दिन भी भोले नाथ की सेवा करने का बहुत ज्यादा फल मिलता है। 

भगवान शिव तो मात्र एक लोटा जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं और हर वक्त की सभी मनोकामना को पूरा कर देते हैं। इसीलिए उनको भोले भंडारी भी कहा गया है, क्योंकि उनकी पूजा बहुत सामान्य तरीके से होती है, उनको कोई दिखावा पसंद नहीं है।

निष्कर्ष

आज की इस पोस्ट में हमने आपको “शिव चालीसा का क्या महत्व है” इसके विषय में जानकारी प्रदान की है। हमें उम्मीद है कि आपको जो भी शिव चालीसा से जुड़ी हुई जानकारी है इस लेख में सभी बता दी हैं आपके लिए बहुत हेल्पफुल रहेंगी। अगर आपको हमारे द्वारा दी गई सभी जानकारी पसंद आई तो एक बार कमेंट सेक्शन में जाकर कमेंट करके जरूर बताएं।