साल का सबसे बड़ा दिन कौन सा होता है?

दोस्तों  क्या आप जानते हैं कि साल का सबसे बड़ा दिन कौन सा है? आप सभी लोग तो जानते ही है कि 1 दिन में 24 घंटे होते हैं परन्तु पृथ्वी के अपने जगह पर घूमने की वजह से पूरे वर्ष में कुछ ऐसे दिन भी होते है जिसमे रातें छोटी और दिन लंबी या फिर रात बड़ी और दिन छोटी होती है।

साल का सबसे बड़ा दिन कौन सा होता है?

साल भर में कुछ ऐसे त्यौहार या कह सकते हैं कुछ ऐसे दिन होते हैं जिन्हें बड़ा दिन के नाम से जाना जाता है तो हम आपको इसके विषय में विस्तारपूर्वक समझाते है बिना देर किए कि आखिर यह कुछ दिन दूसरे दिनों से अलग क्यों होते हैं क्यों किसी दिन बड़ी और रात छोटी होती है? और क्यों किसी दिन छोटी और रातें बड़ी होती है?

सबसे बड़ा दिन कब होता है ?

“21 जून जिसे योग दिवस कहा जाता है” साल का सबसे बड़ा दिन होता है ऐसा क्यों होता है? यह प्रश्न आपके मन में आ रहा होगा तो इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए हमारे आज के इस पोस्ट को पूरा लास्ट तक जरूर पढ़ें. इस विश्व में होने वाली हर चीज़ प्रकृति की वजह से होती है और साल में एक या दो दिनों का छोटा या बड़ा होने के पीछे भी प्रकृति का ही सबसे बड़ा हाथ होता है।

21 जून के दिन सूर्य की किरणों पृथ्वी पर 15- 16 घंटे तक पड़ती है ऐसा ज्यादातर भारत के साथ उत्तरी गोलार्ध के देशों में देखने को मिलता है 21 जून के दिन भारत के साथ ही साथ उत्तरीय गोलार्ध के देशों में भी सबसे बड़ा दिन होता है 21 जून के दिन सूर्य उत्तरी गोलार्ध से कर्क रेखा में आ जाता है।

जिससे इसकी किरण उत्तरी गोलार्ध की ओर तीव्र गति से बढ़ने लगती है तथा लंबे वक्त तक चमकती रहती है जिससे यह पता चलता है कि दिन अधिक बड़ा हो रहा है यही वजह है कि 21 जून का दिन साल में सबसे बड़ा दिन कहलाता है। Also Read: Credit card kaise bnate hai? क्रेडिट कार्ड कैसे बनाते हैं?

दिन और रात के छोटे बड़े होने के पीछे क्या कारण है?

जैसा कि हम सब जानते हैं हमारी प्रथ्वी सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती रहती है इसी वजह से मार्च से सितंबर के महीने के बीच उत्तरी गोलार्ध सूर्य के सीधे पास में रहता है और इन कुछ महीनों में सूर्य की किरणें उत्तरी गोलार्ध में चमकती रहती है उत्तरी गोलार्ध में सूर्य की रौशनी 20,21 और जून के 22 जून के दिन सबसे अधिक पड़ती है।

इसी कारण से इन दिनों उत्तरी गोलार्ध पर ग्रीष्म ऋतु का मौसम देखने को मिलता है ठीक इसके विपरीत दक्षिणी गोलार्ध में सूर्य की किरणें 21,22  और 23 दिसंबर की सबसे अधिक चमकती है जो कि उत्तरी गोलार्ध के विपरीत में स्थित है इसी वजह से इन दिनों दक्षिणी गोलार्ध में ग्रीष्म ऋतु का मौसम और उत्तरी गोलार्ध में शीत ऋतु का मौसम देखने को मिलता है।

जब सूर्य की रौशनी उत्तरी गोलार्ध पर पड़ती है तब उत्तरी गोलार्ध में 1 दिन लंबे और रातें छोटी होती है और वह दक्षिणी गोलार्ध में सूर्य की रौशनी पड़ती है तब उत्तरी में दिन छोटी और रातें लंबी होती है सूर्य का परिक्रमा करने के साथ ही साथ पृथ्वी खुद को अपने कक्ष में 23.50 डिग्री झुक कर घूमती रहती है।

तो ऐसे में पृथ्वी के जिंस भाग में सूर्य की रौशनी नहीं पड़ती वहाँ रात होती है जैसे अभी सर्दी का मौसम चल रहा है इस वक्त में सूर्य दक्षिणी गोलार्द्ध से होते हुए उत्तरी गोलार्ध के तरफ बढ़ रहा है इस वक्त दक्षिणी गोलार्ध में गर्मी का मौसम देखने को मिलता है ।

यह गर्मी और सर्दी का चक्र पूरे साल चलता रहता है और ऐसा पृथ्वी के सूर्य की परिक्रमा करने की वजह से होता है साल भर में 2 दिन ऐसा भी होता है कि दिन और रात बराबर होते हैं 21 मार्च और 23 सितंबर के दिन 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात होती है यह तो हो गई दिन बड़ा होने का प्राकृतिक कारण परन्तु साल भर में कुछ ऐसे दिन होते हैं।

जिसे लोग बड़ा दिन के नाम से जानते हैं 25 दिसंबर और 1 जनवरी को बड़ा दिन के नाम से जाना जाता है क्योंकि इस दिन लोग अपने परिवार के साथ बाहर घूमने जाते है पिकनिक मनाते हैं और बहुत सारी खुशियां बांटते है ।

इन दो दिनों को लोग एक त्योहार की तरह मानते हैं हमारे साल की शुरुआत पुराने साल की विदाई बड़े दिन के साथ होती है 25 दिसंबर से बड़े दिन की शुरुआत होती है 1 जनवरी तक चलती है।

निष्कर्ष = आज की पोस्ट में हमने आपको बताया है कि साल का सबसे बड़ा दिन कौन सा होता है? और पूरे साल में सबसे बड़ा दिन कब होता है तथा दिन और रात के छोटे बड़े होने के पीछे क्या कारण है। उम्मीद है कि हमारे आज के इस पोस्ट से आपको कुछ नया सीखने को मिला होगा तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें जिससे उन्हें भी पता चल सके की साल का सबसे बड़ा दिन कौन सा होता है ।