What is Projector? प्रोजेक्टर क्या होता है?

आज हम आपको प्रोजेक्टर के विषय में जानकारी देने जा रहे हैं। क्या आप सभी प्रोजेक्टर के बारे में थोड़ी सी जानकारी रखते हैं या आपको प्रोजेक्टर के बारे में मालूम है, अगर नहीं है तो आज के आर्टिकल के माध्यम से आप सभी को हम प्रोजेक्टर के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले हैं, आइए जानते हैं..

What is Projector? प्रोजेक्टर क्या होता है?

आपने अपने स्कूल के दिनों में अपनी कक्षा में प्रोजेक्टर का इस्तेमाल होते हुए देखा होगा या फिर किसी सरकारी प्रोग्राम में या आजकल लोग प्रोजेक्टर का इस्तेमाल शादियों में भी करते हैं। जिससे की पुरानी यादें ताजा हो जाए लेकिन क्या आप जानते हैं कि वीडियो प्रोजेक्टर क्या होते हैं और यह कैसे काम करते हैं और इनके अलग-अलग प्रकार क्या हो सकते हैं। इन सभी के बारे में आप जानकारी रखते हैं या फिर आप जानना चाहते हैं तो आज हम आपको इन्हीं सब सवालों के जवाब इस लेख के माध्यम से बताने जा रहे हैं।

पहले के समय में कक्षाओं में ब्लैक बोर्ड पर पढ़ाई होती थी। जिसमें मैथ के क्वेश्चन, साइंस के डायग्राम, इंग्लिश के क्वेश्चन आंसर, कोटेशन इन सभी का इस्तेमाल ब्लैक बोर्ड पर किया जाता था। सभी टीचर चौक का इस्तेमाल करके बार-बार ब्लैक बोर्ड पर लिखते थे। किसी भी कांसेप्ट को समझाने के लिए टीचर ब्लैक बोर्ड को प्रयोग में लेते ही थे।

बहुत बार ऐसा भी हो जाता है कि ब्लैक बोर्ड पर चीजों को ठीक से नहीं समझा सकते हैं। ऐसे में आज डिजिटल प्रोजेक्टर का टीचर इस्तेमाल करते हैं जिससे सभी स्टूडेंट्स को भी सभी तरह के कांसेप्ट आराम से समझ में आ जाते हैं इससे शिक्षा के लिए भी बहुत आसान हो गया है। आज हम इसी के विषय में इस लेख में जानकारी देने जा रहे हैं ताकि आपको सभी चीजें आसानी से समझ में आ सके..

प्रोजेक्टर क्या होता है?

प्रोजेक्टर को अगर आपको आसान शब्दों में बताएं तो प्रोजेक्टर एक ऐसा डिवाइस होता है। जिसमें एक सीरीज ऑफ चिप्स, लैंसेज colour wheels और various जो कि दूसरे गैजेट और gizmos का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक beam ऑफ लाइट को भी ग्रहण कर लेता है। और आपके फेवरेट मूवीस, टीवी शो इन सभी को हाई डेफिनेशन डिटेल के साथ में ग्रहण करके उसको बदल भी देता है।

प्रोजेक्टर ऐसा ऑप्टिकल डिवाइस है। जो कि इमेज या मूविंग इमेजेस को प्रोजेक्ट कर देता है। एक सरफेस के ऊपर जो कि मुख्य रूप से एक प्रोजेक्शन स्क्रीन होती है। आज के समय में सबसे कॉमन टाइप के प्रोजेक्टर वीडियो प्रोजेक्टर होते हैं। वीडियो प्रोजेक्टर को हम डिजिटल रिप्लेसमेंट पहले प्रकार के प्रोजेक्टर की तरह साइड प्रोजेक्टर और ओवरहेड प्रोजेक्टर भी।

प्रोजेक्टर का आविष्कार

प्रोजेक्टर का आविष्कार सन 1894 के अंदर charles francis jenkins के द्वारा हुआ था। आज के समय में जो प्रोजेक्टर है और पुराने समय में जो प्रोजेक्टर थे। उनमें कुछ भी समानता नहीं है। जहां पहले के लोग ओरिजिनल मॉडल्स में cellulois फ़िल्म के द्वारा लाइट को ब्लास्ट कर देते थे। और इसमें इमेज और साउंड को एक साथ चैटिंग कर दिया जाता था। कुछ ऐसे ही टेक्निक्स का इस्तेमाल करके आज भी इस्तेमाल नहीं होता है।

जो मॉडर्न प्रोजेक्टर के डिजाइन और इंप्लीमेंटेशन है दोनों में बहुत ही कंपलेक्सिटी होती है। इससे बहुत अलग-अलग प्रकार के core टेक्नोलॉजी का उपयोग होता है जो कि प्रोस्पेक्टिव buyer को बहुत बड़ा रेंज प्रदान करती है।

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प्रोजेक्टर के प्रकार

प्रोजेक्टर मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं..

