हमारे जीवन मे जितना महत्व पढ़ाई लिखाई का हैं, उतना ही खेलकूद का हैं। हाल ही टोक्यो ओलिंपिक गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा ने जो विश्व मे भारत का नाम गर्व से ऊंचा किया हैं वो सराहनीय हैं। अतार्थ इससे यह भी स्पष्ट होता हैं, कि जरूरी नही आप अपना भविष्य केवल पढ़ाई के बलबूते से गठित करे, अगर आप किसी भी खेल में बेहतर हैं। व सबसे अलग तरीके से खेल सकते है। तो आप खेल जगत में काफी आगे तक जा सकते हैं। आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम एक ऐसे ही पॉपुलर रेसलर के विषय मे चर्चा करेंगे जिन्हें भारत के सर्वश्रेष्ठ पहलवानो में अंकित किया जाता हैं। जी हाँ, हम बात करेंगे सुशील कुमार की। सुशील कुमार बायोग्राफी व उनसे जुड़ी सभी विस्तारित जानकारी आपको दी जाएगी।

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सुशील कुमार कौन है?
तीन बार ओलिंपियन रह चुके सुशील कुमार भारत के एक सर्वश्रेष्ठ रेसलर में से एक हैं। जिन्होंने दो बार कुडरेंनियाल पदक जीत कर अपने वर्चस्व को नया रूप दिया। लंदन ओलिंपिक 2012 में तिरंगा के साथ ओपनिंग सेरेमनी में भाग लेने वाले भारतीय के रूप में भी जाना जाता हैं। सुशील कुमार का जन्म दिल्ली के नज़रगढ़ 26 मई 1983 में हुआ था। बचपन से ही पहलवानी के लिए उन्हें उनके पिता व भाई का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ, जिसके कारण काफी कम उम्र से उन्होंने अखाड़े के अनुभव प्राप्त किया।
पढ़ाई के क्षेत्र में उन्होंने अपनी स्नातक व मास्टर्स की पढ़ाई नोएडा कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन (दादरी) से पास की। पहलवानी के सफर को बेहतर बनाने के लिए उन्होंने छत्रसाल स्टेडियम अखाड़ा से शरुआत की। पहलवानी के साथ साथ उन्हें उनके कोच यशवीर व रामफल से लगातार मार्गदर्शन मिला।
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सुशील कुमार फिजिकल अपरांस किस प्रकार से है?
रेसलिंग क्षेत्र में तयारी कर रहे काफी नोजवान युवा वर्ग सुशील कुमार को अपना आइडियल मानते हैं, व उनके पद चिन्हों पर आगे बढ़ना चाहते है। ऐसे अनेको नए पहलवान हैं जो सुशील कुमार के फिजिकल स्टेटस के विषय मे जानने में रुचि रखते है।
लम्बाई – 5’5″
वजन – 85 kg
सीना – 44 इंच
रंग। – सावला
बॉडी रेश्यो – 44’34
बाइसेप – 16 इंच
सुशील कुमार को अर्जुन व पद्म श्री अवॉर्ड के साथ साथ राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड के साथ ब सम्मानित किया गया है। उन्होंने अपने करिअर मे लगभग 13 मेडल प्राप्त कर अनेकों रिकार्ड अपने नाम किए। सुशील कुमार अन्य सहयोगी पहलवानों के लिए भी काफी मददगार साबित हुए है। परंतु इन सबके चलते हाल ही मे उन्हे एक मर्डर केस के चलते जैल का रुख करना पड़ा। अपने जूनियर रेस्लर सागर धनकर के मर्डर केस मे दिल्ली कोर्ट द्वारा उनके बैल को मंजूरी नहीं दी गई है। सुशील कुमार के साथ यह हादसा उनके होम स्टेडियम छात्रशाल मे हुआ, जिसके उपरांत उन्हे जैल की ओर जाना पड़ा। हालांकि, उनकी इस गतिविधि से न केवल उन पर बल्कि स्पोर्टस ऐथ्लीट पर भी काफी असर पड़ा।
सुशील कुमार के करिअर की शरुआत कैसी हुई?
जैसे की हमने ऊपर वर्णन किया है, कि सुशील कुमार युवा वर्ग से पहलवानी के लिए अखाड़े मे तयारी करते थे। साथ ही उनके भाई व पिता श्री के द्वारा उनके लगातार मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। सुशील कुमार ने वर्ष 1998 मे वर्ल्ड कडेट गेम मे गोल्ड मेडल जीतकर करिअर की शुरुआत की। उसके बाद उन्होंने कॉमन वेल्थ से लेकर एशियन गेम तक मे लगभग 13 मेडल प्राप्त करे।
वर्ष 2011 मे उन्हे पद्म श्री अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया। सुशील कुमार ने टीवी ऐड के साथ साथ अन्य विज्ञापनों के लिए भी कार्य किया। तथा पहलवानी के लिए उनके नाम का डंका दूर दूर तक कायम था। अपने हाइट के पहलवानों मे सुशील कुमार सबसे अव्वल नंबर के रेस्लर थे। जिनके लिए उन्हे हर एक गेम के लिए सबसे उच्च सूची मे दर्ज दिया जाता था। भारत मे खेल प्रतियोगिता को लेकर जिस प्रकार से क्रैज़ रहता है, उसे ध्यान मे रखते हुए हर एक खिलाड़ी का अपना अपना एक क्राइटिरीअ होता है। ओलिम्पिक व एशियन गेम मे भारत के खाते मे पदक जीतकर अर्जित कर जिस प्रकार से सुशील कुमार ने भारत की गरिमा व गौरव को बढ़ाया था। वो सराहनीय है।
हालांकि जिस प्रकार से वर्तमान मे उनके ऊपर केस व धारा के अंतर्गत मुकदमा जारी है, उसे देखते हुए उनके काफी प्रशंकों के बीच निराशा का महोल है। दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी बैल को भी निरस्त कर दिया गया है।
अगर आप सुशील कुमार के फैन है, व उनके बारे मे हर एक संभव जानकारी प्राप्त करना चाहते है। तो उनके सोशल मीडिया हैन्डल फेस्बूक, ट्विटर व इंस्टाग्राम से जुड़ कर हर एक न्यू अपडेट प्राप्त कर सकते है। आशा करते है, आज की विस्तारित जानकारी की मदद से आपको सुशील कुमार के विषय मे विस्तार से जानकारी प्राप्त हुई होगी। इसी प्रकार की ओर जानकारी प्राप्त करने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक कर अन्य जानकारी प्राप्त कर सकते है।