आज कई लोगों को opd के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। लेकिन जहां तक मुझे लगता है आप सभी ओपीडी के बारे में जरूर ही सुने होंगे। opd का full form क्या होता है और OPD kya hai इस शब्द का इस्तेमाल कहा करते है यह जानना बहुत जरूरी है, क्योंकि भविष्य में आपके जीवन मे अलग-अलग स्थानों पर इस प्रकार की जानकारी आपके लिए उपयोगी हो सकती है।
दोस्तों इसलिए आज मैं इस आर्टिकल के माध्यम से opd से जुड़ी सारी जानकारी विस्तार में बताऊंगा, तो आप सबसे अनुरोध है की इस लेख के साथ अंत तक बने रहे और इस संबंध मे आपने विचार अवश्य बताए।
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OPD full form in Hindi
दोस्तों opd का फुल फॉर्म होता है Out Patient Department हिंदी में इसे बोलते हैं ‘ बाह्य रोगी विभाग’। जब आपको किसी भी परकर का रोग होता है तो सबसे पहले किसी भी मरीज को opd मे रखा जाता है।
OPD किसे कहते हैं?
अगर हम आसान शब्दों में कहें तो जब भी हम किसी अस्पताल में जाते हैं तो वहां पर इलाज के लिए हम सबसे पहले किसी भी डॉक्टर से सुझाव लेने के लिए उसके कक्ष में जाते हैं, उसी को ओपीडी कहा जाता है। जब भी आपको कुछ होता है तो सीधे आपका इलाज नहीं किया जाता कोई डॉक्टर आपके बीमारी की जांच करता है और इस प्रक्रिया के लिए मरीज को जिस जगह रखा जाता है उसे opd कहते है।
OPD क्या कार्य है?
OPD कई अलग-अलग प्रकार का होता है, सामान्य opd – इसके कक्ष ग्राउंड फ्लोर पर ही बनाई जाती है ताकि किसी भी मरीज को इलाज के लिए परेशानी ना हो। कोई भी मरीज जब भी अस्पताल में जाता है तो सर्वप्रथम उसे ओपीडी में ही ले जाया जाता है जहां उसकी बीमारी का पता लगाया जाता है। उसके पश्चात उस व्यक्ति को संबंधित विभाग में इलाज के लिए भेजा जाता है ताकि उसका सही तरीके से इलाज किया जा सके।
इस वजह से opd को कई अलग-अलग विभागों में बांटा गया है जैसे कि स्त्री रोग, दंत रोग, हड्डी रोग, चर्म रोग और भी कई अन्य अलग-अलग भागों में बांटा गया है। वहां पर किसी भी मरीज आदि के औपचारिकता को पूर्ण करने के पश्चात उस मरीज को अन्य संबंधित विभाग में इलाज के लिए भर्ती किया जाता है।
सभी अस्पतालों में opd की सुविधा मिल जाएगी। जब भी किसी मरीज को इलाज के लिए भर्ती किया जाता है तो इसमें सामान्य तौर पर दो तरह के लोगों को भर्ती किया जाता है जिसमें पहला तो वह मरीज होता है जिसको भर्ती नहीं किया जाता और दूसरा वह मरीज होता है जिसको 24 घंटे से अधिक समय के लिए भर्ती किया जाता है।
OPD की सेवाएं
OPD की अलग-अलग प्रकार की सेवाएं होती है जिसके बारे मे विस्तार पूर्वक जानकारी नीचे दी गई है –
Examination room
यह ओपीडी की वो सेवा है जिसके अंतर्गत किसी भी रोगी की जांच की जाती है और रोगी की बीमारी के बारे में पता लगाया जाता है, उसको Examination room कहा जाता है।
Diagnostic
यह opd का वो हिस्सा होता है जिसके अंतर्गत Radiology, विकृति विज्ञान, सूक्ष्म जीव विज्ञान व क्लिनिकल आदि सेवाएं आती है। इसके अलावा इस भाग मे भी ओपीडी की कई अलग-अलग प्रकार होती हैं।
