Tree topology in Hindi – ट्री टोपोलॉजी इन हिंदी

क्या आप सभी लोगों को ट्री टोपोलॉजी के बारे में कुछ जानकारी है या बिल्कुल ही नहीं है अगर आपको ट्री टोपोलॉजी के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है तो आज का यह पोस्ट आप अंत तक जरूर पढ़े ताकि आपको इसके बारे में सभी महत्वपूर्ण जो भी जानकारी है वह आसानी से प्राप्त हो सके। 

Tree topology in hindi ट्री टोपोलॉजी इन हिंदी

आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको ट्री टोपोलॉजी इन हिंदी के विषय में जानकारी प्रदान करने वाले हैं, आखिर क्या होती है यह ट्री टोपोलॉजी, tree topology in hindi, ट्री टोपोलॉजी के फायदे नुकसान क्या है,  what is tree topology in hindi इन सभी के विषय में जो भी महत्वपूर्ण जानकारियां है आपको देने वाले हैं इसलिए आप अंततः इस पोस्ट को जरूर पढ़ें…

Tree topology क्या होती है?

सबसे पहले हम आपको बताना चाहेंगे कि ट्री टोपोलॉजी आकर होती क्या है कि टोपोलॉजी एक विशेष प्रकार की ऐसी संरचना है। जो स्टार टोपोलॉजी और बस टोपोलॉजी से मिलकर बनी होती है। इसके सारे नोड्स आपस में मिलकर एक पेड़ का स्वरूप बना लेते हैं। इसी की वजह से इसको ट्री टोपोलॉजी कहा जाता है। ट्री टोपोलॉजी को स्टार बस टोपोलॉजी भी कहते हैं। 

आसान शब्दों में कहें तो ट्री टोपोलॉजी एक विशेष प्रकार का स्ट्रक्चर है इसलिए बहुत से एलिमेंट एक साथ जुड़े हुए होते हैं यह एक तरह से पेड़ की टहनियों की तरह दिखाई देता है। सभी टोपोलॉजी में फ्री नेटवर्क टोपोलॉजी सबसे आसान हैं और ट्री टोपोलॉजी में इस्तेमाल की जाने वाली नेटवर्क टोपोलॉजी नहीं होती है अभी कुछ परिस्थितियों में इसका पालन किया गया है जिसमें नेटवर्क पर दो नोड्स के बीच में एक route बना होता है।

अन्य दूसरे टोपोलॉजी की तुलना में देखा जाए तो ट्री टोपोलॉजी सबसे आसान होती है। इसी कारण इसका उपयोग नेटवर्क बहुत से तरीकों से किया जाता है जिनकी जानकारी निम्न है..

  • Star bus hierarchy

स्टार बस हायरार्की स्टार और बस टोपोलॉजी का मिश्रण मिलकर बना होता है इसमें स्टार टोपोलॉजी को बस टोपोलॉजी की हेल्प से जोड़ देते हैं।

  • Parent child hierarchy

Parent-child में एक मुख्य नोट अर्थात कंप्यूटर को पेरेंट्स नोट मानकर उससे बाकी के सभी नोट को जोड़ दिया जाता है इसीलिए इसको चाइल्ड नोड कहते हैं।

  • STAR BuS with single nodes

स्टार बस विद सिंगल नोड्स में स्टार टोपोलॉजी को बस टोपोलॉजी के साथ में जोड़ देते हैं और बस टोपोलॉजी के साथ कई डिवाइस को भी जोड़ दिया जाता है।

Tree topology के लाभ

ट्री टोपोलॉजी के लाभ निम्न प्रकार से होते हैं

  • ट्री टोपोलॉजी में उस में हुई गलतियों को खोजना बहुत आसान होता है इसके लिए पूरे नेटवर्क को बदलने की जरूरत नहीं होती है।
  • यह कई पार्ट्स में डिवाइड होता है जिसके चलते इस को संभालना बहुत आसान हो जाता है।
  • इसके  नेटवर्क टोपोलॉजी के द्वारा कठिन से कठिन नेटवर्क को कम खर्चों में पूरा कर दिया जाता है।
  • इसमें नेटवर्क खराब होने के बाद में अन्य नेटवर्क काम करना बंद नहीं करते हैं।
  • मेंटेन और मैनेज करना इसको बहुत आसान होता है।
  • स्टार टोपोलॉजी बस टोपोलॉजी का ही एक मिश्रण होता है।
  • डाटा ट्रांसफर रेट बहुत फास्ट तरीके से होता है।
  • इस नेटवर्क को हैक करना बहुत ही मुश्किल है क्योंकि कंप्यूटर आपस में बहुत सुरक्षित तरीके से किसी भी तरह के डाटा को इंफॉर्मेशन को ट्रांसफर कर देते हैं।
  • पॉइंट टू पॉइंट कनेक्शन इसमें दिया होता है।
  • इसका उपयोग वाइड एरिया नेटवर्क के लिए भी होता है और बहुत ही मशीनों को आसानी से यह प्रतिबंधित कर लेता है।

