What is ATM? एटीएम क्या होता है?

दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से आज हम जानेंगे कि एटीएम क्या होता है, इसके बारे में पूरी जानकारी विस्तार पूर्वक बताने जा रहे हैं। इसके अलावा आपको एटीएम से जुड़ी हुई जानकारियों के बारे में जानने के लिए उत्सुकता है तो इस पोस्ट को ध्यानपूर्वक अंत तक जरूर पढ़े। ताकि आपको एटीएम का सही अर्थ और एटीएम क्या होता है, इसकी जानकारी सही ढंग से मिल जाए।

What is ATM? एटीएम क्या होता है?

एटीएम पैसे निकालने वाली या ऑटोमेटिक टेलर मशीन भी इसको कह सकते हैं। आज एटीएम के बारे में शायद ही कोई ऐसा इंसान होगा जो ना जानता होगा। क्योंकि अक्सर सभी लोगों का काम एटीएम पर पड़ता ही है तो इसीलिए एटीएम के बारे में सभी लोग बहुत अच्छे से जानते हैं। भारत में जब नोट बंदी हुई थी तो एटीएम पर लंबी-लंबी कतारें लगी थी तो उस स्थिति को देखते हुए तो शायद कोई भी एटीएम को नहीं भूल सकता है, लेकिन एटीएम मशीन ने लोगों को बहुत राहत का काम कर दिया है क्योंकि इसके द्वारा आसानी से हम पैसे निकाल सकते हैं।

बहुत से लोग ऐसे भी आज भी मौजूद है जिनको एटीएम के बारे में जानकारी नहीं है। तो आप सभी की जानकारी के लिए जिन लोगों को एटीएम के बारे में नहीं पता है या जो जानकारी कम रखते हैं उन सभी के लिए इस लेख में हम एटीएम से जुड़ी हुई सभी जानकारियों को बताने वाले हैं आइए जानते हैं एटीएम मशीन क्या है…

एटीएम मशीन क्या है?

एटीएम को आप पैसे निकालने वाली मशीन कह सकते हो या ऑटोमेटिक मशीन भी इसको कहा जा सकता है। एटीएम मशीन एक बैंकिंग इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होती है। जिसको केवल बैंक के ही कस्टमर उपयोग में ले सकते हैं। किसी भी अकाउंट से संबंधित ट्रांजैक्शन करने के लिए एटीएम मशीन एटीएम कार्ड का इस्तेमाल किया जाता है। एटीएम मशीन में यूजर अपने अकाउंट को एक्सेस करने के लिए एटीएम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। 

इसमें यूजर की सभी इंफॉर्मेशन कार्ड के पीछे के हिस्से में एक मैग्नेटिक स्ट्रिप के ऊपर कोड पर लिखी होती है। मैग्नेटिक स्ट्रिप यूजर की आईडेंटिफिकेशन कोड के रूप में होती है। जब कार्ड का इस्तेमाल किया जाता है तो यह बैंक के कंप्यूटर को भेज देती है। यूज़र जैसे ही अपना कार्ड इंसर्ट करता है तो अकाउंट एक्सेस करने के लिए उसकी आईडेंटिफिकेशन कोड को मैचिंग ऑटोमेटिक ली हो जाती है। जिससे कोड मैच हो जाता है तो अकाउंट ट्रांजैक्शन प्रोसेस भी आसानी से हो जाती है।

एटीएम मशीन का इतिहास

 आधुनिक एटीएम की सबसे पहली पीढ़ी का प्रयोग 27 जून 1967 में लंदन के बैंक में किया गया। इससे पहले 1960 के दशक के दौरान एटीएम को बैंकों ग्राफ के नाम से भी जानते थे। ऐसा माना जाता है कि लंदन में जब इसका इस्तेमाल किया गया था तो इसको आविष्कार करने का श्रेय जॉन शेफर्ड बैरन को दिया गया था।

