एंटीवायरस क्या होता है? What is Antivirus?

 दोस्तों क्या आपने कभी एंटीवायरस का नाम सुना है अगर आपको एक कंप्यूटर यूजर हैं तो शायद आपको एंटीवायरस के बारे में जानकारी होगी। वायरस से किसी भी सिस्टम पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के बारे में भी आपको जानकारी होगी। मतलब वायरस और एंटीवायरस के क्या प्रभाव दुष्प्रभाव है इस सभी के बारे में कुछ जानकारी आपको होगी। अगर नहीं है तो आज का हमारा विषय एंटी वायरस क्या होता है। इसके विषय में जानकारी देंगे।

वायरस किसी भी कंप्यूटर के लिए वह ड्रेस कोड प्रोग्राम होते हैं। जिनका मकसद किसी भी कंप्यूटर में सभी सूचनाओं को नष्ट करने के लिए होता है। किसी कंप्यूटर में वायरस प्रवेश होने के बहुत से रीजन हो सकते हैं। अतः कंप्यूटर सिस्टम को वायरस से सुरक्षित रखना सभी कंप्यूटर यूजर्स की पहली प्रायोरिटी होनी चाहिए। अब सवाल यह आता है कि आखिर कंप्यूटर को वायरस से सुरक्षित किस तरह से रखा जाता है। इसके विषय में जानकारी लोगों को थोड़ी तो है लेकिन पूरी जानकारी नहीं है।

एंटीवायरस क्या होता है? What is Antivirus?

जैसे हर समस्या का समाधान होता है वैसे ही कंप्यूटर को वायरस से सुरक्षित रखने का काम एंटीवायरस का होता है। जी हां एकदम आप सही समझे हैं कि कंप्यूटर सिस्टम में होना बहुत जरूरी है। क्योंकि अच्छे एंटीवायरस प्रोग्राम की मौजूदगी आपके कंप्यूटर में इंटरनेट, पेन ड्राइव ,यूएसबी ड्राइव डिवाइस में वायरस को कंप्यूटर में इंस्टॉल होने से बचा देती है।

अगर आप जानना चाहते हैं कि एंटीवायरस क्या होता है, एंटीवायरस किस तरह से काम करता है, एंटी वायरस से जुड़ी हुई सभी जानकारी जाने के लिए आप इस लेख को अंत तक पढ़े आपको एंटीवायरस के बारे में सभी जानकारी मिल जाए।

एंटीवायरस क्या होता है?

साधारण शब्दों में अगर कहा जाए तो एंटीवायरस एक ऐसा सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होता है, जो कंप्यूटर में छुपे हुए किसी भी तरह के वायरस प्रोग्राम को डिलीट करने का काम करता है। एंटी वायरस को एंटी मालवेयर सॉफ्टवेयर के रूप में भी जानते हैं क्योंकि सिस्टम में malware, spyware आदि द्वेष पूर्ण प्रोग्राम का पता लगाने और उनको डिलीट करने के का काम करता है।

एंटीवायरस को मुख्य रूप से सिस्टम में छुपे हुए वायरस का पता लगाने उसको नष्ट करने के लिए ही बनाया गया है। वर्तमान समय में आज आधुनिक तकनीकी के एंटीवायरस किसी भी सिस्टम में जैसे adware, spyware, ransomware, keyloggers backdoors आदि दुर्भाग्यवश प्रोग्राम से यूजर के डाटा को सुरक्षा प्रदान करता है। कंप्यूटर एंटीवायरस का इस्तेमाल न केवल सोशल इंजीनियरिंग इंटरनेट बैंकिंग फिशिंग आदि से होने वाले ऑनलाइन हम लोग से उपयोगकर्ताओं को बचाने के उद्देश्य से किया जाता है, बल्कि और भी अनेक जगह पर इसका प्रयोग किया जाता है।

एंटीवायरस का इतिहास

एंटीवायरस का जन्म आज से लगभग 70 साल पहले हुआ था। कंप्यूटर वायरस क्रीपर वायरस के नाम से पहले जाना जाता था। उस समय मेनफ्रेम कंप्यूटर बहुत अधिक प्रचलन में थे तो यह वायरस मेनफ्रेम कंप्यूटर सिस्टम को संक्रमित करता था। इस वायरस को हटाने के लिए बहुत से रिसर्च किए गए थे अंत में रे टॉमलिंसन के द्वारा क्रीपर वायरस को नष्ट करने के लिए एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम बनाया गया। जिसको द क्रिपर के नाम से जान आ गया। क्रीपर वायरस के बाद में और भी अनेकों वायरस का जन्म हुआ।

