Who wrote the Constitution? संविधान किसने लिखा?

आप सब जानते हैं कि सभी देशों में संविधान एक जैसे नहीं होते है। कुछ देशों के संविधान तो लिखित में होते हैं और कुछ मौलिक रूप से बने हुए होते हैं। हमारे देश का संविधान लिखित रूप से वर्णित है। पुराने अंग्रेजो के द्वारा चलाए गए सभी नियम कानूनों को समय परिस्थिति के अनुसार बदल दिया गया। और एक नए संविधान का जन्म हुआ। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि भारत का संविधान आखिर किसने लिखा? भारत का संविधान आखिर क्या है? भारत का संविधान बनाने की आवश्यकता क्यों पड़ी थी, भारत के नागरिकों के संविधान के प्रति क्या कर्तव्य इन सभी के बारे में आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने जा रहे हैं…

Who wrote the Constitution ? संविधान किसने लिखा?

संविधान क्या है?

किसी भी देश की अर्थव्यवस्था, राजनीतिक, लोकतांत्रिक व्यवस्था को सही ढंग से चलाने के लिए कुछ विशेष प्रकार के नियम कानूनों को बनाया जाता है। भारत पर तकरीबन 200 वर्ष तक अंग्रेजों ने राज किया था। अंग्रेजो के द्वारा बनाया गया संविधान लिखित रूप में नहीं था। अंग्रेजों को कुछ अलग नियम कानून बने हुए थे उन्हीं के आधार पर देश के संचालन को सुचारू रूप से चलाया जा रहा था। Also Read: How to earn money by playing rummy? रमी खेल कर पैसे कैसे कमाए?

लेकिन जब देश आजाद हुआ, तब नए संविधान को बनाया गया। सभी नियम कानून देश में सभी लोगों के लिए एक समान रूप से लागू किए जाते हैं। किसी देश के द्वारा बनाए गए नियम कानून जिनके द्वारा संपूर्ण देश का संचालन सही ढंग से किया जाता है। उन सभी नियम कानूनों को ही संविधान कहा जाता है। हमारे भारतीय संविधान में देश की शासन व्यवस्था किस तरह होगी, नागरिकों की कौन-कौन से अधिकार दिए जाएंगे सरकारों के चुनाव किस तरह से लागू होंगे, न्याय की प्रक्रिया क्या होगी, इसी तरह के बहुत से नियमों का वर्णन हमारे संविधान में दिया गया है।

संविधान भारत का कितने लिखा?

हमारा भारतीय संविधान डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के द्वारा लिखा गया है और यह संविधान हाथों से लिखा गया है। इसको लिखने वाले प्रेम बिहारी नारायण रायजादा में इन्होंने संविधान को हिंदी और इंग्लिश दोनों ही भाषाओं में अपने हाथ से लिखा है। भारतीय संविधान को बनकर तैयार होने में 2 साल 11 महीने और 17 दिन लग गए थे। तब जाकर इसका फाइनल ड्राफ्ट तैयार हुआ था, इसीलिए भारत के संविधान का निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को कहा जाता है। भारतीय संविधान को लिखने में 6 महीने का समय लग गया था।

जब इसको प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखा था तो उन्होंने अपनी मेहनत के बदले पैसे लेने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा था कि इस संविधान के सभी पेज पर अपना नाम और अंतिम पेज पर अपने दादाजी का नाम लिखेंगे। भारत के संविधान को चित्रों के द्वारा बनाया गया है। आचार्य नंदलाल बोस ने संविधान के प्रस्तावना पेज को छोड़कर सभी पेजों को चित्रों के द्वारा सजाया है। इसके शुरू के प्रस्तावना पेज को राम मनोहर सेना के द्वारा बनाया सजाया गया है। राम मनोहर सिन्हा नंदलाल बोस के आज भी संविधान की हाथों से लिखी हुई प्रति लिपि भारत की संसद की लाइब्रेरी में हिलियम से भरे हुए केस के अंदर रखी हुई है।

भारत की नागरिकता

भारत की नागरिकता सभी भारतीयों का एक विशेष अधिकार होता है, जो देश में रह रहे सभी लोगों को एक सर्टिफिकेट के रूप में दिया जाता है, जैसे आपका वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड यह आप की नागरिकता के बहुत बड़े प्रमाण है। इसके अलावा कुछ विशेष अधिकार संविधान के द्वारा दिए गए हैं। आज हमारे भारतीय संविधान में पूरे भारतवर्ष के सभी लोगों के लिए एक ही नागरिकता का प्रावधान है अर्थात आप भारत के किसी भी राज्य के शहरी क्षेत्र किसी भी गांव में रह रहे हो तो आपके पास में भारत की नागरिकता है। हमारे भारतीय संविधान में भारत की नागरिकता का वर्णन भाग 2 अनुच्छेद 5 से 11 तक विस्तार पूर्वक वर्णन देखने को मिलता है।

संविधान के अंतर्गत भारत के नागरिकों के मूल कर्तव्य

भारत के संविधान में भारत के सभी नागरिकों के मूल कर्तव्यों का वर्णन किया गया है, जो कि निम्न हैं..

सबसे पहले भारत के सभी नागरिकों का कर्तव्य बनता है कि वह अपने भारत के बने हुए संविधान का पालन करें उनके आदर्श राष्ट्रीय ध्वज राष्ट्रगान का भी सम्मान पूर्वक आदर सम्मान करें।

भारत की प्रभुता, एकता व अखंडता को बनाये रखना यह हर नागरिक का कर्तव्य है।

भारत के सभी लोगों में समरसता और भाईचारे की भावना को बनाए रखने और प्रभाव का त्याग करने और सभी धर्मों का आदर करने का वर्णन किया गया है।

संविधान की प्रस्तावना का महत्व

भारतीय संविधान की प्रस्तावना एक अलग ही महत्व दर्शाती है। फिर सभी महत्व के परिजनों पर चलकर सरकार को अपने राज्य क्षेत्र के लोगों के लिए नई नई नीतियां बनानी होती है।

भारत के संविधान के प्रस्तावना एक-एक शब्द घोषणा करती है कि भारत एक संपूर्ण प्रभुत्व समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतांत्रिक वाला देश है।

भारतीय संविधान की प्रस्तावना सभी राज्य के नागरिकों की गरिमा और प्रतिष्ठा को बनाए रखने को पहले महत्व देता है।

भारत के संविधान के अंतर्गत भारत के सभी नागरिकों को देश की अखंडता व एकता को बनाए रखने के लिए कहा गया है।

Conclusion

आज हमने आपको इस आर्टिकल के द्वारा संविधान किसने बनाया के बारे में जानकारी प्रदान की है। उम्मीद है आपको हमारे द्वारा दी गई सभी जानकारी पसंद आई होंगी। इसी तरह की जानकारियों से जुड़े रहने के लिए हमारी वेबसाइट से जुड़ सकते हैं और यह जानकारी पसंद आए तो कमेंट करके बता सकते हैं।

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