What is the history of computer? कंप्यूटर का इतिहास क्या है?

क्या आप कंप्यूटर के इतिहास के बारे में जानते हैं क्योंकि कंप्यूटर के बारे में तो आज बच्चे से लेकर बड़ों तक हर कोई जानकारी रखता है कंप्यूटर के आविष्कार ने आज पूरी दुनिया को ही बदल कर रख दिया है लेकिन इसका इतिहास क्या रहा है और पहली बार कब कंप्यूटर बनाया गया दुनिया के सामने अस्तित्व में ही है कब आया इन सब बातों के बारे में शायद ही हर कोई व्यक्ति जानकारी रखता होगा इसीलिए आज हम इस लेख के माध्यम से आप सभी को कंप्यूटर का इतिहास क्या है और इसकी खोज कब हुई थी इन सभी की जानकारी बताने जा रहे हैं

आज के समय में देखा जाए तो एक से बढ़कर एक हाइटेक कंप्यूटर लोगों के द्वारा उपयोग में लिए जा रहे हैं इसीलिए यह कहना भी बिल्कुल गलत नहीं हो सकता है कि कंप्यूटर मानव जीवन का सबसे बड़ा आविष्कार रहा है क्योंकि आज विश्व के हरे क्षेत्र में कंप्यूटर के बिना किसी भी कार्य को करना असंभव होता जा रहा है।

What is the history of computer? कंप्यूटर का इतिहास क्या है?

आज फिल्म निर्माण यातायात अंतरिक्ष बड़े-बड़े बिजनेस हर छोटे-बड़े क्षेत्र में कंप्यूटर को प्रयोग में लिया जा रहा है। मनुष्य के द्वारा और सटीक गणना करने वाली डिवाइस की हमेशा मांग और खोजने में कंप्यूटर के आविष्कार को आज संम्भव करके दिखा दिया तो चलिए जानते हैं कंप्यूटर के इतिहास के बारे में जानकारी…

कंप्यूटर का इतिहास

कंप्यूटर का आविष्कार लगभग 2000 साल पुराना है सबसे पहले कंप्यूटर की शुरुआत अबेकस के रूप में हुई थी अबेकस एक लकड़ी का बना हुआ एक रैक की तरह होता था जिसमें 2 तार लगे होते हैं दोनों तार एक दूसरे के समानांतर लगे होते थे तार के ऊपर मणिका आकार की वस्तु लगी होती थी उस मणिका को घुमा कर गणित के किसी भी प्रश्न को आसानी से सॉल्व किया जा सकता था। दूसरी तरफ एस्ट्रोबेल लगा होता था। जो आपस में जोड़ने का काम करता था।

Pascaline

सन 1642 में फ्रांस के मैथमेटिक्सन ब्लेज पास्कल के द्वारा एक यांत्रिक गणना करने का यंत्र बनाया गया इस यंत्र को एडिंग मशीन कहा गया था यह मशीन जोड़ने और घटाने की गणना को सॉल्व क्या करती थी यह मशीन घड़ी और ऑडोमीटर के सिद्धांत पर काम करती थी कल के द्वारा बनाई गई इस युक्ति को ही Pascaline कहां गया था। यह कंप्यूटर के इतिहास का सबसे पहला मेकेनिकल कैलकुलेटिंग मशीन हुआ करता था।

Jacquard’s loom

फ्रांस के बुनकर जोसेफ जेकार्ड ने कपड़े बुनने से एक ऐसे loom को बनाया जो कपड़ों की डिजाइन का पैटर्न खुद तैयार कर देता था इसका निमंत्रण कार्ड बोर्ड के छिद्र युक्त पंचकारणों के द्वारा किया जाता था। जेकार्ड के इस लूम को कंप्यूटर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान मिल गया था इससे दो विचारधाराएं निकल के सभी के सामने आई

  • सूचना को पंच कार्ड पर अंकित कर दिया जा सकता है।
  • पंच कार्ड पर संग्रहित सूचनाओं को निर्देशों का समूह माना जा सकता है जो प्रोग्राम के रूप में काम करते हैं।