 उनका जन्म ब्रिटिश शासन काल में 27 जून 1925 को मेघालय के शिलांग में भारत में हुआ था। बैरन एटीएम का पिन 6 डिजट का करने के पक्ष में थे लेकिन उनकी पत्नी ने उनको बोला कि 6 डिजिट बहुत ज्यादा होती हैं और लोगों को याद रखने में भी बहुत परेशानी होती है इसीलिए उन्होंने एटीएम का 4 डिजिट का पिन बनाया गया। तब से लेकर आज तक एटीएम कार्ड में 4 डिजिट का पिन ही प्रयोग में लिया जाता है।

एटीएम का फुल फॉर्म हिंदी में

एटीएम को हिंदी में ऑटोमेटिक टेलर मशीन या स्वचालित गणक मशीन भी कहते हैं और आम लोगों की बोलचाल भाषा में इसको पैसे निकालने वाली मशीन भी कहा जाता है। इंग्लिश में एटीएम का फुल फॉर्म ऑटोमेटिक टेलर मशीन होता है। एटीएम मशीन को अन्य कई नामों से भी जानते हैं जैसे ऑटोमेटिक बैंकिंग मशीन कैशपॉइंट, बैंकों आदि। एटीएम का फुल फॉर्म

  • A – automatic
  • T – teller
  • M – machine

कैसे काम करता है ATM

एटीएम मशीन एक तरह से डाटा टर्मिनल होती है। इसके अंदर मॉनिटर, कीबोर्ड, माउस जैसे इनपुट भी और आउटपुट भी मौजूद है। यह पोस्ट प्रोसेस से जुड़ा हुआ होता है जो कि बैंक और एटीएम के बीच की एक कड़ी का काम करते हैं। एटीएम के लिए इंटरनेट की मदद लेना बहुत जरूरी होता है। एटीएम कार्ड को जब यूजर एटीएम मशीन में डालते हैं तो बैंक के होस्ट प्रोसेस से यह जुड़ जाता है। ऐसे में वह बिना बैंक में जाए कोई भी व्यक्ति आसानी से पैसे निकाल सकता है।

 हर कस्टमर के लिए डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड के पिछले से मैं एक खास मैग्नेटिक स्ट्रिप भी होती है। जिसमें एक तरह से उसकी पहचान और सभी जरूरी जानकारियां एक कोड के रूप में दी गई होती हैं। जब ग्राहक अपने एटीएम कार्ड को एटीएम के कार्ड रीडर में डालते हैं तो एटीएम मैग्नेटिक स्ट्रिप में छुपी हुई सभी जानकारियों को वह पढ़ लेता है। यह सभी जानकारियां होस्ट प्रोसेस के पास में जब पहुंचती है तो ग्राहक के बैंक से ट्रांजैक्शन का रास्ता एकदम क्लियर हो जाता है।

उसके बाद जब ग्राहक कैश निकालने के ऑप्शन का चुनाव करता है तो फर्स्ट प्रोसेस और बैंक अकाउंट के बीच एक इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर की प्रक्रिया भी की जाती है। इस प्रक्रिया को पूरा होते ही होस्ट प्रोसेस एटीएम को एक अप्रूवल कोड भेज देता है और यह कोड एक तरह से मशीन को पैसा देने का आदेश दे देता है। इस तरह से एटीएम कार्ड से एटीएम मशीन के द्वारा आसानी से पैसे निकाले जाते हैं। इस प्रक्रिया को करते समय कोई परेशानी नहीं होती है। बहुत सुरक्षित और आसान प्रक्रिया है।

निष्कर्ष

आज हमने इस लेख में एटीएम क्या है एटीएम मशीन का फुल फॉर्म क्या होता है इस सभी के बारे में जानकारी इस लेख में बताई है। हमें उम्मीद है कि आपको इस लेख में दी गई हमारे द्वारा सभी जानकारियां जरूर पसंद आई होगी। अगर आपको यह लेख पसंद आया तो इसको लाइक शेयर जरूर कीजिए और हमारी वेबसाइट पर बने रहिए। इस पोस्ट से संबंधित किसी भी सुझाव या समस्या के लिए आप हमारे कमेंट सेक्शन में जाकर कमेंट करके जरूर बताएं।