TATA Company Ka Malik Kaun Hai?

ऑटोमोबाइल के इस बढ़ते क्षेत्र में TATA ग्रुप के बारे में कौन नही जानता। जी हाँ, टाटा एक मल्टीनेशनल कंपनी हैं जो न केवल भारत मे बल्कि अन्य कई देशों में कार्यरत हैं। Tata ग्रुप के अंतर्गत काफी ज्यादा मात्रा में कर्मचारी कार्य करते हैं। जिसके द्वारा इसे रोजगार की दृष्टि से भी काफी उच्च स्तरीय कंपनी की श्रेणी में अंकित किया जाता हैं। हमारे दैनिक जीवन मे रोजाना Tata कंपनी के अनेको यातायात वाहन प्रयोग होते हैं, उनमे चाहे गाड़ी या अन्य बड़े वाहन क्यों न हो। परंतु ऐसे बहुत कम लोग हैं जो टाटा ग्रुप के मालिक के बारे में अवगत नही हैं। आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको टाटा ग्रुप के मालिक के बारे में बताएंगे। तो चलिए बिना देरी किये शरू करते हैं। आज की इस पोस्ट को।

TATA Company Ka Malik Kaun Hai?

TATA का मालिक कौन हैं?

वर्तमान मे टाटा कंपनी के मालिक रत्न टाटा हैं, जिन्होंने बड़े ही प्रयशो से कंपनी को इस मुकल तक पहुचाया हैं। 

एक उद्यमी और परोपकारी, जमशेदजी नसरवानजी टाटा ने 1868 में टाटा समूह को एक निजी व्यापारिक फर्म के रूप में स्थापित किया था। 1902 में, समूह ने ताज महल पैलेस और टॉवर को चालू करने के लिए इंडियन होटल्स कंपनी को शामिल किया; यह देश का पहला लग्जरी होटल था। 1904 में, जमशेदजी की मृत्यु हो गई और उनके बेटे, सर दोराब टाटा ने कंपनी के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला। दोराब के मार्गदर्शन और नेतृत्व में, स्टील (1907), बिजली (1910), शिक्षा (1911), उपभोक्ता सामान (1917), और विमानन (1932) जैसे विभिन्न उद्योग क्षेत्रों में उद्यम करते हुए, समूह तेजी से विकसित हुआ।

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टाटा कंपनी भारत की सबसे लोकप्रिय कॉम्पनियों मे से एक हैं, जिसने भारत के अलावा 100 से भी ज्यादा देशों मे अपने कारोबार को बढ़ाया हुआ हैं। यही नहीं बल्कि टाटा ने अन्य विदेशी कंपनी को भी पूर्णरूप से खरीदा हुआ हैं। वर्तमान मे टाटा कंपनी का मुख्यालय मुंबई मे हैं। टाटा कंपनी के द्वारा न बड़ी बड़ी कर निर्मित की जाती हैं, बल्कि ट्रक जैसे बड़े बड़े वाहन भी टाटा की देख रेख मे बनते हैं। 

इसके साथ साथ टाटा ने न केवल ऑटमोबील सेक्टर मे बढ़त बनाए हुए हैं, बल्कि साथ साथ अन्य बड़े क्षेत्रों मे भी कार्यरत हैं। जैसे की, Tata Chemicals, Tata Steel व Tata Motors आदि। 2008 में, टाटा समूह ने फोर्ड मोटर कंपनी से कुलीन ब्रिटिश ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर को खरीदा। 2012 में रतन टाटा ने रिटायरमेंट ले लिया और साइरस मिस्त्री ने पद संभाला। लेकिन अक्टूबर 2016 में, व्यापार रणनीति के संबंध में टाटा परिवार के सदस्यों के साथ असहमति के कारण मिस्त्री को अचानक अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया गया था। फिर से, रतन अंतरिम आधार पर अपने पद पर आ गए। जनवरी 2017 में, नटराजन चंद्रशेखरन को इस पद पर नियुक्त किया गया और रतन टाटा का अध्यक्ष के रूप में दूसरा कार्यकाल समाप्त हो गया।

TATA की शरुआत कैसे हुई?

TATA कंपनी का जाल आज पूरे भारत मे फेला हुआ हैं, जिसकी स्थापना 1868 मे जमशेद जी के द्वारा की गई थी। 

रत्न टाटा का इतिहास शरू से ही चर्चा मे रहा हैं, जिसके चलते फोर्ड कंपनी के मालिक से हुई वार्ताः के चलते उन्हे सबसे अधिक प्रेरणा का श्रोत माना जाता हैं। टाटा ग्रुप के बढ़ते नेटवर्क के चलते आज टाटा ने कई ओर कॉम्पनियों का निर्माण भी किया हुआ हैं, जो की इस प्रकार से हैं;

  • TATA Tea
  • TATA Motors
  • TATA Power
  • TATA Chemicals
  • TATA Telecommunication

टाटा ग्रुप की शरुआत सबसे पहले 1868 मे हुई जिसकी अंतर्गत इसके नेटवर्क को बहुत ही तेजी से बढ़ाया गया। आज टाटा सफारी व टाटा हैरीअर जैसे बड़ी लग्शरी कर टाटा ग्रुप की ही देन हैं। उनके बेटे सर दोराब टाटा ने टाटा समूह के अध्यक्ष का पद संभाला। दोराब के नेतृत्व में समूह ने तेजी से विविधीकरण किया, स्टील (1907), बिजली (1910), शिक्षा (1911), उपभोक्ता सामान (1917), और विमानन (1932) सहित नए उद्योगों की एक विशाल श्रृंखला में प्रवेश किया।

आशा करते हैं, आज की इस पोस्ट के माध्यम से आपको टाटा के मालिक के विषय मे पर्याप्त जानकारी मिली होगी साथ ही टाटा ग्रुप की शरुआत कब ओर कैसे हुई। इसके अलावा टाटा कंपनी की मार्केट वैल्यू BSE व NSE दोनों मे अपना एक अहम भूमिका रखती हैं। टाटा ग्रुप के इस बढ़ते नेटवर्क से आज पूरे भारत मे ऑटमोबील की अपनी एक अहम विशेषता हैं। ऐसे ही पोस्टों को पढ़ने के लिए दिए गए लिंक्स पर क्लिक करके अधिक जानकारी ले सकते हैं।