समय के साथ साथ सन 1988 तक बहुत सारे एंटीवायरस का निर्माण करने वाली कंपनियों की संख्या में बढ़ोतरी होती चली गई। सन् 1990 में कंप्यूटर एंटीवायरस अनुसंधान संगठन की स्थापना कर दी गई थी। सन 1992 में AVG तकनीक का विकास किया गया। इसके अलावा इसी साल में एंटीवायरस गार्ड एंटीवायरस का पहला संस्करण लांच भी कर दिया गया था। इस प्रकार समय के साथ धीरे-धीरे बदलते हुए समय पर सभी कंपनियों ने एंटीवायरस प्रोग्राम को बनाने की तरफ अधिक ध्यान दिया

एंटीवायरस की विशेषताएं

एंटीवायरस की निम्न विशेषताएं होती हैं

बैकग्राउंड स्कैनिंग – मुख्य रूप से कंप्यूटर सिस्टम के बैक एंड पर बहुत ही फाइल को जब हम ओपन रखते हैं तो एक एंटीवायरस प्रोग्राम उन सभी फाइल को स्कैन करने का काम करता है। जो सिस्टम को दुर्भाग्यपूर्ण हमलों से सेफ रखने में सुरक्षा प्रदान करता है। इसीलिए बैकग्राउंड स्कैनिंग के द्वारा एंटीवायरस कंप्यूटर को सुरक्षा देता है।

फुल सिस्टम स्कैन – फुल सिस्टम स्कैनिंग मुख्य रूप से फायदेमंद होती है। जब आपके सिस्टम में एंटीवायरस को अपडेट कर दिया जाता है। एंटी वायरस द्वारा सिस्टम को स्कैन करके यह सुनिश्चित कर दिया जाता है कि कंप्यूटर में पहले से ही कोई वायरस को मौजूद नहीं है। इसके साथ वायरस से संक्रमित कंप्यूटर सिस्टम को दुरुस्त करने के बाद में फुल सिस्टम स्कैनिंग बहुत जरूरी होती है।

वायरस डेफिनेशन – एक एंटीवायरस प्रोग्राम malware की पहचान करने के लिए वायरस की डेफिनेशन का ही उपयोग करते हैं। किसी भी फाइल या सॉफ्टवेयर को स्कैन करने के दौरान सिस्टम अगर किसी मैलवेयर से ग्रसित किसी भी फाइल को सर्च करता है तो मैलवेयर की डेफिनेशन में वह मैलवेयर के समान ही माना जाता है अतः एंटीवायरस डेफिनेशन के आधार पर मैलवेयर को रोकने के साथ ही इसको नष्ट भी कर सकते हैं।

कंप्यूटर में एंटीवायरस होने के फायदे

सबसे पहले किसी भी कंप्यूटर सिस्टम में एंटीवायरस आपके डाटा को सुरक्षा प्रदान करता है।

कंप्यूटर से कोई भी आप के डाटा को इंटरनेट से चोरी नहीं कर सकता और आप किसी भी सॉफ्टवेयर को डाउनलोड भी इससे कर सकते हैं।

कोई कंप्यूटर वायरस आपके कंप्यूटर को अगर नुकसान पहुंचा रहा है तो पहले से ही यह एंटीवायरस उस पर अपनी कार्रवाई कर देता है।

एंटीवायरस के होने से आपका कंप्यूटर ना तो कभी हैंग होगा और ना ही स्लो चलेगा।

आपका एंटीवायरस paid वाला है तो अभी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन सेफ़ होंगे।

सिस्टम सॉफ्टवेयर एंड एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर बहुत ही smooth रन करेंगे। प्रोसेस स्पीड बढ़ जाएगी और आपका सिस्टम कभी क्रैश नहीं होगा।

हार्ड डिस्क करप्ट होने की संभावना भी कम होती है।

Conclusion

आज हमने इस पोस्ट के माध्यम से आप सभी को एंटीवायरस क्या होता है इसके बारे में जानकारी प्रदान की है। हमें उम्मीद है कि जो भी आपको जानकारी इस पोस्ट के माध्यम से आपको दी है वह आपको जरूर पसंद आई होगी। इसी तरह की जानकारियों से अगर आप जुड़े रहना चाहते हैं तो हमारी वेबसाइट पर कंटिन्यू बने रह सकते और यह लेख पसंद आया तो कमेंट करके जरूर बताएं।

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