John napier’s bone

इस डिवाइस का आविष्कार 17वी शताब्दी के शुरुआत में किया गया था। नेपियर बोंस हड्डियां, हाथी के दांत, धातु से बनी हुई छड़ी होती थी। जिसके ऊपर नंबर लिखे हुए होते थे इस यंत्र को ही कार्ड बोर्ड मल्टीप्लिकेशन केलकुलेटर कहते है। यह एक मैकेनिकल गाना करने वाला डिवाइस है इसका उपयोग अंकों को गुणा और भाग करने के लिए किया जाता है नेपियर बॉन्स में अंको को गुणन करने की जगह सभी डिजिट को जोड़ के सहायता से गुणा किया है

डिफरेंशियल और एनालिटिकल इंजन

सन 1822 में चार्ल्स बैबेज के द्वारा Pascaline की प्रेरणा के द्वारा पहला यांत्रिक कंप्यूटर का आविष्कार किया गया। कंप्यूटर को डिफरेंशियल कंप्यूटर भी कहा जाता था। इसके अंदर विचित्र विचित्र मशीनें जैसे “डिफरेंशियल इंजन” “एनालिटिकल इंजन ” को बनाया ताकि यह सही तरीके से गणना कर सके। चार्ल्स बैबेज एक ब्रिटिश गणितज्ञ है और इनको कंप्यूटर की दुनिया का जनक भी कहा जाता है।

इनके द्वारा पहला एनालिटिकल इंजन के रूप में किया जाने वाला पहला सामान्य कंप्यूटर का आविष्कार इनके द्वारा किया गया। आज जितने भी कंप्यूटर बनाए जा रहे हैं वह इन्हीं के आधार पर बनाए जा रहे हैं। सन 1937 में स्वचालित कंप्यूटर की कल्पना के बारे में सोचा लेकिन पैसे की कमी की वजह से मैं पूरा नहीं हो सका।

कीबोर्ड मशीन

सन 1980 में संयुक्त राज्य अमेरिका में एक कीबोर्ड मशीन का विकास किया गया था। इस कीबोर्ड मशीन में सभी आंकड़ों में निर्देशों को देने के लिए कीबोर्ड का प्रयोग किया जाता था और आज भी कीबोर्ड का इस्तेमाल आप सभी के सामने है।

कंप्यूटर का इतिहास भारत में

भारत में कंप्यूटर की शुरुआत आजादी के बाद सन् 1950 से की गई थी। पहला भारत में विकसित कंप्यूटर TIFRAC था। हालांकि इसके विकास कार्य की शुरुआत सन 1955 में ही हो गई थी और पूर्ण रूप से 1959 में इस को विकसित कर दिया गया था। इस कंप्यूटर में बहुत ही समस्याओं को सॉल्व करने के साथ-साथ परमाणु ऊर्जा सत्यापित करने के लिए मिनी कंप्यूटर को डिजाइन किया गया था।

कंप्यूटर की जनरेशन की तरह भारत में भी कंप्यूटर के विकास को अलग-अलग तरह से फेज में होकर गुजरना पड़ा था। सन 1984 में जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने थे तो उन्होंने भारत में मिनी कंप्यूटर को निजी क्षेत्र के द्वारा बनाने की अनुमति प्रदान कर दी थी।

Conclusion

आज हमने इस पोस्ट के माध्यम से आप सभी को कंप्यूटर का इतिहास क्या है इसके बारे में जानकारी प्रदान की है। हमें उम्मीद है कि जो भी इंफॉर्मेशन इस पोस्ट में आपको बताई है वह आपको जरूर पसंद आएगी। अगर इसी तरह की जानकारियों से आप जुड़ना चाहते हैं तो हमारी वेबसाइट पर कंटिन्यू विजिट कर सकते हैं और यह पोस्ट पसंद आई तो कमेंट सेक्शन में जाकर कमेंट करके जरूर बताएं।

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