Nato full form in hindi, Nato फुल फॉर्म इन हिंदी

आज रूस के द्वारा यूक्रेन में युद्ध की घटना को देखते हुए संपूर्ण विश्व के लिए यह बहुत बड़ी चिंता का विषय बन रहा है। इसी तरह की आगे भी भविष्य में इससे कोई दूसरी घटना ना घटित हो जाए इन सभी से निबटने के लिए कई देशों के द्वारा मिलकर संयुक्त राष्ट्र संघ का गठन किया गया था। इस संयुक्त राष्ट्र संगठन को पावर देने के लिए एक मजबूत सैन्य संगठन की स्थापना करना आवश्यक समझा गया। 

ताकि कोई भी देश इसके विपरीत काम ना करे। अगर कोई देश गलत कार्य करेगा तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जा सकेगी। इसके द्वारा कई देशों ने अपनी सेनाओं को बांटने का निर्णय लिया था। इस प्रकार से जब सभी देशों ने अपने सैन्य संगठन को एकजुट होकर एक मजबूत संगठन बनाया गया। उस संगठन का नाम नाटो रखा गया।

Nato full form in hindi Nato फुल फॉर्म इन हिंदी

आज रूस के द्वारा यूक्रेन पर हमले के दौरान संपूर्ण विश्व में नाटो की चर्चा एक विशेष मुद्दा बन गया है। रूस ने यूक्रेन पर हमला इसीलिए किया था क्योंकि रूस नहीं चाहता यूक्रेन नाटो का सदस्य बने। इन्हीं सब मुद्दों को देखते हुए आज बहुत से लोगों को नाटो के विषय में जानकारी नहीं है क्योंकि यह ना तो यह शब्द सभी लोगों की जुबान पर सुनाई दिया होगा। शायद समय बहुत कम लोगों को इसके बारे मे जानकारी है।

इसलिए आज हम आपको ये जानकारी दे रहे हैं कि आखिर यह नाटो क्या है, इसका इतिहास क्या है, कौन-कौन से देश इसके अंतर्गत शामिल होते हैं। इसके अलावा नाटो का फुल फॉर्म क्या होता है। इन सभी के बारे में आज हम विस्तार से इस पोस्ट में बताने वाले हैं। ताकि आप सभी को नाटो के विषय में सही जानकारी मिल सके।

NATO क्या है?

नाटो एक 30 देशों की सैन्य शक्ति का संगठन होता है। इसके अंतर्गत एक देश को दूसरे देश से सैन्य सहायता किसी भी मुसीबत में प्राप्त होती है। इसके अलावा इन सैन्य संगठनों को मजबूत बनाने के लिए इंटरनेशनल ट्रेनिंग भी दी जाती है। जो कि हर बुरी से बुरी परिस्थिति में निबटने के लिए सत्ता आदेश पर तैयार खड़े रहते हैं। नाटो संगठन की स्थापना 4 अप्रैल सन 1949 को हुई थी।

यह एक तरह से अंतर सरकारी सैन्य गठबंधन है। इसको उत्तर अटलांटिक एलियांज के नाम से ही जानते हैं। इस संगठन की सबसे बड़ी खास बात यह है मानी जाती है कि अगर नाटो में शामिल हुए किसी एक देश पर भी अगर कोई अन्य देश हमला कर देता है तो वह हमला सभी नाटकों से जुड़े हुए देश पर माना जाता है।

नाटो की स्थापना क्यों की गयी?

जब सन 1945 में दूसरा विश्व युद्ध समाप्त हो गया था। उस समय में विश्व युद्ध के खत्म होने के बाद में दो महाशक्ति के रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ नाम की दो बड़ी महा शक्तियों का जन्म हुआ। यूरोप में संभावित खतरे को देखते हुए ब्रिटेन, फ्रांस, बेल्जियम, नीदरलैंड ने एक संधि कर ली थी। जिसको आज हम सभी नाटो के नाम से जानते हैं।

इस संधि में यह निर्णय भी किया गया था कि जब किसी देश पर कोई बाहरी ताकत अर्थात कोई बाहरी देश हमला कर दे तो उस परिस्थिति में यह सभी एक दूसरे को सामूहिक सैनिक सहायता और सामाजिक आर्थिक सहयोग एकजुट होकर प्रदान करेंगे।