1.DLP प्रोजेक्टर – DLP टेक्नोलॉजी बेटा ऑप्टिकल सेमीकंडक्टर के ऊपर एक चिप लगी होती है जिसको डीएमडी (डिजिटल माइक्रो मिरर डिवाइस) कहा जाता है। सन 1987 में टेक्सास इंस्ट्रूमेंट ने बनाया एक डीएमडी चिप के कई मिलियन टाइनी मिररर्स बने होते हैं जोकि 10 डिग्री एंगल में रोटेट भी होते हैं।

2.LCD प्रोजेक्टर : – LCD प्रोजेक्टर टाइप के वीडियो को प्रोजेक्टर बना होता है जिसका इस्तेमाल डिसप्लेइंग वीडियो इमेज और कंप्यूटर डाटा को स्क्रीन पर या दूसरे फ्लैट सर्फेस में शो करने के लिए किया जाता है। यह स्लाइड प्रोजेक्टर या ओवरलोड प्रोजेक्टर के मॉडर्न वर्जन के रूप में है।

3.CRT प्रोजेक्टर – सी आई डी प्रोजेक्टर वह होते हैं जिनका सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। सीआरटी का फुल फॉर्म ‘cathode ray tube” होता है। आप लोगों ने इस तरह के प्रोजेक्टर को स्कूल के ऑडिटोरियम में या फिर bars मे जरूर देखा होगा। सीआरटी यूटिलाइज 3 ट्यूब की होती है। जिसको guns भी कहते हैं। यह तीन कलर कंबाइन कवरेज होकर इमेज बनाते हैं।

प्रोजेक्शन स्क्रीन क्या है

प्रोजेक्शन स्क्रीन वह होता है। जहां इंस्टॉलेशन में एक सरफेस और एक स्ट्रक्चर होता है। जिसका इस्तेमाल अक्सर प्रोजेक्ट इमेज की डिस्प्ले करने के लिए किया जाता है। जिसको आखिरी में ऑडियंस को दिखाते हैं। प्रोजेक्शन स्क्रीन को या तो परमानेंटली इंस्टॉल कर लिया जाता है। जैसे मूवी थिएटर में अक्सर देखा होगा या फिर सेमी परमानेंट तौर पर लगाया जाता है। इसका उदाहरण आपने अक्सर कॉन्फ्रेंस रूम में रखा हुआ प्रोजेक्टर होता है।

प्रोजेक्शन स्क्रीन कई तरह की वैरायटी में आपको देखने को मिल सकते हैं। जैसे डिजिटल प्रोजेक्टर, मूवी प्रोजेक्टर, स्क्रीन ओवरहेड प्रोजेक्टर, स्लाइड प्रोजेक्टर इत्यादि प्रकार के प्रोजेक्टर आप मार्केट में देख सकते हैं।

प्रोजेक्टर में lens

प्रोजेक्टर में हमेशा convex lens को उपयोग में लिया जाता है यह दोनों साइड से outerwards curved होते हैं। और ये मैग्नीफाइंग lens भी एक तरह के convex लेंस की तरह ही होते हैं। जब लाइट पास इसके द्वारा होती है तब आपको एक इमेज मिल जाती है। जो स्क्रीन में बहुत बड़ी दिखाई देती है। उस ऑब्जेक्ट की तुलना में यह इमेज इनवर्टर हो जाती है। इसीलिए यह इनवर्टेड वीडियो या फिर इमेज हो प्रोजेक्टर के अंदर जोड़ा जाता है। जिससे कि बाद में टेक स्क्रीन इनवर्टेड में प्रोजेक्ट कर दिया जाता है। फाइनली इमेज इससे सीधी दिखने लग जाती है।

Conclusion

दोस्तों आज इस पोस्ट में आपको “प्रोजेक्टर क्या होता है” इसके विषय में जानकारी प्रदान की है। हमें उम्मीद है कि आपको जो भी इसमें इंफॉर्मेशन दी गई है। वह आपको जरूर पसंद आएगी अगर इसी तरह की इन्फॉर्मेशन से जुड़ना चाहते हैं तो हमारी वेबसाइट पर विजिट जरूर करे। आपको हमारा लेख पसंद आया तो कमेंट सेक्शन में जाकर एक बार कमेंट करके जरूर बताएं।