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Tree topology के नुकसान

  • Tree टोपोलॉजी के लिए बहुत अधिक केबल की जरूरत पडती है।
  • सेगमेंट सप्लाई की लंबाई निश्चित होती है और मैं उसके उपयोग पर डिपेंड करती है।
  • टोपोलॉजी में नोट्स अधिक होने के कारण इसके परफॉर्मेंस पर असर पड़ता है जिससे यह बहुत स्लो चलता है।
  • इसमें कनेक्टर और हब के खराब होने पर जुड़े हुए सारे डिवाइस काम करना बंद कर देते हैं।
  • लेबल के कंप्यूटर के खराब होने की स्थिति में आगे के लेबल कंप्यूटर सही तरीके से काम नहीं करते है।
  • टोपोलॉजी को एंप्लेसमेंट करने में बहुत ज्यादा खर्चा आता है।
  • इस नेटवर्क से जुड़ी हुई मशीनों की संख्या में बढ़ने के बाद में ट्री टोपोलॉजी को कंट्रोल करना बहुत ज्यादा मुश्किल हो जाएगा।

Tree topology के फीचर्स

ट्री टोपोलॉजी के फीचर के बारे में जानकारी नीचे बताई गई..

  • ट्री टोपोलॉजी टोपोलॉजी का उपयोग वाइड एरिया नेटवर्क के लिए करते हैं।
  • ट्री टोपोलॉजी नेटवर्क को बढ़ाने की परमिशन भी प्रदान करता है और संस्थानों को उनकी जरूरत पूरा करने के लिए कैपेबल बनाता है।
  • ट्री टोपोलॉजी एक क्रम के रूप में बने होते हैं।
  • इसके अंदर बस टोपोलॉजी और स्टार टोपोलॉजी की खूबियों को भी जोड़ दिया जाता है।

बाइनरी ट्री में ट्री टोपोलॉजी

बाइनरी ट्री भी एक तरह से ट्री टोपोलॉजी की तरह होता है इसमें प्रत्येक नोट्स में अधिकतम दो चिल्ड्रन नोट्स बने होते हैं चिल्ड्रन नोट्स को लास्ट चाइल्ड और राइट साइड के रूप में डिवाइड कर दिया जाता है बड़ी मात्रा में डाटा sorting और सर्चिंग के लिए इस तरह के डाटा स्ट्रक्चर का प्रयोग करते हैं।

बायनरी ट्री का इतिहास

बाइनरी ट्री एक प्रकार से B – tree होता है इसका आविष्कार सन 1971 में रूडोल्फ bayer और ED mccreight ने बोइंग लैब्स मैं इस का आविष्कार हुआ था।

B – tree स्व संतुलन अर्थात सेल्फ balancing होते हैं इसका तात्पर्य यह है कि शाखाओं की ऊंचाई मैनेज की जाती है जिससे कि अपने हिसाब से वह बडे नहीं हो।

सभी नोट्स में 1 की वैल्यू भी होती है जो चिल्ड्रन नोट की वैल्यू को बताती है बड़ी डेटाफाइल्स को हैंडल करने और मेमोरियल डिस्क पर डाटा लिखने के लिए इनकी डिवाइस कस्टमाइज्ड होती है। यह डेटाबेस सिस्टम में जैसे  postgresql , MySQL,redis, और फाइल सिस्टम में Hfs+, NTFS व Ext 4 में उपयोग करते हैं।

निष्कर्ष

आज हमने इस पोस्ट में आप सभी को “ट्री टोपोलॉजी मीनिंग इन हिंदी” के विषय में जानकारी प्रदान की है। हमें उम्मीद है कि जो भी इंफॉर्मेशन आपको इस पोस्ट में हमने दिए आपको जरूर पसंद आएगी और आपके लिए बहुत हेल्पफुल भी रहेगी। अगर आपको इस पोस्ट से संबंधित कोई सवाल या सुझाव जाने हैं। किसी तरह के एक तो कमेंट सेक्शन में जाकर कमेंट करके पूछ सकते हैं।