नाटो में शामिल देश 

नाटो संगठन की स्थापना हुई थी उस समय केवल 12 देश इसके सदस्य बने थे। फिर धीरे-धीरे आगे चलकर इसमें अन्य देश भी शामिल हो गए। आज वर्तमान समय की अगर बात की जाए तो नाटो में 30 देश शामिल है। जब अमेरिका बर्लिन में सोवियत संघ की घेराबंदी और सोवियत प्रभाव को समाप्त करने के लिए सैनिक गुट बंदी करने के लिए आगे आया था उसने संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर के अनुच्छेद 15 के अंतर्गत उत्तर अटलांटिक संधि का एक प्रस्ताव पेश किया गया था। 

जिसमें सन 1949 में फ्रांस, बेल्जियम, लक्ज़मर्ग, ब्रिटेन नीदरलैंड कनाडा डेनमार्क आइसलैंड इटली नार्वे पुर्तगाल और संयुक्त राज्य अमेरिका इन 12 देशों में नाटो के लिए हस्ताक्षर किए। उसके बाद शीत युद्ध के पहले यूनान,टर्की, पश्चिमी जर्मनी, स्पेन इन देशों ने भी नाटो की सदस्यता को ग्रहण कर लिया। जब शीत युद्ध समाप्त हुआ उसके बाद में पोलैंड हंगरी चेक गणराज्य ने नाटो में शामिल हो गए। फिर 2004 में सात अन्य देशों ने भी इसकी सदस्यता को ग्रहण कर लिया। इस तरह से आज वर्तमान समय की अगर बात की जाए तो नाटो में 30 सदस्य देश शामिल है।

नाटो में शामिल होने की शर्त

नाटो संधि के अनुच्छेद 10 के सदस्य बनने के लिए सभी देशों को एक ओपन इनविटेशन दिया जाता है। इसके अनुसार अगर कोई भी यूरोपीय देश जो कि उत्तरी अटलांटिक क्षेत्र की सुरक्षा को बढ़ाना चाहता है। उसको कायम रखना चाहता है, इसका सदस्य बन सकता है। वैसे तो देखा जाए नाटो का सदस्य बनने के लिए यूरोपीय देशों का होना बहुत जरूरी है।

 लेकिन नाटो ने अपने संगठन की शक्ति को मजबूत बनाने और अपनी पहुंच को बढ़ाने के लिए यूरोपीय देशों के अलावा अन्य देशों से भी अच्छे संबंध स्थापित कर लिए हैं। उदाहरण के लिए भूमध्य इलाके में अल्जीरिया मिश्र इजरायल जॉर्डन सहित कई देशों के सहयोगी सदस्य बने हैं इसके अलावा दक्षिण एशिया में पाकिस्तान अफ़गानिस्तान में भी नाटो  की भूमिका प्रमुख रही है। Also Read: Who is the Chief Minister of Maharashtra? महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कौन है?

Nato फुल फॉर्म इन हिंदी

नाटो को हिंदी में उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन कहा जाता है। वर्तमान समय में नाटो के सदस्य देश की संख्या 30 है। नाटो का फुल फॉर्म नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन है।

N – North
A Atlantic
T – Treaty
O – Organization

Nato का उद्देश्य

नाटो का उद्देश्य और लक्ष्य अपने सभी सदस्य देशों की स्वतंत्रता को सुरक्षित और संरक्षित बनाना है। लेकिन कुछ सालों में युद्ध के बदलते हुए हालातों के साथ इस उद्देश्य का विस्तार किया गया है और नाटो के द्वारा निर्णय लिया गया है कि सभी सदस्य देशों को आतंकवाद साइबर हमलों और सामूहिक विनाश के हथियारों से भी नाटो के द्वारा सुरक्षित और संरक्षित किया जाएगा।

निष्कर्ष

आज हमने आपको इस आर्टिकल के द्वारा नाटो फुल फॉर्म इन हिंदी के बारे में जानकारी दी है। हमें उम्मीद है कि जो आपको हमने जानकारी दी है वह जरूर पसंद आई होगी। इसी तरह की जानकारियों से अगर आप जुड़े रहना चाहते हैं तो हमारी वेबसाइट पर जुड़े रह सकते हैं। आपको यह पोस्ट पसंद आई तो कमेंट करके जरूर बताएं।