Consultancy chamber
यह सामान्य सेवा होती है जिसमें किसी भी मरीज को स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी डॉक्टर या विशेषज्ञ द्वारा सलाह दी जाती है उसको कंसल्टेंसी चेंबर कहा जाता है।
OPD में रोगियों के प्रकार
ओपीडी में दो प्रकार के रोगी होते हैं पहला जिसको इलाज के लिए अस्पताल में लाया जाता है पर उसको भर्ती नहीं किया जाता और दूसरे में वह रोगी आता है जिसको इलाज के लिए अस्पताल में लाया जाता है और इसके साथ ही उसको इलाज के लिए 1 या उससे अधिक दिनों के लिए भर्ती किया जाता है। यह दोनों प्रकार के रोगी ओपीडी के अंदर आते हैं और उसके आधार पर उनके रोगी का इलाज किया जाता है और बीमारी के अनुसार यह निश्चित किया जाता है कि उस रोगी को अस्पताल में भर्ती करना है या नहीं।
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OPD का क्या Use है
जब भी किसी बीमार व्यक्ति को पहली बार हॉस्पिटल लाया जाता है तो ओपीडी डिपार्टमेंट पर हॉस्पिटल के कर्मचारी रोगी को डॉक्टर को दिखाने के लिए भेजते हैं और ओपीडी के स्टाफ यह तय करते हैं कि मरीज को भर्ती करना है या सिर्फ दवा लिखकर पेशेंट को छोड़ देना है। इसके बाद फिर कुछ दिनों में पेशेंट को वापस बुलाया जाता है।
यदि रोगी की स्थिति ज्यादा गंभीर नहीं होती है तो उसे ओपीडी में दिखाने के बाद छोड़ दिया जाता है और हॉस्पिटल में ओपीडी का विभाग सबसे निचले फ्लोर पर ही होता है। ओपीडी में मरीज को चिकित्सा व उससे जुड़ी अन्य सेवाएं प्रदान की जाती है।
OPD की प्रक्रिया
अगर आप opd मे किसी को भर्ती करना चाहते है तो आपको बताए गए निर्देशों के अनुसार कार्य करना चाहिए और इसकी क्या प्राकृया होती है उसे समझने के लिए कुछ अवस्यक निर्देश नीचे दिए गए है।
- सबसे पहले आपको रिसेप्शन पर रजिस्ट्रेशन करा कर अपने नाम की पर्ची बनवानी होती है।
- उसके बाद पर्चा लेकर आपको ओपीडी में प्रवेश करनी होती है। यहां स्टाफ नर्स आपका ब्लड प्रेशर, नर्वस और spo2 जांच करके आपको डॉक्टर का कमरा नंबर बताती है। ओपीडी में अलग-अलग डिपार्टमेंट के डॉक्टर मौजूद होते हैं जिनसे आप सलाह ले सकते हैं और इलाज करा सकते हैं।
- कुछ देर इंतजार करने के बाद जैसे ही आपका नंबर आएगा आप डॉक्टर से मिलेंगे जो आपकी जांच के बाद आपको दवा और इलाज समझा देंगे।
- आपकी रिपोर्ट जल्द से जल्द तैयार की जाती है ताकि आप डॉक्टर को दिखा कर जल्द से जल्द आगे का इलाज करवा सके।
- अगर आपको खून की जांच करवानी हो तो वह भी रिसेप्शन पर पर्ची कटवाने के बाद ओपीडी पर ही की जा सकती है। और अगर आपको प्लास्टर करवाना हो तो वह भी ओपीडी पर की जा सकती है।
Counclusion
तो दोस्तों यह थी opd से जुड़ी कुछ जानकारी, और मैं उम्मीद करता हूं की इसे पढ़ने के बाद आपका OPD kya hai से जुड़े सवालों का जवाब मिल गया होगा। आपको इस आर्टिकल के माध्यम से दी गई जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताइएगा।
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